एचआर फर्म शुरू करने के लिए छोड़ दी थी नौकरी, अब एयरटेल, टीसीएस और बॉश के जरिए खड़ा किया 940 करोड़ रुपये का कारोबार
90 के दशक की शुरुआत में, भारत ने नई आर्थिक नीति के सहयोग के महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार किए। जैसा कि भारत में अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये उदारीकरण की नीति को अपनाया गया, उसी समय भारत में नई और अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों का आना भी शुरू हो गया। भारत में कंपनियों अपना बिजनेस करने लगीं। नौकरी के नए अवसर खुल गए। हालांकि, उद्योगों को सही टैलेंट खोजने के लिए ऐसे लोगों की तलाश थी जो उन्हें सही टैलेंट खोजकर दे सके। इसने उद्योगों में खुद को स्थापित करने के लिए मानव संसाधन कंपनियों के लिए द्वार खोल दिए।
कोलकाता स्थित जीनियस कंसल्टेंट एक ऐसी कंपनी है जिसने 90 के दशक का सबसे ज्यादा लाभ उठाया। 1993 में मार्केटिंग और सेल्स स्पेशलिस्ट राजेंद्र प्रसाद यादव (63) द्वारा शुरू की गई, जीनियस कंसल्टेंट ने प्लेसमेंट एजेंसी और परमानेंट स्टाफिंग सलूशन प्रदाता के रूप में अपनी यात्रा शुरू की।
योरस्टोरी के साथ अपनी बातचीत में राजेंद्र प्रसाद यादव ने बताया, “मैंने जॉनसन एंड जॉनसन और HCL जैसी कंपनियों में मार्केटिंग और सेल्स में 16 साल तक काम किया। लेकिन मुझे हमेशा एचआर प्रोसेस और पॉलिसी में दिलचस्पी थी। मैंने स्टाफिंग सॉल्यूशन के लिए अर्थव्यवस्था में भारी मांग देखी और इस तरह, अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने का फैसला किया।" उन्होंने कोलकाता के सर्कस एवेन्यू में 400 वर्ग फुट की जगह में अपनी बचत से जीनियस कंसल्टेंट की शुरुआत की। यादव और उनकी टीम ने आईटी और गैर-आईटी कस्टमर्स को अपनी सर्विस देकर स्टाफिंग सलूशन के लिए बाजार में पर्याप्त मांग का लाभ उठाया। कस्टमर्स की परमानेंट स्टाफिंग की मांग को पूरा करने के बाद, यादव ने फिर फ्लेक्सिबल स्टाफिंग (फ्लेक्सी स्टाफिंग), क्लाउड ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम्स (एचआरएमएस), बैकग्राउंड चेक सॉफ्टवेयर, फैसिलिटी मैनेजमेंट सर्विस आदि पर काम करना शुरू कर दिया।
यादव कहते हैं कि इन वर्षों में, जीनियस ने अपने ग्राहकों को एम्पलाई लीव, अटेंडेंस, इनकम टैक्स, सैलरी, स्टेटरी, डिसबर्समेंट, अप्रेजल, ट्रेनिंग आदि के लिए टेक्नीकल प्लेटफार्म्स प्रोवाइड कराना शुरू कर दिया। इसने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), भारती एयरटेल, बॉश, पेटीएम आदि जैसे प्रमुख ग्राहकों को सर्विस दी है, और अपने व्यावसायिक संचालन को मजबूत किया। आज, जीनियस ने 940 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार दर्ज किया है। साथ ही वो ये भी कहते हैं कि “पोर्टफोलियो में 11 एचआर प्रोडक्ट्स के साथ, हमारे पास 130 से अधिक वेंडर्स हैं जिन्हें हम फ्लेक्सी एंप्लाई प्रोवाइड कराते हैं। हमने सही कैंडिडेट प्रोवाइड कराने के लिए 150 से अधिक संस्थानों के साथ टाई-अप भी किया है।”
वर्तमान में जीनियस के पास 443 कर्मचारी हैं और 1,500 से अधिक ग्राहकों के लिए स्टाफिंग सलूशन देने का दावा करते हैं। 2018 में, जीनियस ने वर्किंग कैपिटल्स रिक्वायरमेंट, आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करने, नए ब्रांच ऑफिस की स्थापना करने आदि के लिए एक मिलियन शेयरों की इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (आईपीओ) जारी की। हालांकि, रिपोर्टों के अनुसार, आईपीओ को होल्ड पर रख दिया गया था, और जीनियस ने बिजनेस मैनेज करने के लिए अपने आंतरिक फंड का उपयोग करना जारी रखा। यादव का यह भी कहना है कि सही तरह की प्रतिभा को भर्ती करना और उसे बनाए रखना मुश्किल हो सकता है।
सफलता का मंत्र
कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, यादव के लिए सफलता का मंत्र अपने ग्राहकों और अपनी कंपनी के लिए टैलेंट डेवलपमेंट को डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के साथ मैच करना है। वह कहते हैं, "किसी आर्गेनाइजेशन का डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन उतना ही अच्छा होगा, जितना इस प्रक्रिया को करने वाले लोगों का माइंडसेट होगा। अगर एचआर टेक सभी अहम पहलुओं में सहयोग देने के लिए कंपनी के साथ मिलकर काम करे, तो असल में ऑफर किये जा रहे टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन्स के सफल होने की संभावना काफी बढ़ जाती है।
यादव को डिजिटलाइजेशन में काफी भरोसा है। इसकी झलक जीनियस के निगरानी ढांचे में दिखती है जो डिजिटल रूप से ऑन-बोर्डिंग, अटेंडेंस, बिलिंग, क्लाइंट पेमेंट, सैलरी पेमेंट और अपने 55,000 फ्लेक्सी-स्टाफिंग एंप्लाईज के लिए पूरे लाइफ साइकल को कैप्चर करता है। यादव का ये भी मानना है कि एचआर के उठाये कदमों से नए मूल्य तभी बनते हैं, जब इससे आर्गेनाईजेशन के सभी स्टेकहोल्डर के बीच कॉम्पिटिशन का एक अच्छा माहौल बनता है।
अपने क्लाइंट्स का भरोसा जीतने के लिए जीनियस कुछ बेसिक स्ट्रेटजीज अपनाता है। इसके बारे में बात करते हुए, वे कहते हैं, “हम अपने ग्राहकों की योग्यता को उद्योग और कंपनी के विकास के माध्यम से विकसित करते हैं, हम हमारे मार्केट एनालिसिस रिसर्च और एचआर ट्रेंड्स सर्वे के जरिए एक कस्टमर और कंपटीटर की तरह सोचते और एक्ट करते हैं।" इस बिजनेस स्ट्रेटजी और अच्छे रिवेन्यू के साथ, यादव भविष्य को उत्साह के साथ देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि एचआर तकनीक अधिक महत्वपूर्ण हो जाएगी और जीनियस के इस काम से बाहरी ग्राहकों को संगठन से जुड़ने और फर्म में अधिक निवेश को प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी।
यादव कहते हैं, “मेरी दो बेटियां भी जीनियस में काम कर रही हैं, और दोनों ही योग्य हैं। वे बड़ी आसानी से कारोबार के बड़े हिस्से को संभाल रही हैं।" यादव का ये भी कहना है कि उनका तात्कालिक लक्ष्य मौजूदा प्रोडक्ट्स को मजबूत करना और भौगोलिक रूप से और साथ ही क्षेत्रवार विस्तार करना है।