Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

लद्दाख में शीघ्र ही होगा दक्षिण पूर्व एशिया का पहला नाइट स्काई रिजर्व: डॉ. जितेन्द्र सिंह

केंद्रीय मंत्री ने कहा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय और वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) की ओर से, हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हानले में नाइट स्काई रिजर्व का उद्घाटन करने का अनुरोध करेंगे.

लद्दाख में शीघ्र ही होगा दक्षिण पूर्व एशिया का पहला नाइट स्काई रिजर्व: डॉ. जितेन्द्र सिंह

Monday November 27, 2023 , 5 min Read

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा है कि लद्दाख में शीघ्र ही दक्षिण पूर्व एशिया का पहला नाइट स्काई अभयारण्य होगा.

मंत्री ने बताया कि अभयारण्य की स्थापना भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान बेंगलुरु के सहयोग से की जा रही है, जो भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग से संबद्ध है. उन्होंने इस परियोजना में लद्दाख के उपराज्यपाल, ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) बी.डी. मिश्रा की सक्रिय सहयोग के लिए उनकी सराहना की. 

केंद्रीय मंत्री ने कहा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय और वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) की ओर से, हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हानले में नाइट स्काई रिजर्व का उद्घाटन करने का अनुरोध करेंगे.

डॉ. जितेन्द्र सिंह केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की स्थापना की चौथी वर्षगांठ के अवसर पर यहां आयोजित प्रदर्शनी ‘लद्दाख प्राईड’ का उद्घाटन करने के बाद सभा को संबोधित कर रहे थे.

इस प्रदर्शनी का आयोजन मुख्य कार्यकारी पार्षद (CEC) ताशी ग्यालसन की पहल पर लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (LAHDC) लेह द्वारा किया जाता है.

डार्क स्काई रिजर्व पूर्वी लद्दाख के हानले गांव मे चांगथांग वन्यजीव अभयारण्य के एक हिस्से के रूप में स्थित होगा. यह भारत में खगोल-पर्यटन को बढ़ावा देगा और ऑप्टिकल, इन्फ्रा-रेड और गामा-रे दूरबीनों के लिए दुनिया के सबसे शीर्षस्थ स्थानों में से एक होगा.

1,073 वर्ग किलोमीटर में फैला, नाइट स्काई रिजर्व चांगथांग वन्यजीव अभयारण्य में स्थित है और भारतीय खगोलीय वेधशाला के निकट, भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान का दुनिया का दूसरा सबसे ऊंचा ऑप्टिकल टेलीस्कोप, 4500 मीटर की ऊंचाई पर हानले में स्थित है.

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा, “ऐसे समय में जब देश चंद्रयान-3 और आदित्य-एल1 सौर मिशन की सफलता का उत्सव मना रहा है, यह डार्क स्काई रिज़र्व दुनिया में अपनी तरह के केवल 15 या 16 में से एक होने के कारण, खगोलज्ञों को आकर्षित करेगा.”

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डार्क स्पेस रिजर्व का शुभांरभ करने के लिए केन्द्र शासित प्रदेश (UT) प्रशासन, लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (LAHDC) लेह और भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (IIA) के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. उन्होंने कहा, इस स्थान पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी के हस्तक्षेप के माध्यम से स्थानीय पर्यटन और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद करने वाली गतिविधियां होंगी.

डॉ. जितेंद्र सिंह ने लद्दाख के बाहर ‘लद्दाख प्राईड’ प्रदर्शनी आयोजित करने के लिए लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद-लेह (LAHDC) की सराहना की. प्रदर्शनी में लद्दाख के जीआई-टैग किए गए खजाने-सीबकथॉर्न, रकत्से कारपोप्रिकॉट्स, लद्दाख की लकड़ी की नक्काशी और पश्मीना ऊन को प्रदर्शित किया गया है.

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा, केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) ‘लेह बेरी’ को प्रोत्साहन दे रहा है, जो ठंडे रेगिस्तान का एक विशेष खाद्य उत्पाद है. मई 2018 में प्रधानमंत्री मोदी की लद्दाख यात्रा का उल्लेख करते हुए, डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सीबकथॉर्न की व्यापक खेती की प्रभावशाली सलाह दी है, जो “लेह बेरी” का स्रोत है.

मंत्री ने कहा कि 15,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर तीन औषधीय पौधों की व्यावसायिक खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. इसमें “संजीवनी बूटी” शामिल है, जिसे स्थानीय रूप से “सोला” के नाम से जाना जाता है, जिसमें प्रचुर जीवन रक्षक और चिकित्सीय गुण हैं.

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि परमाणु ऊर्जा विभाग फलों और सब्जियों के संरक्षण/शेल्फ जीवन विस्तार के लिए गामा विकिरण प्रौद्योगिकी के लिए केंद्र शासित प्रदेश में सुविधाएं स्थापित करेगा. उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि लद्दाख से खुबानी अब दुबई में निर्यात की जा रही है.

उन्होंने कहा “प्रधानमंत्री मोदी लद्दाख और देश के अन्य दूरवर्ती क्षेत्रों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं. मोदी सरकार के कार्यकाल में पहली बार, लद्दाख को एक विश्वविद्यालय, होटल प्रबंधन संस्थान, एक चिकित्सा और एक इंजीनियरिंग महाविद्यालय प्रदान किया गया है,”

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा घोषित लद्दाख के लिए “कार्बन न्यूट्रल” कार्य योजना का उल्लेख करते हुए, डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा, लद्दाख के लिए 50 करोड़ रुपये के विशेष विकास पैकेज के साथ, पहली बार कोई केंद्र सरकार क्षेत्र के लिए विभिन्न परियोजनाओं के वित्तपोषण में इतनी उदार रही है.

उन्होंने कहा, “यह अपनी तरह का पहला रोडमैप है जो विशेष रूप से लद्दाख प्रदेश को समर्पित है.”

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा, यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करने के लिए कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DOPT) द्वारा लेह में एक विशेष परीक्षा केंद्र स्थापित किया गया है. एसएससी (कर्मचारी चयन आयोग), आरआरबी (रेलवे भर्ती बोर्ड) और आईबीपीएस (इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनेल सेलेक्शन) के माध्यम से सरकारी क्षेत्र में नौकरियों के लिए लेह और कारगिल में सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी) भी आयोजित की जा रही है.

उन्होंने कहा, “यह न केवल एक महत्वपूर्ण शासन सुधार है बल्कि दूरस्थ और अलग क्षेत्रों में रहने वाले महत्वाकांक्षी युवाओं के लिए नौकरी हेतु एक बड़ा सामाजिक सुधार है.”

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने बताया कि पिछले साल से सर्दियों के मौसम में पर्यटक आकर्षण के रूप में बर्फ की मूर्तिकला को बड़े पैमाने पर लद्दाख में पेश किया गया है, जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.

यह रेखांकित करते हुए कि लद्दाख “भारत का सबसे युवा केंद्र शासित प्रदेश है, लेकिन यह भारत की सबसे पुरानी सभ्यता भी है”, डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा, “बौद्ध लामाओं की भूमि लद्दाख एक शांतिप्रिय क्षेत्र है, लेकिन राजनीतिक और अन्य उथल-पुथल के इतिहास से जूझ रहा है.”. प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार 31 अक्टूबर 2019 को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का गठन करके लद्दाखी लोगों की आकांक्षाओं को पूरा किया.

उन्होंने कहा, “यद्यापि लद्दाख बौद्ध संघ के पहले प्रतिनिधिमंडल ने 1949 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से मुलाकात कर सुदूर क्षेत्र के लिए अलग केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा मांगा था, लेकिन यह सपना केवल सात दशक बाद प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूरा हुआ.”

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी को उद्धृत करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री मोदी अपनी बात पर चलते हैं.”, “मेरा प्रयास लद्दाख और उत्तर-पूर्व सहित देश के उपेक्षित दूरदराज के क्षेत्रों की आकांक्षाओं को पूरा करना होगा.”