सिस्टम से हारा ये नेशनल लेवल बॉक्सर आज चला रहा है ऑटो, आनंद महिंद्रा ने कर दी बॉक्सिंग एकेडमी खोलने की पेशकश
कभी अपनी दमदार बॉक्सिंग के बल पर देश का नाम अंतर्राष्ट्रीय पटल पर चमकाने का सपना देखने वाले आबिद क्यों अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए कड़ा संघर्ष करने को मजबूर हैं?
"सोशल मीडिया पर जिस पूर्व खिलाड़ी की चर्चा हो रही है उनका नाम आबिद खान है। आबिद खान राष्ट्रीय स्तर के बॉक्सिंग खिलाड़ी रह चुके हैं, लेकिन उनके आर्थिक हालातों ने उन्हे ना सिर्फ खेल से दूर कर दिया बल्कि आज वह अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए कड़ा संघर्ष भी कर रहे हैं, हालांकि सोशल मीडिया पर उनकी कहानी वायरल हो जाने के बाद अब उनकी मदद के लिए कई बड़े लोग सामने आए हैं।"
अपने देश भारत में खेलों की बात की जाए तो क्रिकेट के अलावा शायद ही कोई ऐसा खेल हो जिसे खेलते हुए खिलाड़ी खुद को आर्थिक रूप से सुरक्षित रख पाने का सोच भी पाते हों। कई अन्य खेलों में राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व कर चुके खिलाड़ी आज ना सिर्फ गुमनामी में जी रहे हैं, बल्कि अपने जीवनयापन तक के लिए भारी संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे ही एक खिलाड़ी की कहानी आज सोशल मीडिया पर बड़ी तेजी से वायरल हो रही है।
सोशल मीडिया पर जिस पूर्व खिलाड़ी की चर्चा हो रही हैं उनका नाम आबिद खान है। आबिद खान राष्ट्रीय स्तर के बॉक्सिंग खिलाड़ी रह चुके हैं, लेकिन उनके आर्थिक हालातों ने उन्हे ना सिर्फ खेल से दूर कर दिया बल्कि आज वह अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए कडा संघर्ष कर रहे हैं, हालांकि सोशल मीडिया पर उनकी कहानी वायरल हो जाने के बाद अब उनकी मदद के लिए कई बड़े लोग सामने आए हैं।
करने पड़े ये काम
कभी अपनी दमदार बॉक्सिंग के बल पर देश का नाम अंतर्राष्ट्रीय पटल पर चमकाने का सपना देखने वाले आबिद ने मीडिया से बात करते हुए बताया है कि वो अपनी जीविका के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं, इस दौरान वे सेल्समैन की नौकरी भी कर चुके हैं।
गौरतलब है कि आबिद ने इंडियन आर्मी के लिए बतौर बॉक्सिंग कोच भी अपनी सेवाएँ दी हैं।
नेशनल लेवल बॉक्सर होने से एक ऑटो ड्राइवर बनने की यह कहानी जब सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो बड़ी संख्या में लोग आबिद के समर्थन में खड़े हो गए और उन्हे मदद की पेशकश भी करने लगे। आबिद के अनुसार फिलहाल वे बस अपने मेडल और प्रमाणपत्र को देखकर खुद को दिलासा दे लेते हैं।
आबिद कहते हैं कि निम्न मध्यमवर्गीय या मध्यमवर्गीय के लिए पैसे की तंगी एक अभिशाप जैसी है और उसपर किसी खेल में रुचि होना और भी बड़ा अभिशाप है।
आबिद ने अपने प्रमाणपत्रों और उपलब्धियों के जरिये नौकरी पाने की कोशिश की लेकिन सिस्टम से उन्हे सिर्फ निराशा ही हासिल हुई। आबिद कुछ समय के लिए अरब देश में नौकरी के लिए भी गए थे हालांकि 2004 से वह चंडीगढ़ में ही ऑटो चला रहे हैं।
इन लोगों से मिला समर्थन
नेशनल स्तर के बॉक्सर रह चुके आबिद खुद NIS प्रमाणित कोच भी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आबिद बच्चों को मुफ्त में बॉक्सिंग की कोचिंग देते हैं, हालांकि आबिद ने अपने बेटों को शुरुआत में बॉक्सिंग से दूर रखा लेकिन अब वह उन्हे भी बॉक्सिंग की ट्रेनिंग दे रहे हैं। आबिद बच्चों के लिए बाकायदा एक बॉक्सिंग एकेडमी खोलना चाहते हैं। आबिद की यह कहानी सोशल मीडिया पर जब वायरल हुई तो उनके समर्थन में कई बड़े नाम सामने आए।
बॉक्सर विजेंदर कुमार, एक्टर फरहान अख्तर के साथ ही मशहूर उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने भी आबिद को मदद की पेशकश की है। आनंद महिंद्रा ने तो बाकायदा ट्वीट कर यह एलान भी किया है। आनंद महिंद्रा ने ट्वीट कर बताया कि वह आबिद की ‘स्टार्टअप’ बॉक्सिंग एकेडमी में निवेश करना चाहेंगे।
गौरतलब है कि आनंद महिंद्रा अक्सर इस तरह से लोगों की मदद करते रहते हैं और आशा है कि वह आबिद की बॉक्सिंग एकेडमी के जल्द शुरू होने में भी योगदान देंगे।
Edited by Ranjana Tripathi