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रिलायंस के इतिहास में 75 अरब डॉलर का सबसे बड़ा विदेशी निवेश

रिलायंस के इतिहास में 75 अरब डॉलर का सबसे बड़ा विदेशी निवेश

Friday August 16, 2019 , 3 min Read

सऊदी अरब की कंपनी अरामको अपनी 20 फ़ीसदी हिस्सेदारी के साथ रिलायंस ऑइल-टु-केमिकल करोबार में 75 अरब डॉलर का इंवेस्टमेंट करने जा रही है। रिलायंस की 42वीं सालाना आम मीटिंग में इसका खुलासा करते हुए कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने यह भी ऐलान किया कि पीएम मोदी के आग्रह पर उनकी कंपनी जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के विकास के लिए विशेष टास्क फोर्स के साथ कई बड़ी योजनाएं लाने जा रही है।



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मुंबई के बिरला मातुश्री सभागार में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की 42वीं वार्षिक आम बैठक में आरआईएल चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कंपनी के शेयरधारकों के सामने यह खुलासा कर पूरे कारपोरेट जगत और मीडिया को एक साथ चौंका दिया कि रिलायंस ऑइल-टु-केमिकल करोबार में सऊदी अरब की जानी-मानी कंपनी अरामको अपनी 20 फ़ीसदी हिस्सेदारी के साथ अब तक का सबसे बड़ा 75 अरब डॉलर का इंवेस्टमेंट करने जा रही है। रिलायंस के इतिहास में इस सबसे बड़े विदेशी निवेश पर सहमति बन चुकी है। अरामको रोजाना रिलायंस के जामनगर रिफ़ाइनरी में पाँच लाख बैरल तेल भेजेगी।


रिलायंस की जामन गर रिफाइनरी की क्षमता 1.4 मिलियन बैरल प्रति दिन की है, जिसे 2030 तक बढ़ाकर दो मिलियन करने की योजना है। जून तिमाही में कंपनी को 6.8 पर्सेंट का शुद्ध मुनाफा 10,104 करोड़ रुपये हो गया। पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही के दौरान कंपनी ने 9,459 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा दर्ज किया था।


रिलायंस की 42वीं ऐनुअल जनरल मीटिंग(एजीएम) में मुकेश अंबानी ने एक और बड़ा ऐलान किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आग्रह पर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के विकास के लिए उनकी कंपनी विशेष टास्क फोर्स के साथ कई बड़ी योजनाएं लाने जा रही है, जिनकी घोषणा जल्द ही कर दी जाएगी। मुकेश अंबानी ने यह भी खुलासा किया कि बहुप्रतीक्षित रिलायंस की 'जियो गीगा फाइबर' सेवा 5 सितंबर 2019 से बाजार में उपलब्ध होगी। जियो फाइबर पर 100 एमबीपीएस (मेगा बिट प्रति सेकेंड) से 1,000 एमबीपीएस तक इंटरनेट गति उपलब्ध होगी। इसका मूल्य 700 रुपये से 10,000 रुपये मासिक तक होगा। जियो फाइबर फिक्स्ड लाइन से देशभर में कहीं भी फोन कॉल करना आजीवन मुफ्त होगा। मुकेश अंबानी का कहना है कि भारतीय इकॉनमी में मंदी अस्थायी है। वर्ष 2030 तक भारतीय अर्थव्यवस्था 10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की हो जाएगी। 





रिलायंस को अपने ईंधन खुदरा कारोबार में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी ब्रिटेन की बीपी को बेचने से 7,000 करोड़ रुपये मिलेंगे। रिलायंस जियो में निवेश का चक्र पूरा हो चुका है। इस मौके पर मुकेश अंबानी ने देशभर के लिए इंटरनेट ऑफ थिंग्स, घरों और कारोबारों के लिए ब्रॉडबैंड और लघु उद्यमों के लिए ब्रॉडबैंड सेवा की घोषणा की।


उल्लेखनीय है कि रिलायंस (आरआईएल ऑइल-टु-केमिकल) कारोबार का राजस्व पाँच लाख करोड़ रुपए से ज़्यादा का है। सऊदी अरब की विशाल तेल कंपनी आरामको की कमाई लंबे समय से एक रहस्य बनी हुई थी। इसी साल अप्रैल में इस रहस्य से हल्का सा पर्दा उठा था, जब आरामको को 111.1 अरब डॉलर का मुनाफ़ा हुआ था। इस पेट्रोकेमिकल कंपनी के चेयरमैन क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान चाहते हैं कि सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था में विविधता हो और तेल पर से निर्भरता कम हो। सऊदी अरब टेक्नॉलजी कंपनियों, ऊबर और टेस्ला आदि में भी निवेश कर रहा है। अब आरामको की योजना अपने शेयर बेचने की भी है ताकि और पूंजी जुटाई जा सके।