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भारत में कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा मर्जर सौदा, HDFC और HDFC Bank के विलय प्रस्ताव को स्टॉक एक्सचेंज से मिली मंजूरी

भारत में कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा मर्जर सौदा, HDFC और HDFC Bank के विलय प्रस्ताव को स्टॉक एक्सचेंज से मिली मंजूरी

Monday July 04, 2022 , 3 min Read

HDFC और इसकी बैंकिंग सब्सिडरी HDFC Bank के विलय (merger) प्रस्ताव को स्टॉक एक्सचेंज (stock exchange) से मंजूरी मिल गई है. बताया जा रहा है कि यह भारत में कॉर्पोरेट के इतिहास का सबसे बड़ा मर्जर सौदा होगा.

HDFC Bank ने एक फाइलिंग में कहा कि HDFC Bank को BSE Limited से 'no adverse observations' के साथ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (National Stock Exchange of India Limited) से 'अनापत्ति' प्रमाण पत्र मिल चुका है. यह दोनों ही पत्र 2 जुलाई को जारी किए गए हैं.

इनमें कहा गया है कि "यह योजना अन्य बातों के साथ-साथ भारतीय रिजर्व बैंक, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग, राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण और योजना में शामिल कंपनियों के संबंधित शेयरधारकों और लेनदारों से अनुमोदन सहित विभिन्न वैधानिक और नियामक अनुमोदनों के अधीन है, जैसा कि जरूरी हो सकता है."

इससे पहले 4 अप्रैल को, भारत के सबसे बड़े निजी ऋणदाता एचडीएफसी बैंक ने वित्तीय सेवाओं के टाइटन का निर्माण करते हुए लगभग 40 बिलियन अमरीकी डॉलर के सौदे में सबसे बड़े घरेलू मॉर्गेज ऋणदाता को लेने पर सहमति व्यक्त की.

इस प्रस्तावित इकाई का कंबाइंड एसेट बेस लगभग 18 लाख करोड़ रुपये होगा. विलय के वित्त वर्ष 24 की दूसरी या तीसरी तिमाही तक पूरा होने की उम्मीद है, जो विनियामक अनुमोदन के अधीन है.

सौदा प्रभावी होने के बाद, एचडीएफसी बैंक 100 प्रतिशत सार्वजनिक शेयरधारकों के स्वामित्व में होगा, और एचडीएफसी के मौजूदा शेयरधारकों के पास बैंक का 41 प्रतिशत हिस्सा होगा.

प्रत्येक एचडीएफसी शेयरधारक को प्रत्येक 25 शेयरों के लिए एचडीएफसी बैंक के 42 शेयर मिलेंगे.

बीएसई के पत्र में कहा गया है, कंपनी को सलाह दी जाती है कि वह NCLT के समक्ष दायर की जाने वाली याचिका में SEBI या किसी अन्य नियामक द्वारा किसी भी संस्था, उसके निदेशकों / प्रमोटरों और प्रमोटर समूह के खिलाफ की गई सभी कार्रवाइयों के विवरण का खुलासा करे.

कंपनी यह सुनिश्चित करेगी कि सेबी की विशिष्ट लिखित सहमति के बिना नियामकों या न्यायाधिकरणों द्वारा अनिवार्य को छोड़कर ड्राफ्ट योजना में कोई बदलाव नहीं किया जाना चाहिए.

इसमें कहा गया है कि कंपनी को सलाह दी जाती है कि योजना के तहत जारी प्रस्तावित इक्विटी शेयर अनिवार्य रूप से केवल डीमैट रूप में ही होने चाहिए.

दिसंबर 2021 की बैलेंस शीट के अनुसार, संयुक्त बैलेंस शीट 17.87 लाख करोड़ रुपये और नेट वर्थ 3.3 लाख करोड़ रुपये हो जाएगी.

1 अप्रैल, 2022 तक, एचडीएफसी बैंक का बाजार पूंजीकरण 8.36 लाख करोड़ रुपये (यूएसडी 110 अरब) और एचडीएफसी का 4.46 लाख करोड़ रुपये (59 अरब डॉलर) था.

विलय के बाद एचडीएफसी बैंक ICICI Bank से दोगुना हो जाएगा, जो अब तीसरा सबसे बड़ा बैंक है.