कोरोना वायरस रोकने के लिए कर्नाटक और तमिलनाडु ने बनाई मोबाइल ऐप, केंद्र के साथ कई राज्य सरकारें भी ऐप कर चुकी हैं तैयार
देश में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिएकई राज्य सरकारें मोबाइल ऐप का इस्तेमाल कर रही है। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने भी इसके लिए एक मोबाइल ऐप तैयार किया है।
कर्नाटक और तमिलनाडु सरकारों ने क्वारंटाइन में रह रहे लोगों की निगरानी के लिए मोबाइल ऐप विकसित की है। इसके जरिये कोरोनोवायरस के प्रसार को रोकने के लिए इस बारे में उनके संपर्कों को सूचित किया जा रहा है।
केंद्र सरकार और अन्य राज्य सरकारें भी महामारी को नियंत्रित करने के लिए टेक्नालजी का उपयोग कर रही हैं।
कर्नाटक के COVID-19 वार रूम के सचिव मुनीश मौदगिल ने पीटीआई को बताया,
"हमने ऐप विकसित किया है और यह कुछ दिनों के भीतर गूगल प्लेस्टोर पर उपलब्ध होगा। होम क्वारंटाइन में रहे उन लोगों के लिए आवश्यक है कि वे इस ऐप को डाउनलोड करें और इसे हर समय सक्रिय रखें। यदि वे इसका पालन नहीं करते हैं, तो उन्हे तब उन्हें बड़े पैमाने पर क्वारंटाइन में लाया जाएगा।”
गूगल प्लेटस्टोर पर मौजूद कोरोना वॉच ऐप ऐसे लोगों की लोकेशन ट्रैक करेगी और बीते 14 दिनों में उनकी यात्रा इतिहास के बारे में भी जानकारी देगी।
यदि ऐप पर मौजूद अन्य लोग एक क्वारंटाइन में रह रहे व्यक्ति द्वारा नियम का उल्लंघन पाते हैं, तो वे कार्रवाई के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रदान किए गए नंबरों पर कॉल कर सकते हैं।
मौदगिल ने कहा कि व्यक्ति क्वारंटाइन अवधि के दौरान ऐप को हटा या उसमें हेरफेर नहीं कर सकता है क्योंकि राज्य सरकार इसे लगातार मॉनिटर करेगी।
उन्होने आगे कहा,
“व्यक्ति को हर रोज़ अपनी फोटो क्लिक करने और सबमिट करने की आवश्यकता होगी। हमारे पास क्वारंटाइन सूची में सभी लोगों का विवरण है। ऐप डाउनलोड होने के बाद एक बार उनके लिए एक संदेश भेजा जाएगा। फ़ोटो को सत्यापित करने के लिए हमारे पास एक समर्पित टीम भी है।”
उन्होने आगे कहा,
"संख्या हर रोज़ बदलती रहती है। फिलहाल हमारे पास राज्य भर में लगभग 20,000 लोग होम क्वारंटाइन हैं।"
तमिलनाडु सरकार ने इसी तर्ज पर COVID-19 क्वारेंटाइन मॉनिटर तमिलनाडु ऐप भी विकसित किया है। इस बीच कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने शुक्रवार को सभी राज्यों से 15 लाख अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रियों की प्रभावी रूप से निगरानी करने के लिए कहा, जो 18 जनवरी से 23 मार्च तक भारत आए थे।
सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में गौबा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की निगरानी में अंतर से नोवेल कोरोनवायरस के प्रसार को रोकने के प्रयासों को खतरा हो सकता है।
केरल और पंजाब जैसी कुछ अन्य राज्य सरकारों ने लोगों को कोरोनोवायरस पीड़ितों, सलाह और सावधानियों के लिए प्रदान की जाने वाली सेवाओं तक पहुंच बनाने के लिए ऐप विकसित किया है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय कोरोनोवायरस रोगियों की निगरानी के लिए एक ऐप का परीक्षण भी कर रहा है, लेकिन यह मुख्यता उनके उपचार और स्थिति पर प्रतिक्रिया के बारे में है। मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया है कि ऐप के औपचारिक रूप से लॉन्च होने के बाद विवरण साझा किया जाएगा।
फिलहाल सरकार ने फेसबुक और व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर जानकारी साझा करना शुरू कर दिया है। इसने इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम पर एक चैनल भी लॉन्च किया है, जिसे असीमित संख्या में लोग एक्सेस कर सकते हैं।