करवाचौथ पर पत्नी को गिफ्ट करनी है गोल्ड ज्वैलरी, खरीद के वक्त याद रखें ये पॉइंट्स
अगर आप अपनी पत्नी को करवाचौथ पर गोल्ड ज्वैलरी गिफ्ट करना चाहते हैं तो इन सावधानियों का ध्यान जरूर रखें...
आज 13 अक्टूबर को करवाचौथ का त्योहार (Karwachauth 2022) है. पत्नी अपने पति की लंबी उम्र की कामना करते हुए आज के दिन निर्जला व्रत रखती है. कई पति ऐसे हैं, जो इस मौके पर अपनी पत्नी को आभार स्वरूप गिफ्ट देते हैं. इस गिफ्ट में गोल्ड ज्वैलरी (Gold Jewellery) देना आम हो चला है. ऐसे में अगर आप भी अपनी पत्नी को गोल्ड ज्वैलरी गिफ्ट करना चाहते हैं तो इन सावधानियों का ध्यान जरूर रखें...
सोने की शुद्धता
सोने की ज्वैलरी खरीदते समय उसकी शुद्धता पर जरूर ध्यान दें. शुद्ध सोना 24 कैरेट का होता है. हालांकि ज्वैलरी 24 कैरेट गोल्ड की नहीं बनती है. इसकी वजह है कि सोना बहुत लचीला और कोमल होता है. इसलिए ज्वैलरी में 24 कैरेट गोल्ड इस्तेमाल नहीं होता है. ज्वैलरी में 22 कैरेट या 18 कैरेट गोल्ड का इस्तेमाल होता है. कैरेट के अलावा फाइननेस के जरिए भी प्योरिटी का पता लगाया जा सकता है. फाइननेस के नंबर होते हैं जैसे 916, इसका मतलब है कि कॉइन 999.9 फीसदी प्योर है.
कैरेट के मुताबिक कीमत
सोना जितने ज्यादा कैरेट का होता है, उसकी कीमत भी उसके मुताबिक बढ़ती है. 22 कैरेट सोना 24 कैरेट के सोने से सस्ता होता है. क्योंकि ज्वैलरी 22 कैरेट गोल्ड की होती है, इसलिए इसकी कीमत 24 कैरेट गोल्ड के मुताबिक नहीं होगी. इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि शुद्ध सोने की ज्वैलरी बताकर 22 कैरेट ज्वैलरी के लिए 24 कैरेट के हिसाब से कीमत नहीं लगाई जाए. इसके अलावा बिल बनवाते समय ज्वैलर से सोने की शुद्धता और कीमत को बिल पर जरूर लिखवाएं.
स्टडेड ज्वैलरी
स्टडेड गोल्ड ज्वैलरी की फाइनल कीमत में नग की कीमत भी शामिल रहती है. ऐसी ज्वैलरी को खरीदते समय ग्राहक को स्टोन्स या जेम्स की शुद्धता का सर्टिफिकेट जरूर लेना चाहिए. ध्यान रहे कि उनकी कीमत और वजन भी बिल में शामिल हो. वैसे तो ग्राहकों को स्टडेड चीजों की कीमत और वजन भी बिल पर अलग से दिया जाता है. लेकिन कुछ ज्वैलर्स स्टडेड ज्वैलरी में लगे स्टोन्स और जेम्स को भी सोने की कीमत में लगाते हैं और उनका वजन अलग से नहीं करते हैं.
बाद में जब कभी ग्राहक उस ज्वैलरी को बेचता है तो नगों का दाम अलग रहता है और सोने का अलग. 1 या 2 छोटे स्टोन्स होने पर फर्क नहीं पड़ता लेकिन हैवी वर्क होने पर ध्यान देना जरूरी हो जाता है. ऐसे में अगर स्टोन्स, सोने से सस्ते हैं तो ग्राहक को नुकसान हो सकता है. इसलिए बिल पर स्टडेड चीजों के दाम और वजन अलग से दिया होने पर आप धोखे से बच जाएंगे. शुद्धता का सर्टिफिकेट आपको नकली जेम्स व स्टोन्स की असली के हिसाब से कीमत देने से बचाएगा.
हॉलमार्क
BIS हॉलमार्क सोने की शुद्धता की गांरटी होता है. इसलिए बिना हॉलमार्क वाली ज्वैलरी को नहीं खरीदें. सरकार, ज्वैलर्स की ओर से की जाने वाली ज्वैलरी की बिक्री के लिए BIS हॉलमार्क अनिवार्य कर चुकी है. यानी अब ज्वैलर्स बिना हॉलमार्क वाली ज्वैलरी की बिक्री नहीं कर सकते हैं.
ज्वैलरी का मेकिंग चार्ज
सोने की ज्वैलरी बनवाते समय उस पर किए गए काम के हिसाब से मेकिंग चार्ज लिया जाता है. ज्वैलरी जितने ज्यादा काम वाली होती है, उसका मेकिंग चार्ज ज्यादा रहता है. त्योहारों के समय मांग ज्यादा रहती है, जिसका फायदा उठाते हुए कुछ जालसाज ज्वैलर्स छोटी सी ज्वैलरी पर भी हैवी ज्वैलरी के मुताबिक चार्ज लगा देते हैं. ज्यादातर ग्राहकों के पास समय कम होता है और उन्हें ज्वैलरी चाहिए होती है, इसलिए वह बहुत ज्यादा मोल-तोल किए बिना ज्वैलर का बताया हुआ मेकिंग चार्ज देने के लिए तैयार हो जाते हैं. लेकिन मेकिंग चार्ज को लेकर आप जितना मोल-भाव कर सकते हैं, उतना जरूर करें.
बिल लेना न भूलें
सोने की खरीद करते वक्त पक्का बिल लेना न भूलें. कई लोग जान-पहचान के ज्वैलर की दुकान से खरीदारी करते समय बिल को अहमियत नहीं देते, जो किगलत है. सोना चाहे जहां से खरीदें लेकिन उसका पक्का बिल लेना बिल्कुल नहीं भूलें. इस बात का भी ध्यान रखें कि उसमें खरीदी गई ज्वैलरी की क्वांटिटी, शुद्धता, गोल्ड रेट, मेकिंग चार्ज, ज्वैलरी का वजन और दुकानदार आदि की पूरी जानकारी, भुगतान किया जाने वाला कुल अमाउंट शामिल की गई है. जब भी सोना खरीदें तो उसका वजन चेक जरूर करें.
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