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Monkeypox को लेकर केरल सरकार ने जारी की एसओपी, क्या है ये बीमारी?

राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने एक प्रेस विज्ञप्ति में एसओपी का विवरण दिया, जिसका पालन सभी निजी तथा सरकारी अस्पतालों को करना होगा.

Monkeypox को लेकर केरल सरकार ने जारी की एसओपी, क्या है ये बीमारी?

Wednesday July 20, 2022 , 2 min Read

केरल में मंकीपॉक्स (monkeypox) के दो मामले सामने आने के बाद राज्य सरकार ने बुधवार को संक्रमित लोगों या जिनमें इसके लक्षण नजर आ रहे हैं उनके पृथक रहने, नमूने एकत्रित करने और उपचार के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है.

राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज (Veena George) ने एक प्रेस विज्ञप्ति में एसओपी का विवरण दिया, जिसका पालन सभी निजी तथा सरकारी अस्पतालों को करना होगा.

उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति जिसने पिछले 21 दिनों में उस देश की यात्रा की है, जहां मंकीपॉक्स के मामले सामने आए हैं. उनके शरीर पर अगर लाल धब्बे दिखें या उनमें सिरदर्द, शरीर में दर्द या बुखार जैसे अन्य लक्षण हों तो वे संदिग्ध वायरस से संक्रमित हो सकते हैं.

प्रेस विज्ञप्ति में मंत्री ने कहा कि निकट शारीरिक या सीधे त्वचा के त्वचा से संपर्क, संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाने या उनके बिस्तर या कपड़ों को छूने से संक्रमण फैलने का खतरा है. इस श्रेणी में आने वाले सभी लोगों को रोगी का निकट संपर्क माना जाएगा. पीसीआर जांच के जरिए ही संक्रमण की पुष्टि हो सकती है.

स्वास्थ्य विभाग की एसओपी के अनुसार, मंकीपॉक्स के संदिग्ध और संभावित मरीजों का उचार अलग-अलग होगा और जिला निगरानी अधिकारी को तुरंत इस संबंध में सूचना दी जाएगी. राष्ट्रीय विषाणु रोग विज्ञान संस्थान (NIV) द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार नमूने एकत्र किए जाएं और इसे प्रयोगशाला में भेजने के लिए डीएसओ जिम्मेदार होंगे.

एसओपी के अनुसार, अगर निकट संपर्क में आए व्यक्ति को बुखार हो, तो उन्हें पृथक किया जाए और यदि उनके शरीर पर लाल धब्बे दिखाई देते हैं, तो उनके नमूने मंकीपॉक्स की जांच के लिए भेज जाएं. अगर रोगी के निकट संपर्क में आए किसी व्यक्ति में कोई लक्षण नहीं भी है, तब भी वे रक्तदान आदि ना करें.

गौरतलब है कि भारत में मंकीपॉक्स का दूसरा मामला केरल के कन्नूर जिले में सोमवार को सामने आया था. देश में मंकीपॉक्स का पहला मामला भी 14 जुलाई को दक्षिण केरल के कोल्लम जिले में सामने आया था.