MSME विकास को बढ़ावा देने वाले सेक्टरों में शामिल हैं जो जीडीपी में योगदन देते हैं: नारायण राणे
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) तथा भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान (EDII) द्वारा MSME प्रतिस्पर्धात्मकता तथा विकास पर आयोजित दो दिवसीय मेगा सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय MSME मंत्री नारायण राणे ने देश की जीडीपी में MSME के महत्व पर बल दिया।
केंद्रीय MSME मंत्री नारायण राणे ने कहा है कि MSME विकास को बढ़ावा देने वाले सेक्टरों में शामिल हैं जो जीडीपी में उल्लेखनीय योगदन देते हैं तथा उन्हें सुदृढ़ बनाये जाने की आवश्यकता है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) तथा भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान (EDII) द्वारा MSME प्रतिस्पर्धात्मकता तथा विकास पर आयोजित दो दिवसीय मेगा सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए उन्होंने देश की जीडीपी में MSME के महत्व पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि अब लंबे समय से, MSME न्यूनतम संसाधनों के बीच काम करते रहे हैं और फिर भी देश के जीडीपी में उल्लेखनीय योगदान दे रहे हैं। राणे ने कहा कि इसलिए यह आवश्यक है कि विकास को बढ़ावा देने वालों की प्राथमिक सहायता की जाए तथा उन्हें सुदृढ़ बनाया जाए। उन्होंने कहा कि इस दिशा में सेक्टर को सुदृढ़ बनाने के लिए उल्लेखनीय सामूहिक प्रयास किए गए हैं और सरकार की विभिन्न योजनाओं की दिशा MSME के लिए नए अवसरों को खोलने के बारे में निर्देशित रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने पूरी तरह यह सुनिश्चित किया है कि MSME सेक्टर को वित्तीय संस्थानों से निर्बाधित ऋण प्रवाह प्राप्त हो, विकास तथा आधुनिकीकरण के लिए प्रौद्योगिकी की सहायता मिलती रहे, निर्यात बाजारों, बुनियादी ढांचे, प्रशिक्षण तथा क्षमता निर्माण की सुविधा और श्रमिकों के कल्याण की सुविधा निरंतर प्राप्त होती रहे।
केंद्रीय MSME राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने कहा कि उद्यमिता, स्टार्टअप्स, नवोन्मेषणों तथा MSME पर अपने फोकस के साथ भारत दिलचस्प आर्थिक निर्णयों तथा रणनीतियों के कारण उल्लेखनीय समय पर पूरी तरह से मजबूती के साथ स्थित है। उन्होंने कहा कि स्पष्ट आर्थिक वृद्धि विशेष रूप से महामारी की सबसे गंभीर लहर के बाद MSME विकास तथा पुनरोत्थान का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि यह मानना और घोषणा करना सही होगा कि MSME सेक्टर में विकास स्पष्ट है अैर यह देश भर में कई प्रकार से खुद को परिलक्षित कर रहा है तथा उनके विचार से इसके पीछे का प्राथमिक कारण सार्वजनिक नीति में प्रगतिशील परिवर्तन हैं।
इस अवसर पर भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान (EDII) के महानिदेशक डॉ. सुनील शुक्ला ने कहा कि EDII क्लस्टर विकास, प्रशिक्षण, और क्षमता निर्माण, अनुसंधान एवं नीतिगत पक्षधरता के तहत कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों तथा परियोजनाओं पर MSME मंत्रालय के साथ निकटता से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि हम सावधानीपूर्वक तैयार की गई रणनीतियों के साथ MSME क्षेत्र को और अधिक मापनीयता तथा विस्तारशीलता प्रदान करने की उम्मीद करते हैं।
दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में MSME सेक्टर में वृद्धि, चुनौतियों तथा विकास अवसरों पर चिंतन बैठक सत्र आयोजित किए जाएंगे तथा पैनल चर्चाएं होंगी और भारत, सिंगापुर, पेरु, लाओ पीडीआर, रवांडा, म्यांमार, रूस, उज्बेकिस्तान, स्पेन तथ ईरान के विशेषज्ञ सम्मेलन के दौरान अपने अनुभव साझा करेंगे। शिखर सम्मेलन में विश्व भर के उद्यमी, शिक्षाविद, नीति निर्माता, उद्योग जगत के अग्रणी व्यक्ति, विचारक, व्यापार मंडल, उद्योग संघ, स्टार्टअप्स, सामाजिक प्रभाव संगठन, MSME तथा स्वयं सहायता समूहों के भाग लेने की उम्मीद है।
सम्मेलन के दौरान, विशेषज्ञ, कोविड-19 महामारी के बीच MSME सेक्टर में चुनौतियां तथा अवसर, MSME विकास इंक्यूबेशन/तीव्रता, MSME प्रतिस्पर्धा में अनुकूल नीतियों की भूमिका तथा गैर वित्तीय व्यवसाय विकास सेवाएं और किस प्रकार MSME स्थिरता अर्जित करने के लिए परिसंघ के रूप में काम कर सकते हैं, जैसे विषयों पर विचार विमर्श करेंगे। ‘MSME सेक्टर विकास के आलोक में लोग, ग्रह तथा लाभ’ विषय पर एक विशेष पैनल चर्चा का आयोजन किया गया है। MSME की प्रतिस्पर्धात्मकता, भारतीय MSME के अंतरराष्ट्रीयकरण, प्रौद्योगिकी एवं नवोन्मेषण, MSME का डिजिटल रूपांतरण, MSME सेक्टर में उद्यमिता परितंत्र तथा उभरते अवसर और जेंडर तथा वंचित समुदायों की उद्यमिता के इर्द गिर्द भी चर्चाएं होंगी।
Edited by Ranjana Tripathi