मुनाफाखोरी के आरोप में L'Oreal कंपनी पर 186 करोड़ रुपये का जुर्माना
मुनाफाखोरी रोधी महानिदेशालय (डीजीएपी) की जांच में पाया गया कि लॉरियल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 15 नवंबर 2017 से फेस वाश, शैम्पू, बालों के रंग, कंडीशनर और कुछ मेकअप उत्पादों पर कर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत किए जाने का लाभ ग्राहकों को नहीं दिया.
राष्ट्रीय मुनाफाखोरी-रोधी प्राधिकरण (NAA) ने लॉरियल इंडिया को 186.39 करोड़ रुपये से अधिक की मुनाफाखोरी का दोषी पाया है. एनएए ने पाया कि लॉरियल (L'Oreal) ने जीएसटी दर में कटौती का लाभ ग्राहकों को नहीं दिया.
मुनाफाखोरी रोधी महानिदेशालय (डीजीएपी) की जांच में पाया गया कि लॉरियल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 15 नवंबर 2017 से फेस वाश, शैम्पू, बालों के रंग, कंडीशनर और कुछ मेकअप उत्पादों पर कर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत किए जाने का लाभ ग्राहकों को नहीं दिया.
बता दें कि, 1 जुलाई, 2017 और 14 नवंबर, 2017 के बीच लॉरियल द्वारा बेचे गए अधिकांश उत्पादों पर 28 फीसदी जीएसटी लगा. इन वस्तुओं पर दरें 15 नवंबर, 2017 से घटाकर 18 फीसदी कर दी गई.
एनएए ने मुनाफाखोरी की 50 प्रतिशत राशि या 93.19 करोड़ रुपये केंद्रीय उपभोक्ता कल्याण कोष (सीडब्ल्यूएफ) में और शेष राशि राज्यों के सीडब्ल्यूएफ में जमा कराने का आदेश दिया. साथ ही इन उत्पादों की कीमतों को कम करने का निर्देश भी दिया गया है.
एनएए ने लॉरियल को जुर्माने की राशि तीन महीने के भीतर जमा करने के लिए कहा है. एनएए ने कहा कि लोरियल का दावा है कि उसने 276.48 करोड़ रुपये का लाभ दिया था, पर उसके दावे विचार करने योग्य नहीं हैं.
लॉरियल ने अपने बचाव में कहा था कि उसने नवंबर 2017 में जीएसटी परिषद के फैसले के बाद शैंपू, कंडीशनर और कलर नेचुरल के मामले में मात्रा बढ़ाकर दरों में कमी की थी. कंपनी ने यह भी बताया कि सरकार ने उपभोक्ताओं को लाभ देने के लिए कोई दिशानिर्देश या पद्धति नहीं दी थी.
इससे पहले एनएए ने नेस्ले इंडिया (Nestle India), प्रॉक्टर एंड गैंबल (Procter & Gamble), जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson & Johnson), हिंदुस्तान यूनिलीवर (Hindustan Unilever) जैसी कंपनियों पर इसी तरह के उल्लंघन के लिए जुर्माना लगाया था.
कुछ एफएमसीजी (FMCG) कंपनियों ने पहले तर्क दिया था कि कथित मुनाफाखोरी के मामलों पर फैसला सुनाए जाने से पहले कार्यप्रणाली का निर्धारण करना होगा.