भारत नहीं बना अमेरिकी नेतृत्व वाले IPEF व्यापार समूह का हिस्सा, तीन क्षेत्रों में जुड़ने का फैसला किया
भारत को छोड़कर हिंद-प्रशांत आर्थिक प्रारूप के बाकी सभी 13 सदस्यों ने सहयोग के सभी चारों बिंदुओं का हिस्सा बनने पर सहमति जताई है.
भारत ने 14 सदस्यीय हिंद-प्रशांत आर्थिक प्रारूप (IPEF) के व्यापार समूह से फिलहाल खुद को अलग रखा है, लेकिन उसने बाकी तीन क्षेत्रों- आपूर्ति श्रृंखला, हरित अर्थव्यवस्था और निष्पक्ष अर्थव्यवस्था से जुड़ने का फैसला किया है.
उ
द्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने IPEF की यहां आयोजित दो-दिवसीय मंत्री-स्तरीय बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि भारत इस संगठन के व्यापार खंड का हिस्सा बनने को लेकर बातचीत जारी रखेगा. उन्होंने कहा कि व्यापार खंड का औपचारिक रूप से हिस्सा बनने के पहले भारत इसकी रूपरेखा के बारे में स्पष्टता आने का इंतजार करेगा.
गोयल ने कहा, ‘‘व्यापार से संबंधित स्तंभ में सभी देशों के बीच खासकर पर्यावरण, श्रम, डिजिटल व्यापार, सार्वजनिक खरीद से संबंधित रूपरेखा के बारे में व्यापक सहमति बननी अभी बाकी है. हमें यह देखना है कि सदस्य देशों को व्यापार से संबंधित किस तरह के लाभ होंगे.’’
इसके साथ ही उन्होंने इस बारे में भी अनिश्चितता जताई कि इस प्रारूप के तहत एक उभरती अर्थव्यवस्था की जरूरतों को पूरा करने के लिए किफायती एवं कम लागत वाली ऊर्जा को लेकर किसी तरह का भेदभाव तो नहीं किया जाएगा.
भारत को छोड़कर हिंद-प्रशांत आर्थिक प्रारूप के बाकी सभी 13 सदस्यों ने सहयोग के सभी चारों बिंदुओं का हिस्सा बनने पर सहमति जताई है. इनमें व्यापार के अलावा आपूर्ति शृंखला, स्वच्छ अर्थव्यवस्था और निष्पक्ष अर्थव्यवस्था के सहयोग बिंदु शामिल हैं. मंत्री-स्तरीय बैठक के बाद जारी एक बयान में व्यापार से इतर तीनों पहलुओं का उल्लेख किया गया. इसके अलावा व्यापार स्तंभ पर भी एक मंत्री स्तरीय पाठ जारी किया गया जिसमें भारत का उल्लेख नहीं था.
IPEF का गठन अमेरिका और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के अन्य साझेदार देशों ने 23 मई को टोक्यो में किया था. इसके 14 सदस्य देशों का वैश्विक जीडीपी में कुल 40 प्रतिशत का योगदान है. भारतीय रुख के बारे में पूछे जाने पर अमेरिका की व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन तेई ने कहा, ‘‘मैं इसे भारत के अलग रहने के रूप में नहीं देखूंगी, फिलहाल भारत इसका हिस्सा भर नहीं है.’’
वहीं, भारत और अमेरिका के बीच व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए व्यापार नीति मंच (टीपीएफ) की अगली मंत्रिस्तरीय बैठक 'बहुत जल्द' अमेरिका में आयोजित की जायेगी. भारत और अमेरिका ने पिछले साल 23 नवंबर को नयी दिल्ली में टीपीएफ की 12वीं बैठक आयोजित की थी. यह मंच अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) के नेतृत्व में एक अंतर-एजेंसी सहयोग है.
भारत निर्यात बढ़ाने और घरेलू बाजार में रोजगार के सृजन के लिए इन व्यापार समझौतों पर बात कर रहा है. देश का उद्देश्य 2030 तक माल एवं सेवाओं का निर्यात बढ़ाकर 2,000 अरब डॉलर करने का है.
Edited by Vishal Jaiswal