गुजरात चुनाव को लेकर महाराष्ट्र सरकार का ऐलान, सीमावर्ती जिलों में मिलेगी 1 दिन की पेड लीव
गुजरात विधानसभा चुनाव की कुल 182 सीटों के लिए दो चरणों में मतदान होने हैं. पहले चरण के लिए 1 दिसंबर को और दूसरे चरण के लिए 5 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे. पहले चरण में 89 सीटों और दूसरे चरण में 93 सीटों पर मतदान होगा. और नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे.
बता दें कि गुजरात में 2017 के विधानसभा चुनाव में 69 प्रतिशत और 2019 के लोकसभा चुनाव में 64 प्रतिशत मतदान हुआ था. मुख्य चुनाव आयुक्त के अनुसार 2017 में कम मतदान वाले मतदान केंद्रों की पहचान कर ली गई है. चुनाव में लोगों की भागीदारी और उनका रूझान बढाने के लिए सरकार कई तरह के कदम उठा रही है. महाराष्ट्र सरकार ने इस मद्देनज़र एक बड़ी घोषणा की है.
गुजरात और महाराष्ट्र पड़ोसी राज्य हैं जिसके कारण गुजरात के कई जिलों के लोग महाराष्ट्र के कई जिलों में काम करने जाते हैं. गुजरात के लोग अब जब मतदान करने की तैयारी कर रहे हैं तो महाराष्ट्र सरकार ने सीमावर्ती जिलों में काम करने वाले निजी और सरकारी कर्मचारियों को मतदान के मद्देनजर एक बड़ी राहत दी है. महाराष्ट्र सरकार ने गुजरात के मतदाताओं के लिए एक दिन के सवैतनिक अवकाश (Paid Leave) की अनुमति दी है. महाराष्ट्र के पालघर, नासिक, नंदुरबार और धुले जैसे सीमावर्ती जिलों (Border Districts) में काम करने वाले लोगों को वोट डालने के लिए एक दिन की छुट्टी दी गई है.
महाराष्ट्र सरकार ने सभी निजी कंपनियों को भी इन आदेशों का पालन करने का निर्देश दिया गया है. सभी निजी कंपनियों को आदेश का पालन करने का निर्देश है और कहा गया है कि उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी. यदि आदेश का उल्लंघन किया जाता है, तो उनपर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने एक जीआर जारी किया है. जीआर के अनुसार महाराष्ट्र के सीमावर्ती जिलों जैसे पालघर, नासिक, नंदुरबार और धुले में काम कर रहे गुजरात विधानसभा के सभी मतदाताओं के लिए 1 दिन का भुगतान अवकाश (paid leave) की अनुमति दी है.
GR के मुताबिक किसी अपवादात्मक स्थिति में अगर पुरे दिन की छुट्टी नही दे सकते तो कम से कम दो घंटे का अवकाश देना जरूरी है. लेकिन इसके लिए भी जिला अधिकारी और जिला चुनाव अधिकारी की अनुमति लेनी होगी. यदि सवैतनिक अवकाश के आदेश का उल्लंघन किया जाता है, तो उस प्रतिष्ठान के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
Edited by Prerna Bhardwaj