महाराष्ट्र में जल संकट से जूझ रहे लोगों की मदद कर रहा खालसा ऐड
हमने पर्यावरण और इसके संसाधनों का इतनी बुरी तरह से दुरुपयोग किया है, कि अब हम पर्यावरण के अस्तित्व संकट का सामना कर रहे हैं। सबसे बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधन पानी का इतना दुरुपयोग हुआ है कि आज पूरी दुनिया इसके संकट से जूझ रही है। दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में पानी की कमी से पर्यावरण तहस नहस हो गया है। भारत में हर वर्ष महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में पानी का भयंकर संकट होता है। इस वक्त आधा राज्य पानी की कमी महसूस कर रहा है। इन लोगों की मदद करने के लिए खालसा ऐड संगठन आगे आया है।
प्राकृतिक संसाधन- सबसे महत्वपूर्ण, पानी - पूरी दुनिया में चल रहा है। अभी, महाराष्ट्र में लोग भयंकर सूखे का सामना कर रहे हैं - लगभग आधा राज्य सूख गया है। जैसे-जैसे लोग गंभीर परिस्थितियों से जूझते हैं, खालसा एड के स्वयंसेवक मदद के लिए हाथ बढ़ा रहे हैं और उन्हें उम्मीद दे रहे हैं। हर वर्ष गर्मी के मौसम में महाराष्ट्र के विदर्भ, मराठवाड़ा और लातूर जैसे इलाकों में पानी का अकाल पड़ जाता है। लगभग 22 लाख लोग पानी के लिए तरसने लगते हैं। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, मानसून अभी भी एक महीने दूर है।
इस हालत में लोगों की मदद करने के लिए खालसा ऐड की टीम नासिक पहुंच गई है। नासिक में भी भंयकर पानी का अकाल होता है। अभी तक यह संस्था लोगों को 6,000 लीटर से भी ज्यादा पानी बांट चुकी है। वॉलंटियर पानी पहुंचाने के साथ ही गांव के कुओं को भी साफ कर रहे हैं। इससे पहले 2016 में भी खालसा एड के सदस्य लातूर पहुंचकर लोगों को पानी पहुंचाने का काम कर चुके हैं।
खालसा ऐड की टीम समय-समय पर आपदा संकट से जूझ रहे लोगों की मदद के लिए पहुंच जाते हैं। इससे पहले केरल में आई बाढ़, तमिलनाडु में तूफान और हाल ही में ओडिशा में आए फानी तूफान से प्रभावित लोगों की मदद कर चुके हैं। संस्था के सदस्यों ने आपदा से प्रभावित लोगों को भोजन और कपड़े प्रदान किए। प्राकृतिक संसाधनों की बर्बादी रोकने के प्रयास पता नहीं कब किए जाएंगे और कब सूखे से प्रभावित लोगों को राहत मिलेगी। लेकिन खालसा एड जैसे संगठन इंसानियत पर भरोसा मजबूत कर रहे हैं।
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