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अपनी बेहतरीन सेवाओं से बुजुर्गों का कुछ इस तरह ‘khyaal’ रख रहा है भारत का यह एजटेक स्टार्टअप

2020 में स्थापित, एजटेक स्टार्टअप ख्याल (Khyaal) भावनात्मक, आवश्यक, पोषण, डिजिटल साक्षरता, बीमा और चिकित्सा सहित छह व्यापक श्रेणियों में समग्र देखभाल प्रदान कर रहा है। यह उन बच्चों के लिए एक सरल तरीका प्रदान करता है जो अपने बड़ों की देखभाल करने के लिए दूर हैं।

Tenzin Pema

Shreya Ganguly

अपनी बेहतरीन सेवाओं से बुजुर्गों का कुछ इस तरह ‘khyaal’ रख रहा है भारत का यह एजटेक स्टार्टअप

Sunday March 28, 2021 , 8 min Read

बुजुर्गों की देखभाल करना समय के साथ कठिन हो गया है। कई पीढ़ियों वाले 'संयुक्त' भारतीय परिवारों के वे दिन अब चले गए हैं जहां परिवार के बुजुर्गों की सभी आवश्यकताओं की अच्छी तरह से देखभाल होती है। आज, पारिवारिक संरचनाओं में भारी बदलाव, शहरीकरण का उदय, और युवा पीढ़ी के अति व्यस्त जीवन के चलते बुजुर्गों के लिए समग्र देखभाल प्रदान करना और भी बड़ी चुनौती बन गया है। एजटेक स्टार्टअप ख्याल आम इंसान की इसी समस्या को हल करने के मिशन पर है।


ख्याल, जिसका अर्थ होता है देखभाल, इसका उद्देश्य सिर्फ इतना करना है कि - बुजुर्गों के लिए समग्र देखभाल मिले और उन्हें अच्छी तरह से शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और वित्तीय सहायता प्रदान हो।


हेमांशु जैन, प्रीतीश नेलारी और आलोक सोनी द्वारा स्थापित, ख्याल बुजुर्गों के लिए विभिन्न सब्सक्रिप्शन प्लान्स के माध्यम से वर्चुअल सेवाएं प्रदान करता है जो छह व्यापक देखभाल श्रेणियों को पूरा करते हैं: भावनात्मक, आवश्यक, पोषण, डिजिटल साक्षरता, बीमा और चिकित्सा।

ख्याल के को-फाउंडर्स हेमांशु जैन, प्रीतीश नेलारी, और आलोक सोनी टीम के कुछ सदस्यों के साथ

ख्याल के को-फाउंडर्स हेमांशु जैन, प्रीतीश नेलारी, और आलोक सोनी टीम के कुछ सदस्यों के साथ

वर्तमान में, भारत में बुजुर्ग देखभाल सेगमेंट में कई लोग काम कर रहे हैं लेकिन ये काफी हद तक शारीरिक देखभाल प्रदान करने पर केंद्रित हैं, बुजुर्गों की भावनात्मक जरूरतों को शायद ही कोई पूरा करता है।


बड़ी संख्या में युवा पीढ़ी दूसरे शहरों में अपने माता-पिता से दूर रहती है। ऐसे में ख्याल के समग्र देखभाल समाधान बच्चों को अपने माता-पिता और बड़ों की देखभाल के लिए एक आसान तरीका प्रदान करता है। इस दौरान स्टार्टअप की प्राथमिकता भावनात्मक भलाई की रहती है।


ख्याल भारत के शहरी इलाकों में रहने वाली वर्तमान बुजुर्ग आबादी के लिए समस्या का समाधान कर रहा है। वे कुल भारतीय आबादी का लगभग 10 प्रतिशत या 140 मिलियन से अधिक हैं। यह संख्या 2050 तक 20 प्रतिशत को छूने की उम्मीद है। भारत में वरिष्ठ देखभाल बाजार (Senior care market) का मूल्य लगभग 10 बिलियन डॉलर है और 20 प्रतिशत से अधिक सीएजीआर से बढ़ रहा है।

ख्याल का जन्म कैसे हुआ

ख्याल को COVID-19 महामारी के बीच में शुरू किया गया था क्योंकि हेमांशु ने इस जरूरत को बेहद करीब से देखा था। योरस्टोरी के साथ बात करते हुए, हेमांशु कहते हैं कि उन्हें व्यक्तिगत रूप से इस समस्या का सामना करना पड़ा जब उन्हें हर बार अपने पिता की देखभाल करने में मुश्किल होती थी क्योंकि उन्हें काम के लिए शहर से दूर जाना पड़ता था।


यह जानकर कि कितने बुजुर्ग अपने बच्चों से दूर रहते हैं, क्योंकि वे शहर के किसी दूसरे हिस्से में रह रहे होते हैं या काम के लिए किसी अलग शहर या देश में चले गए हों, हेमांशु को यकीन हो गया था कि उन्हें एक ऐसा उपाय ढूंढना होगा जिससे यह आसान हो जाए कि बच्चे दूर रहने के दौरान अपने बड़ों की देखभाल करते रहें।


सीरियल टेक-उद्यमी हेमांशु के पहले स्टार्टअप डायबेटो को लिवॉन्गो हेल्थ द्वारा 2017 में अधिग्रहित किया गया था। इसके बाद वे प्रितीश (जिन्होंने मुंबई स्थित कॉनवरसाइकल एंड नेलरिज्म वेंचर्स (Convercycle and Nellerism Ventures) की स्थापना की) और आलोक से मिले जो पहले YourStory में कोर टीम का हिस्सा थे।


तीनों बीटा प्रोग्राम को लॉन्च करने के लिए एकजुट हुए थे जिसके सफल समापन के परिणामस्वरूप 2021 की शुरुआत में ख्याल का शुभारंभ हुआ।

ख्याल के को-फाउंडर्स (L-R): प्रीतीश नेलारी, हेमांशु जैन, आलोक सोनी

ख्याल के को-फाउंडर्स (L-R): प्रीतीश नेलारी, हेमांशु जैन, आलोक सोनी

हेमांशु कहते हैं,

“यह सब 2020 के मध्य में एक साधारण बीटा कार्यक्रम के साथ शुरू हुआ। हमने वरिष्ठ नागरिकों का नामांकन करना शुरू किया, उनके द्वारा साझा की गईं सभी समस्याओं को जाना और नोट किया, और एक समाधान के साथ आने की कोशिश की। हमने बुजुर्गों के लिए सब्सक्रिप्शन-बेस्ड सर्विस बनाई। आमतौर पर, बच्चे ख्याल सब्सक्रिप्शन के लिए साइन अप करते हैं और अपने माता-पिता को गिफ्ट के रूप में पेश करते हैं।“


ख्याल ने हाल ही में अपने बीटा प्रोग्राम को बंद किया, जो लगभग छह महीने तक चला।


आलोक ने बताया,

“हमें 70 प्रतिशत से अधिक की उत्कृष्ट प्रतिक्रिया, समर्थन और कन्वर्जन मिला। हमारे लॉन्च के कुछ हफ्ते हुए हैं और भारत और विदेश से एक मजबूत प्रतिक्रिया आई है।”


जैसा कि ख्याल की टीम को उम्मीद थी, अधिकांश दिलचस्पी भारतीय महानगरों और अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे देशों से आ रही है।

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ख्याल सब्सक्रिप्शन प्लान और ट्रैक्शन

ख्याल के पास कई सब्सक्रिप्शन प्लान हैं। यूजर्स को इसमें तीन महीने, 6 महीने या एक साल का सब्सक्रिप्शन का विकल्प भी दिया गया है। यूजर्स एक या उससे अधिक मेंबर के लिए एक साल तक की अवधि के लिए इसके बेसिक, वीआईपी और प्रीमियम देखभाल सेवाओं के बीच सब्सक्रिप्शन प्लान ले सकते हैं।


बेसिक प्लान के तहत तीन महीने के लिए इनकी कीमत 6,999 रुपये है जबकि प्रीमियम प्लान के तहत ये कीमत 14,999 रुपये है। टीम ग्राहकों को अधिक लचीलापन प्रदान करने के लिए काम कर रही है जहां वे अपने प्लान को कस्टमाइज कर सकते हैं।


एजटेक स्टार्टअप के सब्सक्रिप्शन प्लान आमतौर पर उन बच्चों द्वारा खरीदे जाते हैं जो अपने माता-पिता को इन्हें गिफ्ट के तौर पर देते हैं। प्रदान की जाने वाली सहायता और देखभाल सेवाओं में समर्पित देखभाल करने वालों के साथ बड़ों के लिए नियमित देखभाल / साहचर्य कॉल के रूप में भावनात्मक देखभाल, डिजिटल साक्षरता और ऑनलाइन सामुदायिक कार्यक्रमों और शिक्षण सत्रों के माध्यम से सशक्तिकरण, पोषण संबंधी दिशानिर्देश और पोषण विशेषज्ञ द्वारा आहार संबंधी सुझाव, चिकित्सा देखभाल जैसे कि टेलीकॉन्सेलेशन, अपॉइंटमेंट बुकिंग और मेडिसिन रिमाइंडर और आवश्यक देखभाल जैसे कि बिल भुगतान और भोजन, किराना, और दवा के लिए ऑनलाइन ऑर्डर देना आदि शामिल हैं।


एक बार बुजुर्ग नागरिकों के ख्याल के साथ जुड़ जाने के बाद, वे एक वेलकम किट प्राप्त करते हैं, जो उन बुजुर्गों के परिवारों द्वारा साझा किए गए विवरण के आधार पर व्यक्तिगत तौर पर तैयार की होती है।


ऑनबोर्डिंग के बाद, एक समर्पित ख्याल देखभालकर्ता को प्रत्येक यूजर को सौंपा जाता है, जो उन्हें नियमित आधार पर कॉल करता है और उन्हें आवश्यक समर्थन प्रदान करता है। विभिन्न सब्सक्रिप्शन प्लान्स के तहत प्रदान की जाने वाली विभिन्न देखभाल सेवाओं के अलावा, एक सारांश रिपोर्ट या अपडेट को साप्ताहिक आधार पर परिवार के सदस्यों के साथ साझा किया जाता है। इन सेवाओं से परे, टीम बड़ों और उनके परिवारों के लिए अनुभव को निजीकृत करने के लिए अतिरिक्त सुविचारित उपहार और उपाय प्रदान करती है।


उदाहरण के लिए, जब एक ख्याल बुजुर्ग जो एक एक्सचेंज प्रोग्राम के हिस्से के रूप में अपने बेटे से गिफ्ट के रूप में स्मार्टफोन मिलता है तो वह समय पर इसे चलाने में असमर्थ होता है, ऐसे में ख्याल देखभालकर्ता पूरी प्रक्रिया में उनकी मदद करता है।

एक और खुश कर देने और दिल छू लेने वाले अनुभव की बात करें, तो एक 66 वर्षीय ख्याल की सदस्य ने कशीदाकारी और बुनाई के लिए अपने प्यार को फिर से जागृत किया और आखिरकार ख्याल की टीम ने जब महामारी के दौरान उन्हें एक क्रॉच सेट गिफ्ट किया तो उन्होंने अपना खुद का कशीदाकारी और बुनाई का व्यवसाय शुरू किया।


केवल इतना ही नहीं है। ख्याल टीम ने अपने कुछ सदस्यों के जन्मदिन पर सरप्राइज बर्थडे सेलीब्रेशन आयोजित करके यादगार भी बनाया है। हाल ही में, COVID-19 टीकाकरण अभियान के आसपास की चिंताओं और सवालों के मद्देनजर, ख्याल ने इन सवालों के समाधान के लिए चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ विशेष ऑनलाइन सत्र आयोजित किए हैं।


ख्याल के एक यूजर कहते हैं,

“मुझे हर बार अच्छा लगता है जब मैं ख्याल में देखभाल करने वालों से बात करता हूँ। अपने नाम के अनुरूप, ख्याल कार्यक्रम सही मायने में हमारा ख्याल रखता है। मैं अपना जन्मदिन कभी नहीं मनाता। लेकिन इस साल, ख्याल ने मेरा जन्मदिन वास्तव में विशेष बना दिया। यह मेरे जीवन के सबसे अच्छे दिनों में से एक था। जरूरत पड़ने पर ख्याल आवश्यक सेवाएं प्रदान करने में बहुत तत्पर हैं। ख्याल देखभालकर्ता नियमित रूप से मेरी भलाई के बारे में पूछताछ करते रहते हैं, इसलिए मुझे विश्वास दिलाया जाता है कि जब भी मुझे किसी चीज की आवश्यकता होगी, ख्याल मेरे लिए हमेशा होगा।"


पहले से ही, कोलकाता, गुवाहाटी, मुंबई, बेहरामपुर (ओडिशा), और पुलवामा (कश्मीर) जैसे स्थानों में, ख्याल के यूजर्स देश भर में फैले हुए हैं, और कंपनी ने अपने परिचालन के पहले महीने में सदस्यता में $1000 MRR को पार कर लिया है।

भविष्य की योजनाएं और लक्ष्य

अब 15 सदस्यीय टीम, जिसमें तीन सह-संस्थापक और पांच देखभालकर्ता शामिल हैं, ख्याल देश भर में बहु-भाषा समर्थन को सक्षम करने के लिए स्थानीय रूप से देखभाल करने वालों को काम पर रख रहे हैं।


आगे बढ़ते हुए, एजटेक स्टार्टअप ने अपनी वृद्धि का समर्थन करने के लिए इंजीनियरिंग और प्रोडक्ट, ऑपरेशन और सेल्स सहित सभी कार्यों में अपनी टीम का विस्तार करने की योजना बनाई है। मुंबई स्थित यह एल्डरकेयर स्टार्टअप अपनी भविष्य की विकास योजनाओं को पूरा करने के लिए फंड जुटा रहा है और अगले दो वर्षों में 100 प्रतिशत से अधिक क्यूओक्यू ग्रोथ और मल्टी मिलियन डॉलर के एआरआर को टारगेट कर रहा है।


2050 तक भारत की वरिष्ठ जनसंख्या 30 करोड़ तक बढ़ने की उम्मीद के साथ, ख्याल ने समग्र देखभाल और सहायता प्रदान करने के लिए देश भर में 50 से अधिक विभिन्न भागीदारों के साथ गठजोड़ करने की योजना बनाई है।


ख्याल वर्तमान में अपने मोबाइल एप्लिकेशन का निर्माण कर रहा है, जो अगली तिमाही के भीतर लॉन्च होने की उम्मीद है। एक बार लॉन्च होने के बाद, यूजर्स सेवाओं का उपयोग कर सकेंगे और ऐप का उपयोग करके वास्तविक समय में प्रगति रिपोर्ट ट्रैक कर सकेंगे।


ख्याल के अलावा, बुजुर्गों के देखभाल सेगमेंट में कुछ अन्य उल्लेखनीय प्लेयर्स में EMOHA एल्डर केयर, एल्डरएड, सीनियोरिटी, एल्डरईज और एलसर्व शामिल हैं।


Edited by Ranjana Tripathi