हर किसी को पता होना चाहिए कैसे मैनेज करें पैसे, एक-दो नहीं बहुत सारे फायदे हैं इसके
आज के वक्त में युवाओं में वित्तीय साक्षरता बहुत कम है. युवा इसे नजरअंदाज करते रहते हैं. अगर बच्चे को फाइनेंस के बारे में नहीं बताएंगे, तो आगे चलकर उसे दिक्कत होगी.
आमतौर पर युवाओं में वित्तीय साक्षरता को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता है. ज्यादातर समय युवा इसे नजरअंदाज करते हैं और इतना ध्यान नहीं देते हैं, जितने का वह हकदार है. महत्वपूर्ण बात यह है कि साल 2022 तक, रुपये पैसे ने हमारे जीवन के हर पहलू को व्यावहारिक रूप से प्रभावित किया है. अगर आप अपने बच्चे को फाइनेंस के बारे में नहीं सिखाते हैं, तो आप उनसे यह कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि वे वयस्क होने पर अपने रुपये पैसे का प्रबंधन खुद करेंगे?
जन्म से वयस्क होने तक, वित्तीय शिक्षा एक जरूरी और सतत प्रक्रिया होनी चाहिए. लेकिन दुर्भाग्य यह है कि हमारे शिक्षण संस्थान भी इस तथ्य को स्वीकार नहीं करते हैं. हममें से ज्यादातर की भी यह मानने की प्रवृत्ति होती है कि लोग पैसे के बारे में खुद ही सीख जाएंगे. इसलिए जब वित्तीय साक्षरता की बात आती है, तो एक आदर्श बदलाव की आवश्यकता महसूस होती है.
NCFE के एक शोध के अनुसार, 76 फीसदी वयस्क भारतीयों को अभी भी मूलभूत वित्तीय अवधारणाओं यानी फंडामेंटल फाइनेंशियल कॉन्सेप्ट की समझ को बढ़ाने की आवश्यकता है. भारत की बात करें तो 27.6 फीसदी (25-44 साल के बीच) लोग वित्तीय शिक्षा के माध्यम से अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए सस्ते वित्तीय उत्पादों और सेवाओं तक पहुंचते हैं. ऐसे में भारत के वित्तीय साक्षरता के उच्चतम स्तर वाले देशों में शामिल होने की क्षमता है.
युवाओं के लिए वित्तीय साक्षरता इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?
हमारे युवाओं के लिए वित्तीय साक्षरता के महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता है. आर्थिक रूप से अगर कोई किशोर या युवा अज्ञान है तो उसके लिए इससे ज्यादा हानिकारक कुछ नहीं है. अनजान होने की स्थिति में कोई व्यक्ति यह नहीं समझ पाता कि अपने फंड को कैसे संभालना है. ऐसे में वह कई तरह के वित्तीय जाल में फंस सकता है. अनजाने में की गई वित्तीय गलतियों को सुधारना अक्सर मुश्किल होता है. इसे सुधारने में कई साल लग सकते हैं. इसलिए युवाओं को कम उम्र में पैसे के बारे में सिखाने से उन्हें आवश्यक ज्ञान और कौशल मिलेगा जो उन्हें बेहतर वित्तीय निर्णय लेने में सक्षम बनाएगा. युवाओं के लिए वित्तीय साक्षरता क्यों महत्वपूर्ण है, जानिए इसके पीछे कुछ जरूरी कारण.
1. वित्तीय साक्षरता से मिलती है ताकत
आपने अक्सर यह सुना होगा कि ज्ञान ही शक्ति है. वित्तीय मामलों में भी यह बात सही है. आपके पास जितना अधिक वित्तीय ज्ञान होगा, आप उतने ही अधिक तैयार होंगे. वहीं रुपये पैसे के बारे में बुनियादी समझ और जानकारी की कमी किसी भी युवा के लिए हानिकारक है. विज्ञान, गणित, इतिहास और अन्य विषयों के बारे में जानने के लिए स्कूल जाने का क्या उद्देश्य है? समाधान उन क्षेत्रों में हमें सशक्त बनाना है. इसी तरह, अन्य विषयों के साथ मनी एजुकेशन को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. युवाओं को इस बारे में शिक्षित किया जाना चाहिए.
2. वित्तीय निरक्षरता से ऐसे वयस्क तैयार होते हैं जो अकुशल होते हैं
आंकड़े बताते हैं कि जो युवा पर्याप्त वित्तीय शिक्षा हासिल नहीं करते हैं, वे बड़े होकर गैर-जिम्मेदार वयस्क बन जाते हैं, खासकर वित्तीय समस्याओं में. उन्हें पता नहीं है कि निवेश कैसे करें, घर खरीदने के लिए पर्याप्त पैसा कैसे बचाएं. कई बार अपनी गलतियों के चलते वे अपना क्रेडिट स्कोर खराब कर लेते हैं. जबकि जिन युवाओं को मनी मैनेजमेंट के बारे में सिखाया गया होता है, उनकी वित्तीय नींव ठोस होती है और इसी वजह से वे ऐसी गलतियां नहीं करते हैं. वे आगे चलकर बेहतर वित्तीय निर्णय ले सकते हैं.
3. खराब वित्तीय आदतों से बचने में मदद
वित्तीय ज्ञान की कमी के कारण युवा आसानी से खराब वित्तीय आदतों का विकास कर सकते हैं. ऐसे युवा जो पैसे की बुरी आदतों में लिप्त होते हैं, अक्सर उनके पास कोई वित्तीय साक्षरता नहीं होती है. अगर होती भी है तो बेहद सीमित. दूसरे लोग उन्हें खराब वित्तीय व्यवहार में शामिल होने के लिए आसानी से मना सकते हैं. जबकि जिनका वित्तीय आधार ठोस होगा, ऐसे युवा पोंजी जैसी खराब वित्तीय गतिविधियों में आसानी से शामिल नहीं होंगे.
4. इमरजेंसी में काम आती है वित्तीय शिक्षा
वित्तीय साक्षरता युवाओं को इमरजेंसी यानी आपात स्थिति के लिए बेहतर ढंग से तैयार करने में सहायता करती है. हम अक्सर ऐसी आपात स्थितियों में फंस जाते हैं जिनमें बड़ी रकम की आवश्यकता होती है. जो लोग आर्थिक रूप से साक्षर हैं, वे ऐसी स्थिति से आसानी से बचकर निकल सकते हैं. दूसरे शब्दों में, कई अन्य कारणों से हमारे युवाओं के लिए वित्तीय साक्षरता महत्वपूर्ण है. उन्हें सिखाया जाना चाहिए कि कैसे नियमित रूप से बचत, निवेश, बजट और लोन को संभालना है. ऐसा करने में विफलता के परिणामस्वरूप एक ऐसी पीढ़ी बन सकती है जो न केवल लापरवाह होगी, बल्कि गरीब भी.
वित्तीय शिक्षा के क्या हैं फायदे?
=> यह हमें पैसे के मूल्य के बारे में सिखाता है. अगर हम पैसे के मूल्य को समझ लें तो हम अपने वित्त का बेहतर प्रबंधन कर सकते हैं. हम बजट बनाने, बचत करने और अनावश्यक खर्चों से बचने के महत्व को समझेंगे.
=> वित्तीय साक्षरता हमें कर्ज के जाल में जकड़ने से बचाती है. अगर आप आर्थिक रूप से जानकार हैं तो आप अपने कपड़े के अनुसार अपना कोट काट सकेंगे. यानी आप केवल उतना ही उधार लेंगे जितना आप चुका सकते हैं.
=> यह हमें सिखाता है कि कैसे बेहतर जगह निवेश कर बड़ा फंड यानी धन तैयार किया जा सकता है. आर्थिक रूप से जानकार होना आम तौर पर हमें अपने पैसे का निवेश करने और अधिक मुनाफा कमाने के कई रास्ते बताता है.
=> यह हमें खराब वित्तीय विकल्प चुनने से रोकता है. आर्थिक रूप से जानकार व्यक्ति पोंजी योजनाओं में आसानी से नहीं फंसेगा. पैसे के मूल्य और इसे पाना कितना कठिन है, इस बारे में उसकी समझ उसे गलत जगह निवेश करने से बचाएगी.
संक्षेप में कहें तो युवाओं के लिए वित्तीय साक्षरता महत्वपूर्ण है. एक व्यक्ति की युवा अवस्था उसकी जिंदगी के सबसे महत्वपूर्ण पल होते हैं. ऐसे दौर में गलतियों का आपके वयस्क जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा. अगर इस स्तर पर उचित वित्तीय शिक्षा प्रदान की जाती है, तो हमें वित्तीय रूप से जिम्मेदार वयस्कों की एक पीढ़ी पैदा करने की गारंटी मिलेगी.
(लेखक मार्क डेसपैलिएरस ग्लोबल मल्टी असेट ब्रोकर वेंटेज के चीफ स्ट्रेटेजी एंड ट्रेडिंग ऑफिसर हैं. आलेख में व्यक्त विचार लेखक के हैं. YourStory का उनसे सहमत होना अनिवार्य नहीं है.)
Edited by Anuj Maurya