जानें कैसे केरल स्थित दुनिया की सबसे बड़ी गोल्ड फाइनेंसिंग कंपनी मुथूट फाइनेंस इस समय MSME को बांट रही है लोन
मुथूट फाइनेंस के 75 प्रतिशत ग्राहक छोटे व्यवसायी, व्यापारी और दुकानदार हैं। इसने वित्तीय वर्ष 2020 की तीसरी तिमाही के अनुसार गोल्ड लोन के लिए 40,000 करोड़ रुपये के एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) का दावा किया है।
बड़े उद्यमों के विपरीत, सूक्षम, लघु और मध्यम उद्योग (MSME) मोटे तौर आवर्ती बिक्री से नकदी प्रवाह पर निर्भर करते हैं। वर्तमान में, COVID-19 महामारी और लॉकडाउन के चलते MSMEs को कम बिक्री और रुके हुए नकदी प्रवाह का सामना करना पड़ा है।
महामारी फैलने से पहले ही कई बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने छोटे व्यवसायों के लिए ऋण दिया। हालाँकि कई MSME इस दौरान बैंकों से ऋण प्राप्त करने में सक्षम नहीं थे।
आवेदन से लेकर मंजूरी और वितरण तक की ऋण प्रक्रिया को पूरा करने में कुछ हफ्तों या महीनों तक का समय भी लग सकता है, हालांकि इसी के साथ कुछ एमएसएमई के ऋण आवेदन खारिज हो गए हैं।
वर्तमान में, MSME, व्यापारियों, दुकानदारों आदि को अपने व्यवसाय को फिर से शुरू करने के लिए तत्काल कार्यशील पूंजी ऋण की आवश्यकता है।
गोल्ड लोन, जो दशकों से लिक्विड वर्किंग कैपिटल प्रदान करने के लिए छोटे व्यवसायों के बीच एक त्वरित और लोकप्रिय तरीका रहा है, अब दुनिया की सबसे बड़ी गोल्ड फाइनेंसिंग कंपनी मुथूट फाइनेंस के प्रबंध निदेशक जॉर्डन अलेक्जेंडर मांग में वृद्धि देख रहे हैं।
एक विशेष साक्षात्कार में उन्होने योरस्टोरी को बताया,
“कोविड-19 संकट के दौरान MSME क्षेत्र में तरलता की बहुत आवश्यकता है। सरकार ने बैंकों को MSME को धन प्रदान करने के लिए कहकर एक अच्छा काम किया है। हालांकि व्यापारियों और दुकानदारों को बैंक धन प्राप्त करने में समय लगता है। सितंबर या अक्टूबर 2020 तक उन्हें अपना पैसा मिल सकता है। तब तक गोल्ड लोन उन्हें जीवित रहने में मदद कर सकता है।”
कोच्चि स्थित वित्तपोषण कंपनी MSME को ऋण देने पर ध्यान केंद्रित करती है। इसके 75 प्रतिशत ग्राहक छोटे व्यवसायी, व्यापारी और दुकानदार हैं। इसका दावा है कि इसके पास वित्तीय वर्ष 2020 तीसरे क्वार्टर के अनुसार गोल्ड लोन के लिए एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) के रूप में 40,000 करोड़ रुपये हैं और इसकी मौजूदा तरलता स्थिति आरामदायक है।
जॉर्ज कहते हैं, “हम मुख्य रूप से उन व्यक्तियों की मदद करते हैं जिनके पास स्वर्ण आभूषण हैं, लेकिन एक उचित समय के भीतर औपचारिक ऋण तक नहीं पहुंच सकते हैं, या जिनके लिए ऋण बिल्कुल भी उपलब्ध नहीं हो सकता है। हम उन्हें अप्रत्याशित या अल्पकालिक लिक्विडिटी आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करते हैं।”
मुथूट की कहानी
गोल्ड लोन छोटे व्यवसायों के लिए ऋण देने का एक प्राथमिक स्रोत रहा है। सोने के आभूषणों से जुड़े भावनात्मक मूल्य के कारण लोग इसे धन जुटाने के लिए बेचने के बजाय अल्पकालिक ऋण को सुरक्षित करने के गिरवी रखने पर विश्वास करते हैं।
गोल्ड लोन का यह कारोबार जो पारंपरिक रूप से असंगठित क्षेत्र का हिस्सा था, इसे मुथूट फाइनेंस, बैंकों और अन्य गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) जैसे खिलाड़ियों द्वारा संगठित क्षेत्र में लाया जा रहा है।
मुथूट फाइनेंस की 1887 में मुथूट निनन मथाई द्वारा शुरू किए गए एक थोक अनाज और लकड़ी के व्यापार के कारोबार के रूप में अपनी जड़ें हैं। मामूली व्यापार व्यवसाय शुरू में कोझेनचेरी में स्थित था, जो केरल में त्रावणकोर के पूर्ववर्ती राज्य में एक गांव था।
कोझेनचेरी एक भौगोलिक रूप से अलग-थलग गांव था, जहां व्यवसाय शुरू करना काफी कठिन था। इसके पास पर्याप्त रसद, भूमि, संसाधन, उद्योग इत्यादि का अभाव था, इसके बावजूद मुथूट निनान मथाई और उनके परिवार ने व्यवसाय को बढ़ाने में कामयाबी हासिल की।
इसके बाद संस्थापक के बेटे एम जॉर्ज मुथूट ने इसे संभाला, जिन्होंने 1939 में समूह के वित्त प्रभाग को शामिल किया। मुथूट एम. जॉर्ज एंड ब्रदर्स (एमएमजी) नामक एक साझेदारी फर्म जो वित्त व्यवसाय और एक चिट फंड था।
1971 में इसे मुथूट बैंकर्स का नाम दिया गया और संपार्श्विक के रूप में सोने के आभूषणों का उपयोग करके ऋण का वित्तपोषण शुरू किया। 1997 में द मुथूट फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड के नाम से कंपनी को एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में शामिल किया गया था।
तब से कंपनी ने अपने मुख्यालय कोच्चि शहर में स्थानांतरित कर दिया है और जिसके पास आवास ऋण, वाहन ऋण, व्यक्तिगत ऋण, धन हस्तांतरण, बीमा और माइक्रोफाइनेंस में विविधता है।
गोल्ड लोन कैसे काम करता है?
अपने ब्रांड के तहत मुथूट ने संगठित क्षेत्र में गोल्ड लोन का काम किया। ग्राहक अपने सोने के गहने एक मुथूट शाखा में ले जाते हैं, जहाँ कर्मचारियों द्वारा सोने की शुद्धता और वजन की जाँच की जाती है।
एक बार जब सोना संपार्श्विक के रूप में स्वीकार कर लिया गया, मुथूट ने उस दिन के लिए सोने की दरों के आधार पर ऋण को मंजूरी दे देता है और ऋण वितरित कर दिया जाता है।
जॉर्ज बताते हैं, "आरबीआई के अनुसार आज ऋण की अधिकतम राशि संपार्श्विक के रूप में दिए गए सोने के मूल्य का 75 प्रतिशत है। हम 15 मिनट के भीतर ऋण देने में सक्षम हैं क्योंकि हमें MSME के क्रेडिट स्कोर को देखने की आवश्यकता नहीं है। जब कोई ग्राहक हमारे पास सोना लेकर आता है, तो हम उसकी गुणवत्ता की जांच करते हैं और केवाईसी प्रक्रिया को पूरा करते हैं। यह एक ऋण को मंजूरी देने के लिए पर्याप्त है।”
वह कहते हैं, “मुथूट के ग्राहक आमतौर पर वे होते हैं जो बैंकों के साथ ज्यादा लेन-देन नहीं करते हैं। इन एमएसएमई को 20,000 रुपये से 30,000 रुपये के बीच एक त्वरित ऋण की आवश्यकता होती है। 1 लाख रुपये और उससे अधिक के ऋण के लिए, एमएसएमई बैंक हस्तांतरण के साथ सहज हैं।"
वे कहते हैं, "बड़े व्यवसायों को सोने के आभूषणों के साथ ऋण की तलाश नहीं है। छोटे व्यवसाय जिन्हें कुछ ही मिनटों में अल्पावधि ऋण की आवश्यकता होती है, इस प्रकार ग्राहक हमारे पास आते हैं।”
डिजिटल दृष्टिकोण
परंपरागत रूप से डिजिटल भुगतान के युग से पहले ग्राहक शारीरिक रूप से ऋण और ईएमआई चुकाने के लिए एक शाखा में चले जाते थे, लेकिन अब मुथूट ने एक वेब पोर्टल और मोबाइल ऐप बनाया है, जिसके माध्यम से ग्राहक पुनर्भुगतान कर सकते हैं।
वह कहते हैं, “इस मॉडल के साथ, एक ग्राहक को केवल दो बार हमारी शाखा में आने की आवश्यकता होती है- एक बार सोना देने के लिए और एक बार ऋण चुकाने के बाद वापस लेने के लिए। ब्याज और ईएमआई का भुगतान ऑनलाइन किया जाता है।”
मुथूट का दावा है कि ऑनलाइन ब्याज का भुगतान करने वाले ग्राहकों की संख्या कोविड-19 से दोगुनी हो गई है, और पिछले कुछ महीनों में मोबाइल ऐप और वेब पोर्टल के पहली बार उपयोगकर्ताओं (FTUs) की संख्या में छह गुना वृद्धि हुई है।
जॉर्ज आगे कहते हैं, “महामारी के प्रकोप के बाद से हमने एक मॉडल भी शुरू किया है जहाँ ग्राहकों को हमारी शाखा में आने की आवश्यकता नहीं है। शुल्क के लिए हम सोने के गहनों की जांच और संग्रह करने के लिए एक ग्राहक के घर जाते हैं। फिर हम ऋण राशि को सीधे उसके बैंक खाते में हस्तांतरित करते हैं। हम कर्ज खत्म होने के बाद हम ग्राहकों को सोना लौटाने में मदद करते हैं।”
देश भर में लॉकडाउन प्रतिबंध को आसान बनाने के साथ मुथूट ने अपनी 5,000 शाखाओं में से 90 से 95 प्रतिशत को फिर से खोल दिया है। MSME क्षेत्र में प्रचलित तरलता की कमी के चलते मुथूट ने अगले दो से तीन तिमाहियों में सोने के ऋण की मांग बढ़ने की उम्मीद की।