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खादी से जुड़े वर्कर्स को KVIC का तोहफा, मजदूरी में किया इजाफा

मकसद है कि खादी-ग्रामोद्योग कार्यक्रम से जुड़े श्रमिकों के हाथों में अधिक से अधिक धन उपलब्ध हो, उनकी आय के स्रोत बढ़ें और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके.

खादी से जुड़े वर्कर्स को KVIC का तोहफा, मजदूरी में किया इजाफा

Thursday February 09, 2023 , 2 min Read

खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) ने खादी से जुड़े वर्कर्स की आय बढ़ाने का फैसला किया है. KVIC ने मजदूरी 7.50 रुपये प्रति हैंक से बढ़ाकर 10 रुपये प्रति हैंक करने का ऐतिहासिक निर्णय किया है. इससे कारीगरों की मासिक आय में लगभग 33% की वृद्धि होगी, वहीं बुनकरों की मजदूरी में 10% की वृद्धि होगी. यह फैसला 1 अप्रैल 2023 से प्रभावी होगा. सूक्ष्म, लघु एवं मंझोले उद्यम मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि 30 जनवरी 2023 को गुजरात के कच्छ में KVIC की 694वीं बैठक आयोजित की गई. KVIC के चेयरमैन मनोज कुमार की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में आयोग ने यह फैसला किया.

इस अवसर पर मनोज कुमार ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-2022 में खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों का उत्पादन 84,290 करोड़ और बिक्री 1,15,415 करोड़ थी. 2 अक्टूबर 2022 को खादी इंडिया के सीपी आउटलेट ने एक दिन में 1.34 करोड़ रुपये की खादी बिक्री का नया रिकॉर्ड बनाया है. इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश की जनता को खादी खरीदने के लिए किए गए आह्वान और खादी उत्पादन व बिक्री कार्य में लगे लाखों कारीगरों और खादी श्रमिकों के लिए, जो अथक परिश्रम करते हैं, को जाता है.

खादी संवाद का आयोजन

इसके अलावा उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्तर पर खादी श्रमिकों को प्रोत्साहित करने और खादी उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से KVIC ने पिछले कुछ महीनों में खादी श्रमिकों, देश के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत खादी संस्थाओं और खादी संगठनों के साथ खादी संवाद की सीरीज का आयोजन किया. उनकी समस्याओं को समझने और उनमें नई ऊर्जा का संचार करने के लिए उनसे सीधे संवाद किया गया.कुमार ने कहा कि खादी संवाद के दौरान उन्होंने पाया कि खादी क्षेत्र के सूत कातने वालों और बुनकरों ने खादी का उत्पादन बढ़ाने में विशेष योगदान दिया है. उनके पारिश्रमिक को बढ़ाने की मांग दशकों से लंबित है. इस मांग को गंभीरता से लिया गया और KVIC की 694वीं बैठक में उनकी आय में वृद्धि करने व अधिक देशवासियों को खादी की ओर आकर्षित करने के लिए वेतन में 33 प्रतिशत संशोधन करने का निर्णय लिया गया. इसके पीछे मकसद है कि खादी-ग्रामोद्योग कार्यक्रम से जुड़े श्रमिकों के हाथों में अधिक से अधिक धन उपलब्ध हो, उनकी आय के स्रोत बढ़ें और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके.


Edited by Ritika Singh