Jet Airways के 11 विमानों को बेच सकते हैं कर्ज देने वाले बैंक, रिवाइवल प्लान में देरी के कारण बड़ा फैसला
बैंकरों का कहना है कि नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) द्वारा समाधान योजना को मंजूरी दिए जाने के डेढ़ साल बाद भी आवश्यक राशि का भुगतान करने में जालान-कलरॉक कंसोर्टियम की विफलता ने उन्हें अपने विकल्पों पर फिर से विचार करने के लिए मजबूर किया है.
पिछले तीन साल से अधिक समय से बंद पड़ी जेट एयरवेज के रिवाइवल प्लान के सफल होने में देरी से परेशान कर्जदाता बैंक उसके 11 विमानों को बेचने की योजना पर विचार कर रहे हैं.
बैंकरों का कहना है कि नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) द्वारा समाधान योजना को मंजूरी दिए जाने के डेढ़ साल बाद भी आवश्यक राशि का भुगतान करने में जालान-कलरॉक कंसोर्टियम की विफलता ने उन्हें अपने विकल्पों पर फिर से विचार करने के लिए मजबूर किया है.
सौदे की जानकारी रखने वाले एक सोर्स ने कहा कि किसी ने भी नहीं सोचा था कि इसमें इतना समय लगेगा. लेकिन सच्चाई यह है कि जब तक हमें पैसा नहीं मिल जाता, तब तक बैंक कंपनी को ट्रांसफर नहीं कर सकते हैं, और जिस तरह से चीजें हैं, ऐसा लगता है कि सौदा जल्द पूरा नहीं होगा. इस बीच, हमारे पास जो 11 विमान हैं, वे भी मूल्य खो रहे हैं. हो सकता है कि उन्हें बेचने पर फिर से विचार करने का समय आ गया हो.
बता दें कि, अक्तूबर, 2020 में बैंकों ने समाधान प्रक्रिया को मंजूरी दी थी. कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया के तहत जालान फ्रिट्स गठजोड़ एयरलाइन के लिए विजेता बोलीदाता के रूप में उभरा था. पिछले साल जून में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने गठजोड़ की समाधान योजना को मंजूरी दे दी थी. हालांकि, जेट एयरवेज अबतक परिचालन शुरू नहीं कर पाई है.
अगस्त में पूरी हुई एक प्रक्रिया के तहत बैंकों को इन विमानों को खरीदने के लिए छह एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) प्राप्त हुए हैं. हालांकि, जेट एयरवेज की निगरानी समिति, जिसमें बैंक और जालान-कालरॉक के प्रतिनिधि शामिल हैं, ने प्रक्रिया को स्थगित करने का फैसला किया था.
कुछ बैंकरों का कहना है कि अब विमानों के लिए कुछ ब्याज प्राप्त हुआ है. बैंकों के पास वसूली करने के लिए एक और रास्ता है.
एक अन्य सोर्स ने कहा कि जालान-कॉलरॉक कंसोर्टियम ने एनसीएलटी में एक हस्तक्षेप आवेदन दायर किया है, जिस 29 नवंबर को सुनवाई होगी. बैंक यह देखेंगे कि वे अदालत से क्या कहते हैं और फिर वे उसके अनुसार कार्यवाही करेंगे.
कंसोर्टियम ने अब तक अदालत में अपनी दलीलों में देरी के लिए बैंकों को जिम्मेदार ठहराया है. बैंकरों को उम्मीद है कि कंसोर्टियम अगली सुनवाई में उस तर्क को जारी रखेगा और मामले को बंद करने के लिए योजना बी तैयार कर रहा है, भले ही इसका मतलब संपत्ति को बेच कर पैसे जुटाना हो.
बैंकरों ने कहा कि भरोसे की कमी बढ़ी है क्योंकि एयरलाइन के अधिग्रहण की सुविधा के लिए दो पूर्व शर्तों को माफ करने पर सहमत होने के बावजूद भुगतान की उम्मीद नहीं दिख रही है.
दरअसल, ऑल इंडिया जेट एयरवेज के ऑफिसर्स एंड स्टाफ एसोसिएशन ने मई में एनसीएलएटी के समक्ष एयरलाइन के कंसोर्टियम की संकल्प योजना को चुनौती दी थी. जेट को अप्रैल 2019 में अपनी सेवाएं बंद कर दी थी, जिसके बाद इसके कर्जदाता इसे एनसीएलटी में ले गए थे.
पिछले हफ्ते वेतन में कटौती और बिना वेतन छुट्टी पर भेजने की घोषणा
पिछले हफ्ते जेट एयरवेज के सीईओ संजीव कपूर ने ट्वीट एक श्रृंखला में कहा कि कुल कर्मचारियों का 10 प्रतिशत से कम अस्थायी अवकाश बिना वेतन पर होगा और एक तिहाई अस्थायी वेतन कटौती पर होगा.
एक सूत्र ने कहा कि वेतन कटौती 50 प्रतिशत तक होगी. सीईओ और सीएफओ के लिए कटौती की मात्रा अधिक होगी. प्रभावित कर्मचारियों के लिए अस्थायी वेतन कटौती और बिना वेतन के छुट्टी (एलडब्ल्यूपी) एक दिसंबर से प्रभावी होगी.
सीईओ के अनुसार, दो-तिहाई कर्मचारी बिल्कुल प्रभावित नहीं हैं और किसी भी कर्मचारी को जाने के लिए नहीं कहा गया है. जेट एयरवेज में करीब 250 कर्मचारी काम करते हैं.
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Edited by Vishal Jaiswal