भारत दौरे पर Microsoft के सत्या नडेला, कंपनियों के सीईओ से बोले - ‘डू मोर विद लैस’
माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला ने टॉप बिज़नेस लीडर्स को संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक संगठन के लिए डिजिटल की जरूरत पर ज़ोर देते हुए बताया कि किस प्रकार माइक्रोसॉफ्ट क्लाउड भारत में विभिन्न कारोबारों के लिए बड़े पैमाने पर आर्थिक प्रगति और विकास में तेज़ी का पर्याय बन सकता है.
माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) के चेयरमैन एवं सीईओ सत्या नडेला (Satya Nadella) ने अपनी भारत यात्रा की शुरुआत करते हुए मंगलवार को मुंबई में माइक्रोसॉफ्ट फ्यूचर रेडी लीडरशिप समिट (Microsoft Future Ready Leadership Summit) में देश के जाने-माने सीईओ को संबोधित किया. इस अवसर पर, शीर्ष बिज़नेस लीडर्स को संबोधित करते हुए नडेला ने प्रत्येक संगठन के लिए डिजिटल की जरूरत पर ज़ोर देते हुए बताया कि किस प्रकार माइक्रोसॉफ्ट क्लाउड भारत में विभिन्न कारोबारों के लिए बड़े पैमाने पर आर्थिक प्रगति और विकास में तेज़ी का पर्याय बन सकता है. टेक-आधारित भारत के लिए अपनी सोच साझा करते हुए उन्होंने बताया कि क्लाउड किस प्रकार देश के डिजिटल सफर में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है और किस तरह से माइक्रोसॉफ्ट यहां डेवलपर्स, स्टार्टअप्स तथा विभिन्न कंपनियों के इकोसिस्टम को सपोर्ट कर सकती है.
सत्या नडेला, ने कहा, "हमारा मकसद इस धरती पर हर व्यक्ति और संगठन को सशक्त बनाना और उन्हें अधिक हासिल करने में समर्थ बनाना है, हमें इस ध्येय को हासिल कर ही अपनी सफलता को मापना है. दूसरे शब्दों में कह सकते हैं, हम तभी खुद को बेहतर प्रदर्शन करने वाला मान सकते हैं जब हमारे आसपास की दुनिया भी अच्छा कर रही हो. मेरी मौजूदा भारत यात्रा के दौरान जो अच्छा हुआ और जिसके बारे में मैं सीख रहा हूं, और वह सिर्फ देश के प्रमुख शहरों में ही नहीं हो रहा, बल्कि दुनिया के अन्य शहरों में भी हो रहा है, और वह है कि डिजिटल किस प्रकार की भूमिका निभा रहा है."
एआई के बारे में नडेला ने कहा, "आइये हम इस पर विचार करें कि यह किस प्रकार हम सभी के जीवन पर, जो कुछ भी हम कर रहे हैं, उस पर प्रभाव डाल रहा है. हर ज्ञानवान व्यक्ति अधिक रचनात्मक, अधिक अभिव्यक्ति करने वाला और अधिक प्रोडक्टिव हो सकता है. हरेक फ्रंटलाइन वर्कर के पास कुछ करने की जानकारी पहले के मुकाबले, अधिक होगी. डिजाइन संबंधी प्रत्येक टास्क, चाहे वह सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग का हो या मैकेनिकल डिजाइन से संबद्ध हो, आर्किटेक्चर आने वाले समय में अधिक प्रोडक्टिव होने जा रहा है. इसलिए, मेरे विचार से, यह मानवीय रचनात्मकता को बढ़ाने के लिए मानवीय समझ और मानव उत्पादकता करे बढ़ा सकती है."
भारत में माइक्रोसॉफ्ट पिछले 32 वर्षों से भी अधिक समय से कार्यरत है. देश नवोन्मेष और संसाधनों से भरपूर है और 2033 तक भारत के दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरने की संभावना है.
नडेला ने यह भी स्पष्ट किया कि किस प्रकार देशभर में कार्यरत संगठन, चाहे वे छोटे हैं या बड़े, माइक्रोसॉफ्ट के टैक स्टैक और सॉल्यूशंस की मदद से अपने आपको बेहतर बनाने में समर्थ साबित हो रहे हैं.
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) संगठन के स्तर पर नवोन्मेष को बढ़ावा देने के लिए पावर ऐप्स का इस्तेमाल करता है जिससे वह कई चुनौतियों का सामना कुशलतापूर्वक कर रहा है जैसे कि मार्केटिाग लीड्स के आधार पर एटीएम को नि:शक्त जनों के लिए भी सुगम बनाना सुनिश्चित करना.
भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय ने भाषिणी पहल के जरिए, भाषायी अवरोध को दूर करने लिए एज़्योर एआई का इस्तेमाल किया है ताकि सभी भाषाएं अनुवाद के जरिए उपलब्ध हो सकें.
लार्सन एंड टुब्रो (एल एंड टी) भी अपने विभिन्न परियोजना स्थलों की रियल टाइम विजिबिलिटी के लिए एक कनेक्टेड इक्विपमेंट प्लेटफार्म तैयार करने के लिए एज़्योर आईटोटी तथा एआई का इस्तेमाल करता है.
सेंको गोल्ड एंड डायमंड्स सभी कस्टमर टचप्वाइंट्स से डेटा संग्रहण के लिए एक मानक सॉल्यूशन हेतु माइक्रोसॉफ्ट डायनमिक्स 365 का इस्तेमल करता है जो एंटरप्राइज़ रिसार्स प्लानिंग एवं कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट के लिए एक केंद्रीकृत प्रणाली में इसे रिकॉर्ड करता है.
एयर इंडिया समूचे संगठन में विश्वस्तरीय उत्पादकता, परस्पर सहयोग और सभी कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए माइक्रोसॉफ्ट 365 टूल्स का इस्तेमाल करती है.
वहीं, इसी इवेंट में, यस बैंक ने घोषणा की है कि माइक्रोसॉफ्ट के साथ उसकी भागीदारी के चलते अत्याधुनिक मोबाइल एप्लीकेशन पेश की जाएगी जो ग्राहकों को अधिक पर्सनलाइज़्ड बैंकिंग अनुभव प्रदान करेगी.
इसके अलावा, एचडीएफसी बैंक भी अपने अगले डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के लिए माइक्रोसॉफ्ट के साथ भागीदारी कर रहा है ताकि एप्लीकेशन पोर्टफोलियो में बदलाव लाकर व्यावसायिक मूल्यवर्धन किया जा सके, डेटा लैंडस्केप को आधुनिक बनाने में मदद मिले और माइक्रोसॉफ्ट क्लाउड प्लेटफार्म की मदद से उपक्रम को सुरक्षित बनाया जा सके.