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क्या जियो-एयरटेल को टक्कर देने की सोच रही है सरकार, इस टेलिकॉम कंपनी को खरीदने की तैयारी पूरी!

मोदी सरकार जल्द ही कर्ज में डूबी कंपनी वोडाफोन-आइडिया को खरीदने की सोच रही है. कंपनी के शेयरों को 10 रुपये प्रति शेयर के भाव पर खरीदा जा सकता है. सरकार करीब 33 फीसदी हिस्सेदारी खरीद सकती है.

क्या जियो-एयरटेल को टक्कर देने की सोच रही है सरकार, इस टेलिकॉम कंपनी को खरीदने की तैयारी पूरी!

Friday September 09, 2022 , 3 min Read

टेलीकॉम की दुनिया से एक खबर आ रही है कि मोदी सरकार जल्द ही वोडा-आइडिया का अधिग्रहण कर सकती है. टेलीकॉम मार्केट में 2016 में रिलायंस जियो की एंट्री के बाद बहुत सारी छोटी-छोटी कंपनियां बंद हो गईं. कॉम्पटीशन इतना अधिक बढ़ा कि भारी नुकसान की वजह से वोडाफोन और आइडिया जैसी कंपनियों की भी बंद होने की नौबत आ गई. हालांकि, इस फील्ड में बने रहने के लिए दोनों कंपनियों ने साथ मर्जर का फैसला किया. अब दोनों कंपनियां एक साथ हैं, लेकिन फिर भी वह इस मार्केट में रिलायंस जियो और भारती एयरटेल के साथ कॉम्पटीशन नहीं कर पा रही है.

न्यूज एजेंसी पीटीआई के सूत्रों के हवाले से पता चला है कि मोदी सरकार वोडा-आइडिया के शेयर 10 रुपये पर स्थिर होने के बाद इसका अधिग्रहण करेगी. यानी सरकार वोडा-आइडियो को 10 रुपये प्रति शेयर के भाव पर खरीदने की योजना बना रही है. पीटीआई के सूत्र ने कहा है- ‘बाजार नियामक सेबी के नियमों के अनुसार हिस्सेदारी का अधिग्रहण समान मूल्य पर ही होना चाहिए. वीआईएल के शेयर का भाव 10 रुपये के करीब स्थिर होने के बाद दूरसंचार विभाग हिस्सेदारी अधिग्रहण को मंजूरी देगा.’

अभी कितने रुपये का है वोडा-आइडिया का शेयर?

मौजूदा समय में वोडा-आइडिया का शेयर 10 रुपये के भाव से नीचे है. 19 अगस्त से ही यह शेयर 10 रुपये के स्तर के नीचे घूम रहा है. गुरुवार को वोडा-आइडिया का शेयर 9.70 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था, जो शुक्रवार को सुबह 9.85 रुपये के स्तर पर खुला. शुरुआती कारोबार में ही वोडा-आइडिया के शेयर ने 10.05 रुपये का उच्चतम स्तर भी छू लिया.

कितना कर्ज है कंपनी पर?

वोडा-आइडिया को सरकार को ब्याज के तौर पर करीब 16 हजार करोड़ रुपये का भुगतान करना है. कंपनी अपना कर्ज नहीं चुका पा रही है, ऐसे में कंपनी ने सरकार को ऑफर दिया है कि वह अपनी देनदारी के बदले सरकार को 10 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से हिस्सेदारी देने की पेशकश की है. वहीं कंपनी पर 30 सितंबर 2021 तक करीब 1.94 लाख करोड़ रुपये का कुल कर्ज था. अप्रैल-जून तिमाही, 2022 के अंत में यह कर्ज बढ़कर 1,99,080 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.

कितने हिस्से का अधिग्रहण करेगी सरकार?

वित्त मंत्रालय ने जुलाई में ही वोडाफोन-आइडिया में हिस्सेदारी के अधिग्रहण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी. बताया जा रहा है कि सरकार इस कंपनी में करीब 33 फीसदी हिस्सेदारी ले सकती है. अगर ऐसा होता है तो प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 74.99 फीसदी से घटकर 50 फीसदी से भी नीचे आ जाएगी.