LIC का मुनाफा 11 गुना बढ़ने के बाद रॉकेट बना शेयर, तो पैसे लगाने चाहिए या दूर रहना है बेहतर?
कभी भरोसा का दूसरा नाम कही जाती थी एलआईसी. आईपीओ से इस कंपनी ने अपनी इमेज खराब कर ली. अब कंपनी का मुनाफा 11 गुना चढ़ा है. तो सवाल ये है कि अब पैसे लगाएं या नहीं?
भारत में LIC सिर्फ एक इंश्योरेंस कंपनी नहीं है, बल्कि लोग इसे सरकार की गारंटी की तरह देखते हैं. लोग मानते हैं कि अगर किसी प्रोडक्ट या सर्विस के साथ एलआईसी का नाम जुड़ा है तो वह सही ही होगा. पहली बार इस कंपनी ने लोगों के भरोसे को चोट पहुंचाई आईपीओ से और अब लोग इस पर भरोसा करने से डर रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इसके आईपीओ में पैसे लगाकर बहुत सारे लोगों को तगड़ा नुकसान झेलना पड़ा है. खैर, हाल ही में आए कंपनी के नतीजों ने एक बार फिर से इसके शेयर को मजबूती देनी शुरू कर दी है. अब सवाल ये है कि क्या इसके शेयरों को अब खरीदना चाहिए या नहीं?
शानदार रहे हैं तिमाही नतीजे
मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर में एलआईसी को तगड़ा मुनाफा हुआ है. एलआईसी की कुल आय बढ़कर 22,29,488.5 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो एक साल पहले समान अवधि में 18,72,043.6 करोड़ रुपये थी. कंपनी का मुनाफा यानी नेट प्रॉफिट बढ़कर 15,952 करोड़ रुपये हो गया है, जो पिछले साल महज 1434 करोड़ रुपये था. यानी कंपनी का मुनाफा करीब 11 गुना बढ़ गया है. इसकी वजह से कंपनी के शेयरों में तगड़ी तेजी देखने को मिल रही है.
तो क्या लौट आए हैं अच्छे दिन?
इस कारोबारी हफ्ते के पहले ही दिन एलआईसी का शेयर 9 फीसदी तक चढ़ गया था. बीएसई पर सोमवार सुबह LIC का शेयर 666.10 रुपये पर खुला. इसके बाद यह 682.70 रुपये के स्तर तक गया. कारोबार खत्म होने पर शेयर बीएसई पर 5.85% बढ़कर 664.80 रुपये और एनएसई पर 5.81% तेजी के साथ 664.20 रुपये पर बंद हुआ. हालांकि, एक दिन की तेजी के बाद अब एलआईसी का शेयर फिर से गिरावट का रुख दिखा रहा है.
आईपीओ ने दिया था निवेशकों को तगड़ा झटका
मई 2022 में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर LIC के शेयर 872 रुपये पर लिस्ट हुए थे. जबकि कंपनी का इश्यू प्राइस 949 रुपये था. यानी कंपनी के आईपीओ ने लिस्टिंग के दिन ही निवेशकों का नुकसान करा दिया था. उसके बाद से गिरते-गिरते कंपनी का शेयर 600 रुपये तक पहुंच गया. अब थोड़ा संभला जरूर है, लेकिन सवाल ये है कि आगे इसकी चाल कैसी रहेगी?
LIC में पैसे लगाएं या नहीं?
मौजूदा समय में एलआईसी में पैसे लगाना घाटे का सौदा साबित हो सकता है. भले ही कंपनी का मुनाफा करीब 11 गुना बढ़ा है, लेकिन कंपनी पर जो भारी कर्ज है उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. अभी कंपनी पर कुल कर्ज करीब 2.67 लाख करोड़ रुपये का है, जो एक बड़ा आंकड़ा है. सरकार तमाम कंपनियों के बैड लोन फाइनेंस करने के लिए भी एलआईसी का खूब इस्तेमाल करती है, इससे भी कंपनी की वित्तीय हालत बेहतर नहीं हो पाती है.
एलआईसी के साथ सबसे बड़ी दिक्कत उसके बिजनेस मॉडल से जुड़ी है. एलआईसी का करीब 90 फीसदी बिजनेस आज भी एजेंट्स के जरिए आता है. हमेशा से ही कंपनी एजेंट्स के जरिए बिजनेस करती रही है. एक वक्त था जब ये मॉडल खूब पैसा बरसाने वाला और लोगों में भरोसा बढ़ाने वाला साबित हुआ था, लेकिन अब वक्त बदल गया है. डिजिटल इंडिया के दौर में तमाम इंश्योरेंस कंपनियां डिजिटल मोड्स के जरिए बिजनेस कर रही हैं. ऐसे में उनका मार्जिन 30 फीसदी तक रहता है, जबकि एलआईसी एजेंट्स के जरिए बिजनेस करती है, जिसके चलते उसका मार्जिन कम है. दिक्कत तो ये है कि अभी भी कंपनी अपने उस मॉडल से बाहर नहीं निकल पा रही है. कंपनी से जुड़े तमाम तथ्य आपके सामने हैं, अब फैसला आपको करना है कि एलआईसी के शेयर में पैसे लगाएं या इससे दूर ही रहें.
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