मिलिए लोकप्रिय मैराथन रनर और योग ट्रेनर श्रुति जैन से, जो मानती हैं योग को अपनी ज़िंदगी और रनिंग को अपना जुनून!
आज हम बात करने जा रहे हैं, रजिस्टर्ड योग प्रशिक्षिका (ट्रेनर) और मैराथन धावक (रनर) श्रुति जैन की, जो बेंगलुरु में विभिन्न क़िस्म के योग सिखाती हैं। श्रुति ने मुंबई के एनएमआईएमएस (NMiMS) से एमबीए की डिग्री ली है, लेकिन मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के प्रति श्रुति का रुझान हमेशा से ही रहा है। अपने इस जुनून से प्रभावित होकर ही उन्होंने अपनी मोटी सैलरी वाली कॉर्पोरेट नौकरी छोड़, फ़िटनेस इंडस्ट्री में बतौर ट्रेनर काम शुरू किया।
श्रुति ने हाल ही में बर्लिन मैराथन में हिस्सा लिया था और उसे पूरा किया। दरअसल, श्रुति दुनिया की सबसे बड़ी मैराथन रेस, बोस्टन मैराथन में हिस्सा लेना चाहती हैं और इसके लिए बर्लिन (जर्मनी) मैराथन क्वॉलिफ़ायर मैराथन होती है, जिसे श्रुति अब पूरा कर चुकी हैं।
कम उम्र से की शुरुआत!
श्रुति ने बताया कि वह पिछले 12 सालों से रनिंग कर रही हैं। उन्होंने बताया कि इस काम के लिए उन्हें अपने पिता जी से प्रेरणा मिली, जो रोज़ाना सुबह टहलने जाते थे और इस काम में वह कभी कोई कोताही नहीं बरतते थे। श्रुति जब अपने पिता जी के साथ टहलने जाती थीं, तब उनके पिता जी ने उनसे रनिंग करने के लिए कहा, जिसके बाद श्रुति ने नियमितरूप से रनिंग शुरू की।
धीरे-धीरे योग की तरफ़ भी श्रुति की रुचि बढ़ी और अब उन्हें अपने ही घर में योग की कक्षाएं चलाते हुए 5 साल हो चुके हैं। श्रुति के पास 5 हज़ार घंटों का योग सिखाने का अनुभव है और अभी तक वह 100 से ज़्यादा स्टूडेंट्स को योग सिखा चुकी हैं और साथ ही, 500 से ज़्यादा लोगों के लिए वर्कशॉप्स आयोजित कर चुकी हैं।
योग और रनिंग की अपने जीवन में अहमियत पर चर्चा करते हुए श्रुति कहती हैं,
"योग मेरा जीवनसाथी है और दौड़ना, मेरा जुनून। योग और रनिंग से पहले मेरे पास एक अच्छी कॉर्पोरेट नौकरी हुआ करती थी। ऐसा नहीं है कि मुझे अपनी नौकरी से कुछ शिक़ायत थी, लेकिन फ़िटनेस इंडस्ट्री में आने के बाद मैं यक़ीनन कह सकती हूं कि मैं अब पहले से कहीं ज़्यादा ख़ुश हूं। योग मेरी ज़िंदगी में तब आया, जब मैं अपने व्यक्तिगत जीवन में तनाव से ग्रसित थी और योग ने मेरी ज़िंदगी को बदलकर रख दिया।"
श्रुति मानती हैं कि एक अच्छा ट्रेनर बनने के लिए आपके अंदर अपने काम के प्रति जुनून होना सबसे ज़रूरी कारक है।
गेट, सेट ऐंड गो!
श्रुति, टाटा मुंबई मैराथन 2018, टाटा स्टील 25k 2018, एयरटेल हाफ़ मैराथन 201, टीसीएस वर्ल्ड 10k 2018, श्रीराम प्रॉपर्टीज़ बेंगलुरु मैराथन, बेंगलुरु 10k चैलेंज, बेंगलुरु अल्ट्रा रन ऐंड प्राइड रन 2018 समेत कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुकी हैं।
उन्होंने अपनी पहली फ़ुल मैराथन (42.195 किमी.) इस साल जनवरी में ही पूरी की थी। इससे पहले वह 10 किमी. की 6 दौड़ें और चार हाफ़ मैराथन पूरी कर चुकी हैं। श्रुति ने बताया कि उन्होंने अपनी फ़ुल मैराथन की ट्रेनिंग नवंबर 2018 से ही शुरू की थी और जनवरी में अपनी पहली फ़ुल मैराथन पूरी करने के बाद से लेकर अभी तक वह तीन फ़ुल मैराथन पूरी कर चुकी हैं।
श्रुति ने जयनगर जैगुआर्स के साथ अपने मैराथन प्रशिक्षण की औपचारिक शुरुआत की थी। यह एक रनिंग क्लब, जहां पर कोच आने वाले कार्यक्रमों के हिसाब से ख़ास तरह के ट्रेनिंग प्रोग्राम्स तैयार करते हैं। श्रुति बताती हैं कि उनके ट्रेनिंग सेंटर में एक कार्यक्रम (इवेंट) की तैयारी करने के लिए लगभग तीन से चार महीनों का समय लगता है।
अब बोस्टन मैराथन पर है नज़र!
श्रुति मानती हैं कि हर एक मैराथन रनर के लिए बोस्टन मैराथन में दौड़ना एक सपने की तरह होता है। श्रुति ने बताया कि उनके कोच कहते हैं कि यह एक ऐसी रेस है, जो आपको कमानी पड़ती है।
श्रुति ने जानकारी दी कि बोस्टन मैराथन के लिए क्वॉलिफ़ाई करने के लिए आपको अपने आयु वर्ग के मुताबिक़, एक निर्धारित समय में मैराथन पूरी करनी पड़ती है और इसके अलावा, कुछ चुनिंदा धावक ही ऐसे होते हैं, जिन्हें इस मैराथन के लिए चुना जाता है। भारत में सिर्फ़ दो रेस ऐसी हैं, जो बोस्टन मैराथन के लिए क्वॉलिफ़ायर हैं; एक जनवरी में मुंबई में होती है और दूसरी फ़रवरी में दिल्ली में। मुंबई वाली रेस के बाद श्रुति के पास सितंबर में बर्लिन मैराथन में हिस्सा लेने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं था, अन्यथा उन्हें एक साल और इंतज़ार करना पड़ता। श्रुति बताती हैं कि बर्लिन अपने फ़्लैट कोर्स और शानदार मौसम के लिए लोकप्रिय है।
बोस्टन मैराथन 2020 के लिए रजिस्ट्रेशन बंद हो चुके हैं और अब श्रुति अप्रैल 2021 के लिए ही आवेदन कर सकती हैं।
श्रुति का कहना है,
"बोस्टन मैराथन ही मेरा अगला लक्ष्य है। मैं अन्य दौड़ों के बारे में भी सोच रही हूं, जिनके माध्यम से मुझे बोस्टन मैराथन 2021 के लिए तैयारी करने में भी मदद मिलेगी।"