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12 मार्च, वर्ल्ड किडनी डे : क्या करें जब हो एक या तीन किडनी

12 मार्च, वर्ल्ड किडनी डे : क्या करें जब हो एक या तीन किडनी

Thursday March 12, 2020 , 4 min Read

हर इंसान के शरीर में दो गुर्दे अथवा किडनी होती हैं, यह तो सर्वविदित तथ्य है और यह भी सभी जानते हैं कि इंसान एक किडनी के सहारे भी सामान्य जीवन जी सकता है और यही वजह है कि लोग कई बार अपनी एक किडनी दान भी कर देते हैं, लेकिन जरा उन लोगों के बारे में सोचिए जो एक ही किडनी के साथ पैदा हुए हैं। इससे भी अधिक विचित्र बात है कि कुछ लोग तीन किडनी के साथ और कुछ बिना किडनी के भी पैदा होते हैं।


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सांकेतिक चित्र (फोटो क्रेडिट: newsd)



श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट में सीनियर कंसल्टेंट एंड चीफ ऑफ़ एक्शन किडनी ट्रांसप्लांट, एंड डायलिसिस डिपार्टमेंट डॉक्टर राजेश अग्रवाल ने बताया कि व्यक्ति का एक किडनी के साथ जन्म लेना असामान्य नहीं है और ऐसे लोग एक किडनी के साथ एकदम सामान्य और स्वस्थ ज़िन्दगी गुजार सकते है। प्रति एक हजार बच्चों में किसी एक का जन्म एक किडनी के साथ होता है।


डॉ. अग्रवाल के अनुसार एक किडनी वालों को रेनल एजेनेसिस कहते हैं, और तीन किडनी की स्थिति को सुपरन्युमरी किडनी कहते हैं। इन दोनों परिस्थितियों में जीवन अकसर इतना सामान्य होता है कि अमूमन लोगों को पता ही नहीं चलता। किसी दुर्घटनावश, बीमारी और महिलाओं के मामले में गर्भावस्था में जांच के दौरान उन्हें अपनी स्थिति के बारे में मालूम होता है। कई बार बच्चा किसी विकार के चलते बिना किडनी के भी पैदा होता है, लेकिन प्रति तीन हजार में ऐसे बच्चों की संख्या एक होती है और ऐसे बच्चे या तो मृत पैदा होते हैं और या फिर जन्म के कुछ ही घंटों तक जीवित रहते हैं।


जेपी अस्पताल नोएडा में डायरेक्टर, डिपार्टमेंट ऑफ़ यूरोलोजी एंड किडनी ट्रांसप्लांट, को-ऑर्डिनेटर किडनी ट्रांसप्लांट प्रोग्राम डॉक्टर अमित कुमार देवड़ा ने बताया कि दो किडनी वाले सामान्य लोगों को भी किडनी के स्वास्थ्य को लेकर सजग रहना चाहिए, लेकिन एक किडनी के साथ पैदा होने वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है। ऐसे लोगों को दर्दनिवारक दवाएं खाने से बचना चाहिए।


इसके अलावा किसी भी एंटी बायोटिक दवा का सेवन केवल अपने डॉक्टर के निर्देश पर ही करें। ब्लड प्रेशर की स्थिति में अतिरिक्त सावधानी बरतें क्योंकि रक्तचाप सामान्य न होने पर रक्त वाहिकाएं प्रभावित होती हैं, जिससे किडनी की नियमित प्रक्रिया पर असर पड़ता है।





उन्होंने बताया कि डायबिटीज उन तमाम रोगों में से एक है जिसका सबसे ज्यादा असर किडनी के संचालन पर पड़ता है और यहाँ तक कि किडनी ट्रांसप्लांट के बहुत से मामलों में मूल बीमारी डायबिटीज ही होती है। शुगर का कम ज्यादा होना सीधे किडनी की रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है। एक किडनी के साथ पैदा होने वाले बच्चों के माता पिता को विशेष रूप से ध्यान रखना पड़ता है।


श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट में चीफ एंड सीनियर कंसल्टेंट, यूरोलॉजी एंड केटीयू डॉक्टर अतुल गोस्वामी ने तीन किडनी के साथ पैदा होने वाले लोगों की स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि गर्भ में पल रहे भ्रूण के विकास के क्रम में किडनी बनते समय एक बड से एक तरफ दो किडनी विकसित हो जाती हैं, और इस तरह व्यक्ति में कुल तीन किडनी हो जाती हैं।


उन्होंने बताया कि सामान्य शरीर में किडनी पसलियों के ढांचे की हड्डी से ढकी रहती हैं और बहुत सी दुर्घटनाओं में सुरक्षित रहती हैं, लेकिन यदि शरीर में तीसरी किडनी हो तो यह पसलियों की सुरक्षा से हटकर निचले हिस्से में होती है। ऐसे में यह किसी बड़ी चोट अथवा दुर्घटना की स्थिति में क्षतिग्रस्त हो सकती है। लोगों को किडनी और इससे जुड़े पहलुओं के संबंध में जागरूक करने के लिए हर वर्ष मार्च महीने के दूसरे गुरूवार को ‘वर्ल्ड किडनी डे’ मनाया जाता है।


डॉ. गोस्वामी ने कहा कि अगर किसी को पता है कि उसके शरीर में तीन किडनी हैं तो ऐसे व्यक्तियों को मार्शल आर्ट्स, कराटे या किसी भी जोखिम भरे खेल न खेलने या सावधान रहने की सलाह दी जाती है, क्योंकि बिना सुरक्षा यह तीसरी अतिरिक्त किडनी क्षतिग्रस्त होकर बड़ी दुर्घटना में तब्दील हो सकती है।


इसके अलावा ध्यान देने वाली बात यह है कि शरीर में तीसरी किडनी की उपस्थिति उस जगह के अन्य अंगों के विकास को प्रभावित कर सकती है, जिससे अन्य जटिलताएं पैदा हो सकती हैं।