इस आंत्रप्रेन्योर ने छोटी कंपनियों को रेगुलेटरी कंप्लायंस सेवा देने और खतरे से बचाने को बनाया अपना मिशन
नागराज कृष्णन ने 2000 में मदुरै में अपराजिता कॉर्पोरेट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड की शुरुआत की। यह कंपनी अपने 1,500 से अधिक क्लाइंट के लिए अनुपालन में खतरे, अनुपालन कार्यक्रम की समीक्षा, आंतरिक ऑडिट, रिस्क मैनेजमेंट, निगरानी और मापन आदि का काम संभालती है।
1990 के दशक के आखिरी सालों में उभरते उद्यमी नागराज कृष्णन ने पाया कि कानूनी और एचआर सेवा मुहैया कराने वाली कंपनियों की ओर मुहैया कराया जाने वाला नियामकीय अनुपालन एक स्वतंत्र और संगठित बिजनेस नहीं है। उन्होंने महसूस किया कि यह आम तौर पर कंसल्टेंट द्वारा मुहैया कराया गया एक अतिरिक्त कार्य है, जो नियामकीय अनुपालन को समग्र रूप से देखने में असमर्थ है।
उन्होंने बताया, “जरूरत के समय, एक कंपनी सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारियों या चार्टर्ड अकाउंटेंट जैसे स्थानीय सलाहकारों पर भरोसा करती है जो टुकड़ों में अनुपालन मुहैया कराते हैं। यही कारण है कि मैंने नियामकीय अनुपालन और परामर्श सेवाओं के लिए अपना खुद का बिजनेस शुरू करने का फैसला किया।"
इसी सोच के साथ उन्होंने 2000 में भारत कृष्णा शंकर के साथ मिलकर मदुरै में अपराजिता कॉर्पोरेट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड की नींव रखी।
उन्होंने एसएमई (SME) सहित सभी आकार की कंपनियों को अनुपालन से जुड़े जोखिम का प्रबंधन, अनुपालन कार्यक्रम की समीक्षा, इंटरनल ऑडिट, रिस्क मैनेजमेंट, निगरानी और मापन जैसी सेवाएं प्रदान करना शुरू किया। नागराज खुद भी श्रम और औद्योगिक कानूनों में पारंगत हैं।
पिछले 20 वर्षों में, नागराज ने अपनी कंपनी को एक बड़ी सेवा प्रदाता के रूप में स्थापित किया, जो श्रम कानूनों और औद्योगिक कानूनों के अनुपालन में दूसरे व्यवसायों की मदद करती है। उन्होंने बताया कि 1400 कर्मचारियों वाले उनके फर्म की सालाना आमदनी 450 करोड़ रुपये से अधिक है और उनके पास 1,500 से अधिक क्लाइंट्स हैं, जिनमें एसएमई और स्टार्टअप से लेकर इंडस्ट्री की दिग्गज कंपनियां और बहुराष्ट्रीय कंपनियां भी शामिल हैं।
YourStory के साथ एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में, अपराजिता कॉर्पोरेट सर्विसेज के एमडी नागराज ने बताया कि कैसे उनकी कंपनी छोटे और मध्यम आकार की कंपनियों (SMEs) को उनकी नियामकीय अनुपालन से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने में मदद कर रही है।
साक्षात्कार के संपादित अंश:
YourStory (YS): एसएमई को अनुपालन में मदद की क्यों जरूरत है?
नागराज कृष्णन (NK): यह एक गलत धारणा है कि एसएमई को बड़े उद्योगों की तरह अनुपालन जोखिमों का सामना नहीं करना पड़ता है। उदाहरण के लिए, फाइनेंशियल सर्विसेज इंडस्ट्री में कई एसएमई सक्रिय हैं और उनके द्वारा सामना किए जाने वाले अनुपालन जोखिम उन कानूनों, नियमों और लाइसेंसिंग प्रतिबंधों द्वारा निर्धारित किया जाएंगे, जो फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रावधानों को रेगुलेट करते हैं।
ऐसे में, एक एसएमई के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह उन कानूनों और नियमों को समझे जो उसकी गतिविधियों को नियंत्रित करते हैं। साथ ही उस कानूनी और नियामकीय वातावरण में होने वाले किसी भी बदलाव के बारे में जागरूक रहें। एसएमई के साथ अनुपालन समाधान प्रदाता के रूप में काम करना एक रणनीति है, जिसपर अपराजिता पिछले कुछ सालों से सक्रिय रूप से काम कर रही है।
YS: आपके द्वारा एसएमई को प्रदान की जाने वाली नियामकीय अनुपालन सेवाओं के विभिन्न प्रकार क्या हैं?
NK: हम मानते हैं कि हम सक्रिय दृष्टिकोण के साथ उनकी व्यावसायिक आवश्यकताओं के अनुरूप सेवाओं को प्रदान कर रहे हैं। हम मुख्य रूप से श्रम, रोजगार और औद्योगिक क्षेत्र में सक्रिय हैं, और हम उद्यमों को ईएचएस लाइसेंस प्राप्त करने में भी मदद करते हैं।
हम संगठनों को सिर्फ किसी एक विशेष अनुपालन मुद्दे, नोटिस, निरीक्षण या फिर ऑडिट को संभालने की सेवा नहीं मुहैया करते हैं। हमें एसएमई की सभी ऑनलाइन और ऑफलाइन अनुपालन आवश्यकताओं के लिए शुरू से लेकर अंत तक समाधान मुहैया कराए जाने वाले प्रदाता के रूप में जाने जाता है।
हम नियामकीय अनुपालन के मूल्यांकन की शुरुआत से ही उन्हें मार्गदर्शन मुहैया कराते हैं। इस कठोर और अनुशासित तरीके से किया जाता है, जिसमें वास्तविक समस्याओं और संभावित मुद्दों को पहचानना और उसके मुताबिक एक प्रभावी रिस्क और अनुपालन कार्यक्रम तैयार करना शामिल है।
YS: इस तरह के ग्राहकों के साथ काम करने में क्या चुनौतियां आ रही हैं?
NK: नियामकीय वातावरण को समझने और कानूनी चुनौतियों से निपटने के मामले में अधिकांश एसएमई बड़ी कंपनियों की तुलना में कम कुशल हैं। हमने उन पारंपरिक समाधानों पर एक छोटी सी स्टडी की, जिन पर वे भरोसा करते थे और उनमें से अधिकतर उपकरण और तरीके बहुत ही बेसिक और अब प्रचलन से बाहर हो चुके हैं।
हम यह भी समझते हैं कि चूंकि वे कम मार्जिन पर काम करते हैं, इसलिए वे लागत को लेकर भी सजग रहते हैं। ऐसे में वह एक ऐसा किफायती और प्रभावी अनुपालन समाधान पसंद करना चाहेंगे, जो उन्हें उनके अनुपालन प्रबंधन में शुरू से लेकर अंत तक डिजिटल परिवर्तन हासिल करने में मदद करे। जैसा- हमारा ई-अनुपालन प्लेटफॉर्म 'कॉम्पफी (Compfie)' करता है।
YS: आपकी सेवाओं की खासियत यानी की यूएसपी क्या है?
NK: हम अपने ग्राहकों को स्पष्टता और निर्णायकता के साथ काम करने का अधिकार देते हैं। हम एसएमई को ईएसजी (ESG) डोमेन सेक्टर- एनवायरमेंट, सोशल और गवर्नेंस के साथ-साथ एलईआई (LEI) डोमेन क्षेत्र - लेबर, एंप्लॉयमेंट और इंडस्ट्रियल के तहत कानूनों का पालन करने में मदद करते हैं।
हम बैक-एंड और फ्रंट-एंड दोनों पर पूरी तरह से टेक-सक्षम हैं। बैक-एंड पर, हमारे पास एक AI-संचालित प्रणाली है जिसमें सभी कानूनी ज्ञान निहित हैं।
वहीं फ्रंट-एंड पर, हमारे पास कॉम्पफी है, जो हमारा अनुपालन सेल्फी टूल है। यह एसएमई को बस एक क्लिक में डैशबोर्ड और जोखिम मूल्यांकन चार्ट उपलब्ध कराने में मदद करता है।
हम एसएमई मार्केट को अनुपालन नहीं करने की उन जटिलताओं और दुष्परिणामों के बारे में शिक्षित करने को तैयार हैं, जिनका वो शिकार हो सकते हैं।
YS: कोरोना महामारी ने नियामकीय सेगमेंट पर कैसा असर डाला है?
NK: सरकार ने इस दौरान नियमों में बहुत ढील दी, लेकिन साथ में अनुपालन वितरण के महत्व पर कड़ी पकड़ बनाए रखी। गृह मंत्रालय ने महामारी के दौरान कर्मचारियों और नियोक्ताओं का सपोर्ट करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे, जिनका एसएमई और कॉर्पोरेट्स द्वारा सख्ती से पालन भी किया गया था।
दफ्तरों के नहीं खुले होने के चलते, डिजिटलीकरण के जरिए अनुपालन नियमों की जारी रखना नई हकीकत बन गई।
वित्तीय नजरिए से देखें तो, मौजूदा क्लाइंट्स से हमारे वैरिएबल बिल में कमी आई। ऐसा लॉकडाउन के दौरान कई इकाइयों के बंद होने और कर्मचारियों की छंटनी के कारण हुआ। विनिर्माण गतिविधियों में कमी के कारण सामान्य आर्थिक मंदी ने भी राजस्व में कमी लाने में योगदान दिया।
अर्थव्यवस्था में फिर से रिकवरी के संकेत मिल रहे हैं। ऐसे में हम राजस्व के पहले की तरह सामान्य होने की उम्मीद कर सकते हैं। हालांकि चीजें अभी भी अस्थिर हैं क्योंकि अधिकांश स्थानों में दूसरी लहर अभी भी जारी है और महामारी अभी भी नियंत्रण में नहीं है।
YS: कंपनी के भविष्य की क्या योजनाएं हैं?
NK: हम एपीएसी कॉमनवेल्थ देशों में विस्तार करने की तैयारी कर रहे हैं क्योंकि उनके कानून काफी मिलते-जुलते हैं। हम पश्चिम एशिया के देशों में भी प्रवेश करने का लक्ष्य बना रहे हैं, क्योंकि टैक्स और नियामकीय अनुपालन का इस इलाके में अच्छे तरीके से पैर पसारना अभी बाकी है। ऐसे में यह एक तरह से वर्जिन मार्केट जैसा है। हम सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में भी विस्तार कर रहे हैं।
इसके अलावा हम अर्थव्यवस्था में अधिक ध्यान नहीं दिए जाने वाले सेक्टर, एसएमई और साथ ही स्टार्टअप तक भी पहुंच बना रहे हैं। हमने वेंडर अनुपालन प्रबंधन की भी पहचान की है, जबकि इस सेगमेंट को अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है। यह हमारे लिए एक अहम सेक्टर है, जहां हम बेहतर प्रबंधन वाले वेंडर रिश्तों के लिए वेंडर ऑडिट करते हैं और वेंडरों का स्वागत करते हैं।
इसके अलावा, हम ईएचएस (एनवायरनमेंटल हेल्थ और सेफ्टी) लाइसेंसिंग सेवाओं, जोखिम प्रबंधन और अपने प्रोडक्ट कॉम्पफी के एक नए वर्जन को लॉन्च करने पर विचार कर रहे हैं।