Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

स्टैंड-अप इंडिया योजना के तहत 7 वर्षों में बांटे गए 40,700 करोड़ रुपये: सरकार

स्टैंड-अप इंडिया योजना को अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों और महिला उद्यमियों द्वारा उद्यम स्थापित करने तथा व्यवसाय में सफल होने हेतु समय-समय पर ऋण एवं अन्य जरूरी सहायता प्राप्त करने में पेश आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए डिजाइन किया गया है.

स्टैंड-अप इंडिया योजना के तहत 7 वर्षों में बांटे गए 40,700 करोड़ रुपये: सरकार

Wednesday April 05, 2023 , 6 min Read

स्टैंड-अप इंडिया योजना की शुरुआत 5 अप्रैल 2016 को आर्थिक सशक्तिकरण और रोजगार सृजन पर ध्यान केन्द्रित करते हुए जमीनी स्तर पर उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी. इस योजना को वर्ष 2025 तक के लिए बढ़ा दिया गया है.

ऊर्जावान, उत्साही एवं महत्वाकांक्षी अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग और महिला उद्यमियों को अपने सपनों को साकार करने में पेश आने वाली विभिन्न चुनौतियों के तथ्य को स्वीकार करते हुए, स्टैंड-अप इंडिया का शुभारंभ महिलाओं और अनुसूचित जाति (एससी) व अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग के लोगों के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देने और उन्हें विनिर्माण, सेवा या व्यापार क्षेत्र एवं कृषि से जुड़ी गतिविधियों से संबंधित एक ग्रीनफील्ड उद्यम शुरू करने में मदद देने के लिए किया गया था.

इस अवसर पर, केन्द्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “यह मेरे लिए बेहद गर्व और संतोष की बात है कि 1.8 लाख से अधिक महिलाओं तथा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों के लिए 40,600 करोड़ रुपये से अधिक राशि के ऋण स्वीकृत किए गए हैं.”

एसयूपीआई योजना की सातवीं वर्षगांठ के अवसर पर, केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा, “इस योजना ने एक ऐसा इकोसिस्टम बनाया है जिसने सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की शाखाओं से मिलने वाले ऋण के जरिए ग्रीनफील्ड उद्यम स्थापित करने में एक सहायक वातावरण के निर्माण को सुविधाजनक बनाया है और उसे जारी रखा है. स्टैंड-अप इंडिया योजना अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिलाओं के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित हुई है.”

सीतारमण ने कहा कि स्टैंड-अप इंडिया योजना ने सुविधाओं से वंचित/कम सुविधा प्राप्त उद्यमियों के लिए परेशानी मुक्त किफायती ऋण सुनिश्चित करके कई लोगों के जीवन को संवारा है. वित्त मंत्री ने कहा कि इस योजना ने उभरते उद्यमियों की उद्यमशीलता संबंधी उड़ान में पंख दिए हैं और ये उभरते उद्यमी रोजगार के सृजनकर्ता बनकर आर्थिक विकास को गति देने और एक मजबूत इकोसिस्टम के निर्माण में बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं.

स्टैंड-अप इंडिया योजना की सातवीं वर्षगांठ के अवसर पर, केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री डॉ. भागवत किशनराव कराड़ ने कहा, “स्टैंड-अप इंडिया योजना वित्तीय समावेशन के राष्ट्रीय मिशन के तीसरे स्तंभ पर आधारित है, जिसका नाम है “वित्त पोषण से वंचित लोगों का वित्त पोषण” (फंडिंग द अनफंडेड). इस योजना ने अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की शाखाओं से अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और महिला उद्यमियों के लिए निर्बाध ऋण प्रवाह की उपलब्धता सुनिश्चित की है. यह योजना उद्यमियों, उनके कर्मचारियों व उनके परिवारों के जीवन स्तर को बेहतर करने में सहायक रही है.”

डॉ. कराड़ ने कहा, “पिछले सात वर्षों के दौरान इस योजना से 1.8 लाख से अधिक उद्यमी लाभान्वित हुए हैं.” उन्होंने कहा, “मेरे लिए यह भी बेहद खुशी की बात है कि इस योजना के तहत स्वीकृत गए 80 प्रतिशत से अधिक ऋण महिलाओं को प्रदान किए गए हैं.”

अब जबकि हम स्टैंड-अप इंडिया योजना की सातवीं वर्षगांठ मना रहे हैं, आइए हम इस योजना की विशेषताओं और उपलब्धियों पर एक नजर डालें.

स्टैंड-अप इंडिया का उद्देश्य

  • महिलाओं तथा अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों के बीच उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देना;
  • विनिर्माण, सेवा या व्यापार क्षेत्र और कृषि से जुड़ी गतिविधियों से संबंधित ग्रीनफील्ड उद्यमों के लिए ऋण प्रदान करना;
  • अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की प्रति बैंक शाखा से अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के कम से कम एक उधारकर्ता और कम से कम एक महिला उधारकर्ता को 10 लाख रुपये से लेकर 100 लाख रुपये तक के बैंक ऋण की सुविधा प्रदान करना.

स्टैंड-अप इंडिया की जरूरत क्यों?

स्टैंड-अप इंडिया योजना को अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों और महिला उद्यमियों द्वारा उद्यम स्थापित करने तथा व्यवसाय में सफल होने हेतु समय-समय पर ऋण एवं अन्य जरूरी सहायता प्राप्त करने में पेश आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए डिजाइन किया गया है. इस दृष्टि से यह योजना एक ऐसा इकोसिस्टम बनाने का प्रयास करती है, जो लक्षित क्षेत्रों को व्यापार करने और उस व्यापार को जारी रखने हेतु एक अनुकूल व सहायक वातावरण की सुविधा प्रदान करे. इस योजना का उद्देश्य सभी बैंक शाखाओं को अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के उधारकर्ताओं और महिला उधारकर्ताओं को अपना ग्रीनफील्ड उद्यम स्थापित करने हेतु ऋण प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित करना है.

कौन लोग लोन के पात्र हैं?

  • 18 वर्ष से अधिक आयु वाले अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और/या महिला उद्यमी;
  • इस योजना के तहत ऋण केवल ग्रीन फील्ड परियोजनाओं के लिए उपलब्ध हैं. इस संदर्भ में, ग्रीन फील्ड से आशय विनिर्माण, सेवा या व्यापार क्षेत्र और कृषि से जुड़ी गतिविधियों से संबंधित लाभार्थी द्वारा पहली बार स्थापित किए जाने वाला उद्यम है;
  • गैर-व्यक्तिगत उद्यमों के मामले में, 51 प्रतिशत शेयरधारिता और नियंत्रणकारी हिस्सेदारी या तो अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उद्यमी और/या महिला उद्यमी के पास होनी चाहिए;
  • उधारकर्ता किसी भी बैंक/वित्तीय संस्थान के समक्ष चूककर्ता नहीं होना चाहिए;
  • इस योजना में ’15 प्रतिशत तक’ की मार्जिन मनी की परिकल्पना की गई है जो केन्द्रीय/राज्य स्तर की पात्र योजनाओं के साथ समन्वय बिठाते हुए प्रदान की जा सकती है. किसी भी हाल में, उधारकर्ता को परियोजना लागत का कम से कम 10 प्रतिशत हिस्सा अपने योगदान के रूप में जुटाना होगा.

सहायता और उपलब्धियां

ऋण चाहने वाले संभावित उधारकर्ताओं को बैंकों से जोड़ने के अलावा, स्टैंड-अप इंडिया योजना के लिए भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) द्वारा विकसित ऑनलाइन पोर्टल www.standupmitra.in संभावित उद्यमियों को व्यावसायिक उद्यम स्थापित करने के उनके प्रयास में मार्गदर्शन भी प्रदान कर रहा है. इस मार्गदर्शन में बैंक की जरूरतों के अनुरूप प्रशिक्षण से लेकर ऋण के लिए आवेदन भरने तक की जानकारी शामिल है. सहारा प्रदान करने वाली 8,000 से अधिक एजेंसियों के नेटवर्क के माध्यम से, यह पोर्टल संभावित उधारकर्ताओं को विशिष्ट प्रकार की विशेषज्ञता वाली विभिन्न एजेंसियों से जोड़ने के लिए चरण दर चरण मार्गदर्शन की सुविधा प्रदान करता है. इस मार्गदर्शन के तहत कौशल केन्द्र (स्किलिंग सेंटर), मार्गदर्शन संबंधी सहायता (मेंटरशिप सपोर्ट), उद्यमशीलता विकास कार्यक्रम केन्द्र (आंत्रप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम सेंटर), जिला उद्योग केन्द्र (डिस्ट्रिक्ट इंडस्ट्रीज सेंटर) के पते और संपर्क नंबर की जानकारी उपलब्ध करायी जाती है.

इस योजना की शुरुआत के बाद से दिनांक 21.03.2023 तक स्टैंड-अप इंडिया योजना के तहत 180,636 खातों में 40,710 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.

यह भी पढ़ें
लॉजिस्टिक्स भारत की नीति का केन्द्र बिंदु बन गया है: पीयूष गोयल