लाखों की नौकरी छोड़ हेल्दी स्नैक्स बनाने लगे 'पापा बोयो', सरकार ने भी बढ़ाया मदद का हाथ
सबको कभी-कभी लगता है कि काश स्नैक्स भी हेल्दी होते. अमर चौधरी ने भी ऐसा ही सोचा और बोयो लॉन्च कर दिया. अब लोग उन्हें 'पापा बोयो' कहकर बुलाते हैं.
जब कभी बात स्नैक्स की होती है तो सबसे पहले दिमाग में चिप्स, नमकीन या कोई जंक फूड ही आता है. ऐसे में कभी-कभी लगता है कि काश स्नैक्स भी हेल्दी होते, तो कितना अच्छा होता. कुछ ऐसा ही सोचा पश्चिम बंगाल के रहने वाले अमर चौधरी ने और जन्म हुआ एक ब्रांड बोयो के फाउंडर अमर चौधरी को लोग 'पापा बोयो' (Papa BoYo) के नाम से भी जानते हैं.
का. आज के वक्त मेंबोयो ब्रांड करीब 15 महीने पुराना ब्रांड है. अमर चौधरी ने बोयो की शुरुआत करने से पहले एक अन्य ब्रांड चखना शॉट की भी शुरुआत की थी. उन्होंने 2018 में ही Belly Fit Foods And Beverages Limited नाम से कंपनी रजिस्टर करा दी थी. बोयो और चखना शॉट दोनों ही इसी कंपनी के ब्रांड है. बोयो ने बहुत ही कम समय में तगड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है. महज 15 महीने में ही बोयो ने करीब 1 लाख यूनिट बेच दी हैं.
IIT दिल्ली ड्रॉपआउट, IIM अहमदाबाद डिग्री होल्डर
दिल्ली में रहने वाले अमर चौधरी ने 2006 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की है. उसके बाद आईआईटी दिल्ली में उनका एडमिशन हो गया, लेकिन कोर्स से पहले ही अमर चौधरी ने उसे ड्रॉप कर दिया. इसके बाद उन्होंने टाटा मोटर्स में करीब 40-45 दिन नौकरी की. वहां से वह इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड चले गए, जहां पर उन्होंने 7-8 साल तक नौकरी की. लाखों रुपये के पैकेज वाली नौकरी में भी उनका मन नहीं लगा और उसके बाद अमर चौधरी ने आईआईएम अहमदाबाद से एमबीए की पढ़ाई की.
अमर चौधरी अपने गांव से पढ़ाई के लिए बाहर जाने वाले पहले शख्स थे और पहले इंजीनियर भी. बिजनेस फैमिली से आने वाले अमर चौधरी को लोग अक्सर कहते थे इंजीनियरिंग के बाद 15 हजार की नौकरी मिलेगी, उतनी तो उनके फैमिली बिजनेस में एक दिन में कमाई हो जाती है. बता दें कि उनका चावल का होलसेल का फैमिली बिजनेस है, जिसे छोड़कर वह बाहर निकल गए. उनकी मां चाहती थीं कि उनके बच्चे पढ़ें-लिखें और बड़े अधिकारी बनें, ना कि सिर्फ फैमिली बिजनेस में बंध कर रह जाएं. वहीं अमर चौधरी के मन में हमेशा ये था कि वह बड़े लेवल पर कुछ अलग-अलग चाहते थे. वह हजारों लोगों को नौकरी देना चाहते हैं.
कैसे आया बोयो का आइडिया?
अमर चौधरी कहते हैं कि करीब 50-60 साल पहले तक लोगों की हेल्दी फूड हैबिट हुआ करती थी. लोग नट्स खाते थे, एडिबल सीड्स खाते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं रहा और हम बहुत सारा जंक फूड खाने लगे हैं. इसकी वजह से कोरोना काल में देखने को मिला कि लोगों की इम्युनिटी बहुत कमजोर हो चुकी है. ऐसे में हेल्दी स्नैक्स की जरूरत महसूस हुई और उन्होंने बोयो की शुरुआत की.
बोयो का पहला प्रोडक्ट है स्प्राउट सीड मिक्स और ये प्रोडक्ट किसी के भी पास नहीं है. अमर चौधरी बताते हैं कि उन्होंने करीब 100 तरह के सीड्स को एनालाइज किया और 4-5 महीने की रिसर्च के बाद 20 सीड फाइनल किए. उन्होंने इन 20 तरह के सीड्स के कई तरह के मिक्स बनाए. अलग-अलग जरूरत के हिसाब से अलग-अलग अनुपात में सीड्स मिलाकर सीड मिक्स बनाया गया. महिलाओं की हेल्थ के हिसाब से अलग सीड मिक्स और वजन कम करने के लिए अलग सीड मिक्स बनाया गया. कंपनी की तरफ से पिंक साल्ट में रोस्ट किए गए नट्स और सीड्स की भी रेंज निकाली गई. नमक में सामान्य नमक की जगह पिंक सॉल्ट का इस्तेमाल किया गया, क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है.
बोयो का मिशन है कि लोगों को स्वास्थ्य के बारे में जागरूक किया जाए. इसके लिए वह अपने तमाम प्रोडक्ट्स के हर पैक पर उसके बारे में पूरी जानकारी लिखते हैं. हर पैक पर लिखा होता है कि उससे आपके शरीर को क्या फायदे होंगे. वह सिर्फ ये नहीं बताते कि प्रोडक्ट में कौन सा विटामिन मिलता है, बल्कि ये भी बताते हैं कि क्या-क्या फायदे होंगे.
क्या है बिजनेस मॉडल?
कंपनी अभी सिर्फ अपने प्रोडक्ट्स बेचकर रेवेन्यू जनरेट करने के बिजनेस मॉडल पर काम कर रही है. एफएमसीजी सेक्टर में यह कंपनी डायरेक्ट सेलिंग के जरिए रेवेन्यू जनरेट करती है. कंपनी के प्रोडक्ट्स का एवरेज ऑर्डर प्राइस 250-300 रुपये है. कंपनी के प्रोडक्ट्स की रेंज 150 से शुरू होती है और करीब 500 रुपये तक जाती है. कंपनी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से प्रोडक्ट बेचती है और अब एक्सपोर्ट में भी कदम रख चुकी है.
चुनौतियां भी कम नहीं
अमर चौधरी का कहना है कि प्राइसिंग को लेकर कभी कोई चुनौती नहीं रही, क्योंकि काजू, बादाम, ब्लूबैरी खरीदने वाले लोगों को कीमत बिल्कुल सही लगती है. यहां तक कि इस रेंज में कई दूसरी ब्रांड्स की तुलना में उनका प्रोडक्ट सस्ता ही है. उनके लिए पैसों की कमी एक बड़ा चैलेंज है, जिसकी वजह से वह तेजी से अपना बिजनेस नहीं बढ़ा पा रहे हैं. हालांकि, कंपनी को अच्छी रेटिंग मिल रही है और लोगों के अच्छे रिव्यू भी मिल रहे हैं.
कितनी मिली फंडिंग?
बोयो को करीब 20 लाख रुपये का सरकारी ग्रांट मिल चुका है. वहीं इसके अलावा बोयो को स्ट्रेटेजिक फंडिंग मिली है. इसके तहत उन्हें एक तो पैसे मिले हैं और दूसरा सपोर्ट मिला है. एफएमसीजी सेक्टर की महाराष्ट्र की एक बड़ी कंपनी संजीवनी ग्रुप ऑफ कंपनीज ने कंपनी में निवेश किया है. कंपनी ने पैसों के साथ-साथ अपने 8000 रिटेलर्स और सेल्स टीम का सपोर्ट दिया है. अभी यह कॉन्ट्रैक्ट अगले 3 सालों के लिए है. मौजूदा वक्त में कंपनी को अभी तक करीब 1.5 करोड़ रुपये की फंडिग मिल चुकी है. इस तरह देखा जाए तो कंपनी की वैल्युएशन करीब 25 करोड़ रुपये है.
भविष्य का क्या है प्लान?
कंपनी ने एक्सपोर्ट की दुनिया में कदम रख दिया है और आने वाले साल भर में इसका 5 देशों में एक्सपोर्ट का टारगेट है. इन देशों में सऊदी अरब, दुबई, बहरीन, जॉर्जिया जैसे देश शामिल हैं. सऊदी अरब में तो प्रोडक्ट का एक ट्रायल लॉन्च भी हो चुका है. अभी तक कंपनी नट्स और सीड्स के बिजनेस में है, लेकिन आने वाले दिनों में कंपनी इनसे कुछ प्रोडक्ट्स बनाना चाहती है. स्टार्टअप महिलाओं और बच्चों को स्वस्थ रखने वाले कुछ प्रोडक्ट लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है.