सफलता और संघर्ष का जीवन: कुछ सफल और प्रेरणादायक महिला उद्यमियों की कहानी
भारतीय महिला उद्यमियों का नया समूह साहसी है, जोखिम उठाने के लिए तैयार है और हर दिन कुछ नया सीखता है। जबकि कुछ के पास अपने चुने हुए रास्ते की एक बैकग्राउंड है, तो कुछ अन्य हैं जिन्होंने अपने संबंधित क्षेत्रों में वर्षों तक ज्ञान प्राप्त किया है और आगे बढ़ने के लिए बाधाओं को दूर किया है। सामाजिक सेवा क्षेत्र में हों या प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में, महिलाएं नए रास्ते बना रही हैं और बेजोड़ निपुणता एवं आत्मविश्वास के साथ अपने जीवन के सभी पहलुओं को संतुलित कर रही हैं। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर, हमने कुछ प्रेरणादायक भारतीय महिला उद्यमियों की कहानियों को लिया है, जो अपने चुने हुए क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं और बेंचमार्क स्थापित कर रही हैं।
मीना गणेश
मीना गणेश भारत के अग्रणी बिजनेस लीडर्स में से एक हैं और स्वास्थ्य सेवा, परामर्श, प्रौद्योगिकी, आउटसोर्सिंग, शिक्षा एवं ई-कॉमर्स सहित कई उद्योगों में लगभग तीन दशकों के अनुभव के साथ एक सफल उद्यमी हैं। प्रबंध निदेशक और सीईओ के रूप में, वे भारत की सबसे बड़ी और सबसे तेजी से बढ़ती घरेलू स्वास्थ्य सेवा कंपनी पोर्टिया मेडिकल (पोर्टिया डाॅट काॅम) की हेड हैं, जिसकी सह-स्थापना उन्होंने जुलाई 2013 में की थी। कंपनी के 4500़ कर्मचारी हैं और इसका कामकाज भारत के 16 शहरों में फैला है और यह रोगियों को घर बैठे कई तरह की स्वास्थ्य सेवाएं प्र्रदान करती है, जैसे कि गेरिएट्रिक, पोस्ट-ऑपरेटिव देखभाल, और संबद्ध स्वास्थ्य सेवायें जो सस्ती और सुविधाजनक हैं। वे ग्रोथस्टोरी डाॅट इन में भी भागीदार हैं और नए युग के इंटरनेट व प्रौद्योगिकी आधारित लगभग एक दर्जन स्टार्ट-अप्स में भी को-प्रोमोटर हैं, जैसे कि बिगबास्केट डाॅट काॅम और फ्रेशमेन्यू आदि।
खुशबू अग्रवाल और सोनल अग्रवाल
कैम्पस सूत्रा (कैम्पससूत्रा डॉट कॉम) में खुशबू सह-संस्थापक व सीओओ हैं, तथा सोनल सह-संस्थापक और मुख्य डिजाइन अधिकारी हैं। यह परिधान एवं एक्सेसरीज के क्षेत्र में भारत के अग्रणी घरेलू फैशन ब्रांडों में से एक है। एक स्टार्टअप व्यवसाय के लिए इसका आइडिया तब सामने आया जब खुशबू ने अपने स्कूल की रियूनियन में खराब क्वालिटी की टी-शर्ट और मग को स्मृति चिन्ह के रूप में सौंपा। उन्होंने तभी एक ऐसा व्यवसाय स्थापित करने का फैसला किया, जो मूल रूप से अपनी बहन सोनल के साथ कस्टम मर्चेंडाइज पर केंद्रित था, और कैम्पस सूत्रा को 2013 में लॉन्च कर दिया। आज, कंपनी को अपने सेगमेंट में अग्रणी माना जाता है। इसने अपने पहले वर्ष में ही लाभ अर्जित करना शुरू कर दिया है।
इसने अपने वर्तमान आकार को बढ़ाया है (वित्त वर्ष 2018 में 160 करोड़ जीएमवी का रिकॉर्ड बनाया), वो भी बिना किसी बाहरी निवेश के और आज इसके कर्मचारियों की संख्या 120 से अधिक है। बेंगलुरु में दो कंपनियों के स्वामित्व वाले स्टोर के अलावा, कैम्पस सूत्रा का माल भारत और मिडिल ईस्ट के 500 से अधिक रिटेल स्टोर्स और इसकी वेबसाइट पर उपलब्ध है। कैम्पस सूत्रा अमेजन, फ्लिपकार्ट, मिन्त्रा-जबोंग, आदि पर भी अपनी श्रेणी में नंबर वन है। परिधान और एक्सेसरीज भारत, वियतनाम और बांग्लादेश की फैसिलिटीज में निर्मित हैं। खुशबू एक इंजीनियर-एमबीए हैं और आईएसबीबी में गोल्डमैन सैक्स 10,000 महिला उद्यमी के सर्टिफिकेट प्रोग्राम में ग्रेजुएट है।
दूसरी ओर, सोनल, कैम्पस सूत्रा में क्रिएटिव और डिजाइन टीम का नेतृत्व करती हैं। उन्होंने 2010 में निफ्ट (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी) बैंगलोर से स्वर्ण पदक के साथ स्नातक की उपाधि प्राप्त की और फैशन डिजाइन में आने से पहले विभिन्न प्रकार के डिजाइन क्षेत्रों जैसे कपड़ा, फर्नीचर, सामान आदि में अनुभव लिया। उन्होंने कैंपस सूत्रा की सह-संस्थापक बनने से पहले क्वेटजल, होम स्टॉप और टाइटन आदि के लिए डिजाइन असाइनमेंट्स पर काम किया। सोनल ने आईआईएम बैंगलोर से एंटरप्रेन्योरशिप का कोर्स भी किया है।
सरोजा येरामिल्ली
सरोजा मेलोरा में सीईओ और संस्थापक हैं, जो सबसे तेजी से बढ़ता एक फैशन इन्सपायर्ड ऑनलाइन ज्वैलरी ब्रांड है। 2016 में स्थापित, मेलोरा का लक्ष्य आधुनिक महिलाओं की बदलती जरूरतों को पूरा करने के लिए फैशन-फारवर्ड फाइन ज्वैलरी बनाना है। इस ब्रांड का जन्म सरोजा के इनोवेशन के जुनून और इस क्षेत्र में उनके व्यापक अनुभव से हुआ। वे भारत और अमेरिका में सफल ब्रांडों के निर्माण में 20 वर्षों के विविध अनुभव के साथ एक अनुभवी पेशेवर हैं। सरोजा ब्रांड तनिष्क को देश में एक बड़े ज्वेलरी ब्रांड में बदलने के लिए जिम्मेदार है।
बहार धवन रोहतगी
बहार एक सैल्फ टॉट कलाकार हैं, जिनकी रचनाएं आत्मा और जोश से जुड़ी हुई हैं। एक कलाकार के रूप में अपने जुनून को साकार करने से पहले, बहार एक कानूनी फर्म शारदुल अमरचंद मंगलदास के साथ पांच वर्षों से काम कर रही थीं। जबकि अमरचंद के उनके कार्यकाल ने उन्हें कई उच्च-स्तरीय मामलों पर काम करने का अवसर दिया, जिससे उन्हें अपनी क्लाइंट रिकगनिशन मिला। पेंटिंग उनके दिल और आत्मा में बनी रही और वे 2011 से एक साथ अपनी कलाकृतियों को पेंट कर रही और बेच रही हैं। उन्होंने जून 2015 में एक पूर्णकालिक कलाकार के रूप में काम शुरू कर दिया।
मेहर रोहतगी
मेहर एटलियर मोन की मार्केटिंग हेड और को-फाउंडर हैं। यह एक चिक ज्वैलरी ब्रांड है, जो अपने अद्वितीय स्टेटमेंट डिजाइंस के लिए जाना जाता है। ब्रांड को 2012 में मेहर और उनकी मां मोनिका शर्मा द्वारा लॉन्च किया गया था। मेहर एटलियर सोम में एक महिला टीम को लीड करती हैं। तेजी से बढ़ते लक्जरी ब्रांड के रूप में, यह उद्यम दुनिया भर में 200 से अधिक स्टॉकिस्टों के साथ रिटेल में सक्रिय है।
एटलियर मोन प्रियंका चोपड़ा, दीपिका पादुकोण, आलिया भट्ट, हुमा कुरैशी, सोनम कपूर, ईशा गुप्ता, तारा शर्मा, जैकलीन फर्नांडीज, यामी गौतम और इलियाना डिक्रूज सहित बॉलीवुड की सबसे स्टाइलिश महिलाओं की पसंद बन रहा है। फैशन बिरादरी के पसंदीदा ब्रांड के रूप में, लेबल ने वोग, हार्पर बाजार, कॉस्मोपॉलिटन, ग्राजिया और एले जैसी पत्रिकाओं में भी जगह बनाई है।
उद्यम में मेहर की भूमिका उन्हें व्यापार और रचनात्मक कौशल में समान रूप से टैप करने की अनुमति देती है। वे सुनिश्चित करती हैं कि ब्रांड का व्यवसाय विकास, ब्रांडिंग और मार्केटिंग रणनीति हमेशा गतिशील बनी रहे।
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