तय समय में Google ने नहीं चुकाया जुर्माना, CCI ने जारी किया नोटिस
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने निर्धारित समय के भीतर गूगल (Google) द्वारा जुर्माने का भुगतान करने में विफल रहने पर उसे मांग नोटिस जारी किया है.
दिग्गज टेक कंपनी ने अनुचित व्यापार व्यवहार के मामले में सीसीआई के आदेश के खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) में अपील की है. न्यायाधिकरण ने अभी मामले में सुनवाई नहीं की है. सीसीआई ने अक्टूबर में गूगल पर एकाधिकार की स्थिति का फायदा उठाने के लिए कुल 2,274.2 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. ये जुर्माना दो अलग-अलग मामलों - एंड्रॉयड मोबाइल प्रणाली और प्ले स्टोर नीतियों के संबंध में लगाया गया था.
इससे पहले CCI आदेश के मुताबिक, 8 फरवरी 2018 में भी गूगल पर 135.86 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था. उस समय भी इसके पीछे सीसीआई ने गूगल को ऑनलाइन सर्च और विज्ञापन बाजार में अपनी मजबूत स्थिति का दुरुपयोग का दोषी पाया था.
CCI ने दो मामलों में गूगल पर लगाए गए जुर्माने का भुगतान नहीं करने पर कंपनी को मांग नोटिस जारी किया है. नियामक ने 20 अक्टूबर और 25 अक्टूबर के आदेश में यह जुर्माना 60 दिनों के भीतर चुकाने का निर्देश दिया था. चूंकि गूगल ने अभी तक जुर्माने का भुगतान नहीं किया है, इसलिए सीसीआई ने मांग नोटिस जारी किया है.
CCI द्वारा की गई पहली कार्रवाई पर सर्च इंजन गूगल की ओर से प्रतिक्रिया भी आई थी. कंपनी की ओर से कहा था, "CCI का निर्णय भारतीय के उपभोक्ताओं और व्यवसायों के लिए एक बड़ा झटका है. एंड्रॉइड की सुरक्षा पर भरोसा करने वाले भारतीयों के लिए गंभीर सुरक्षा जोखिम के अवसर दे रहा है. यह फैसला मोबाइल उपकरणों की लागत बढ़ा रहा है." इसके साथ ही गूगल ने इस फैसले पर समीक्षा करने की बात कही थी.
CCI ने एंड्रॉइड मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम और गूगल के अलग-अलग मालिकाना हक वाले एप्लिकेशन जैसे Play Store, Google Search, Google Chrome, YouTube के लाइसेंस के संबंध में कंपनी की जांच की थी. CCI ने अपनी जांच में पाया कि गूगल का बिजनेस अपने प्लेटफॉर्म पर केवल यूजर्स को बढ़ाने के इरादे से चलता है. इससे कंपनी की कोशिश यूजर्स को अपने रेवेन्यू बढ़ाने वाले सर्विस से जोड़ने की रहती है.
प्रतिस्पर्धा कानून के अनुसार, संबंधित पक्ष को मांग नोटिस मिलने के 30 दिनों के भीतर जुर्माने का भुगतान करना होता है, जिसमें विफल रहने पर नियामक वसूली के लिए अपनी शक्तियों का उपयोग कर सकता है. गूगल के मुताबिक दोनों मामलों में अपील दायर की गई है. पिछले हफ्ते गूगल के प्रवक्ता ने कहा था कि कंपनी NCLAT में अपनी बात रखेंगी.