डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ किए गए उपाय ओमीक्रोन से निपटने में भी कारगर: WHO
भारत सहित विश्व के करीब तीन दर्जन देशों में ओमीक्रोन स्वरूप के मामले सामने आए हैं। वहीं, दक्षिण अफ्रीका में इन देशों की तुलना में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और वहां नया स्वरूप प्रबल बन सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारियों ने हाल ही में कहा कि कोविड-19 के नये स्वरूप ओमीक्रोन के सामने आने के बाद भी डेल्टा स्वरूप के खिलाफ अपनाये गए उपाय इस महामारी से जंग की बुनियाद बने रहने चाहिए। साथ ही, स्वीकार किया कि कुछ देशों द्वारा सीमा बंद करने के उपाय को अपनाया जाना तैयारी के लिए समय दे सकता है।
पश्चिमी प्रशांत के लिए WHO के क्षेत्रीय निदेशक डॉ ताकेशी कसई ने फिलीपीन से ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, "सीमा पर पांबदी वायरस के अंदर आने में देरी कर सकती है और इससे तैयारी के लिए समय मिल सकता है। लेकिन हर देश और हर समुदाय को मामलों में नयी वृद्धि के लिए तैयार रहना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "इन सबमें अच्छी खबर यह है कि ओमीक्रोन के बारे में हमारे पास कोई भी ऐसी सूचना नहीं है जो बताती है कि हमारी प्रतिक्रिया की दिशा बदलने की जरूरत है।"
कसई ने कहा कि उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) की संख्या के कारण ओमीक्रोन को चिंता का एक स्वरूप नामित किया गया है और क्योंकि प्रारंभिक जानकारी से पता चलता है कि यह वायरस के अन्य स्वरूपों की तुलना में अधिक संक्रामक हो सकता है। उन्होंने कहा कि अधिक जांचों और अवलोकन की आवश्यकता है।ओलोवोकुरे ने कहा कि अब तक पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र के चार देशों और क्षेत्रों - ऑस्ट्रेलिया, हांगकांग, जापान और दक्षिण कोरिया ने ओमीक्रोन स्वरूप के मामलों की सूचना दी है।
WHO के क्षेत्रीय आपात स्थिति निदेशक डॉ बी. ओलोवोकुरे ने कहा कि इसका मतलब है कि टीकाकरण बढ़ाने पर जोर देना, सामाजिक दूरी के नियमों का अनुपालन करना और मास्क पहनना सहित अन्य उपाय जारी रखना जरूरी हैं। उन्होंने कहा, "स्वास्थ्य प्रणाली को अवश्य सुनिश्चित करना चाहिए कि मरीज का उपयुक्त स्थान पर सही समय पर इलाज हो और जिन मरीजों को जरूरी है उनके लिए आईसीयू बिस्तर उपलब्ध रखा जाए।"
गौरतलब हो कि भारत सहित विश्व के करीब तीन दर्जन देशों में ओमीक्रोन स्वरूप के मामले सामने आए हैं। वहीं, दक्षिण अफ्रीका में इन देशों की तुलना में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और वहां नया स्वरूप प्रबल बन सकता है। हालांकि, अबतक ओमीक्रोन के बारे में बहुत कुछ अस्पष्ट है। जैसे कि क्या यह अधिक संक्रामक है, क्या यह लोगों को गंभीर रूप से बीमार करेगा, या क्या यह टीका से मिलने वाली सुरक्षा को चकमा दे सकता है।