Dear Sir के फाउंडर काशिफ ने नौकरी छोड़कर ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया, आज है टॉप एजुकेशनल यूट्यूब चैनल में से एक
भारत के टॉप एजुकेशन चैनल्स में शुमार Dear Sir जिसके आज की तारीख में 1.41 करोड़ सब्सक्राइबर्स हैं. ये चैनल इतना पॉपुलर है कि उसके फाउंडर की पहचान भी Dear Sir के नाम से ही है. चैनल ने महज 200 विडियो में ही 50 लाख सब्सक्राइबर्स हासिल कर लिए.
भारत के टॉप एजुकेशन चैनल्स में शुमार Dear Sir जिसके आज की तारीख में 1.41 करोड़ सब्सक्राइबर्स हैं. ये चैनल इतना पॉपुलर है कि उसके फाउंडर की पहचान भी Dear Sir के नाम से ही है.
उनका वास्तविक नाम है मोहम्मद काशिफ. आइए जानते हैं काशिफ के बारे में उनका बैकग्राउंड और Dear Sir के सफर के बारे में….
काशिफ की परवरिश दिल्ली में हुई, पढ़ाई भी दिल्ली के प्राइवेट स्कूल से पूरी की. स्कूलिंग पूरी करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएशन पूरा किया.
काशिफ एक डबिंग आर्टिस्ट बनना चाहते थे लेकिन उस फील्ड में जाने का कभी कॉन्फिडेंस नहीं आ पाया. दूसरा एक ये भी कारण था कि डबिंग जैसी फील्ड में स्थिरता थोड़ी कम होती है इसलिए प्लान बी भी रखना था. उस समय CA का बड़ा क्रेज था इसलिए CA की पढ़ाई जॉइन कर लिया.
इसी दौरान किसी बीमारी की वजह से उन्हें पढ़ाई से दूरी बनानी पड़ी. रिकवरी करने में तकरीबन एक डेढ़ साल लग गए. कुछ व्यक्तिगत कारणों से मुझे CA की पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी और फिर ट्यूशन देने का आइडिया आया. शुरुआत इंग्लिश ग्रामर की क्लासेज से की.
काशिफ के दो दोस्त वक्कास मलिक और आदिल ने भी काशिफ को जॉइन कर लिया. एक दिन यूं ही आपस में बात करते हुए ही हमने सोचा क्यों न क्लास के विडियो को ऑनलाइन भी डाला जाए. इस तरह ऑनलाइन यानी यूट्यूब का सफर शुरू हुआ. काशिफ ने Dear Sir को दिसंबर, 2016 में शुरू किया.
उस समय वो एक लॉ फर्म के साथ काम कर रहे थे इसलिए रोजाना ऑफिस जाना और रात में विडियो शूट करना काफी मुश्किल होता था. उन्होंने 2 साल तक इसी तरह काम किया. मेहनत काफी लगी लेकिन रंग लाई.
आज उनका चैनल भारत के टॉप एजुकेशनल यूट्यूब चैनल्स में गिना जाता है. हालांकि बाद में जब चैनल काफी चल गया तो उनके लिए लॉ फर्म में काम करना और चैनल दोनों पर ध्यान देना मुश्किल होता गया. इसलिए उन्होंने बाद में लॉ और अकाउंटिंग करियर को छोड़ने का फैसला किया.
काशिफ कहते हैं, बड़े से बड़े टॉपिक्स को मजेदार तरीके से समझाया जाए तो इसे बच्चे काफी पसंद करते हैं. Tenses पर उनके एक वीडियो को तो सिर्फ 4 साल में ही 5.7 करोड़ व्यूज मिल चुके हैं.
काशिफ अब देश भर में सेमिनार आयोजित करके पढ़ाई, करियर विकल्प को लेकर युवाओं के बीच जागरुकता फैलाना चाहते हैं. काशिफ कहते हैं कि वो कभी भी पेड कोर्स नहीं लॉन्च करेंगे. उनका मकसद सभी तक क्वॉलिटी एजुकेशन को पहुंचाना है.
काशिफ बताते हैं कि हमने उन बच्चों को उच्च क्वॉलिटी के एजुकेशनल असिस्टेंस देने लिए प्लैटफॉर्म बनाया जो पैसे देकर पढ़ाई नहीं कर सकते थे. आज हमने इंडिया में एकेडमिक्स की फील्ड में अच्छा खासा नाम बना लिया है.
हमने इस मानसिकता को बदला है कि जरूरी नहीं कि टीचिंग का काम बोरिंग ही हो. इसे आसान, मजेदार भी बनाया जा सकता है.
काशिफ के चैनल ने महज 200 विडियो में ही 50 लाख सब्सक्राइबर्स हासिल कर लिए थे जो देश में किसी यूट्यूब चैनल के लिए एक रेकॉर्ड था.
इस समय डियर सर ने असल नेट वर्थ के बारे में तो जानकारी नहीं दी. मगर एक अनुमान के मुताबिक यह 2.82 मिलियन डॉलर के आसपास रह सकती है. ये सिर्फ यूट्यूब एडवर्टाइजिंग रेवेन्यू से होने वाली कमाई है.
उनकी असल नेट वर्थ इससे भी कहीं ज्यादा हो सकती है. रेवन्यू के बाकी के आयामों को भी जोड़ा जाए तो यह 3.95 मिलियन डॉलर के आसपास हो सकती है.
Edited by Upasana