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क्या NDTV के शेयर खरीदने के लिए Adani Group को आयकर विभाग से मंजूरी लेनी होगी?

वीसीपीएल ने अडाणी समूह की दो अन्य कंपनियों के साथ एनडीटवी के अधिग्रहण को लेकर कदम उठाये हैं. आरआरपीआर होल्डिंग की इस दलील को अडाणी समूह ने खारिज करते हुए इसे ‘गलत’ और ‘भ्रामक’ बयान करार देते हुए आरआरपीआर होल्डिंग को वॉरंट को इक्विटी शेयर में बदलने के लिये कहा है.

क्या NDTV के शेयर खरीदने के लिए Adani Group को आयकर विभाग से मंजूरी लेनी होगी?

Friday September 02, 2022 , 3 min Read

मीडिया कंपनी एनडीटीवी (NDTV) की प्रवर्तक इकाई आरआरपीआर (RRPRH) होल्डिंग ने वीसीपीएल (VCPL) से कहा है कि उसकी एनडीटीवी में हिस्सेदारी को आयकर विभाग ने अस्थायी तौर पर कुर्क कर रखा है और उसके हस्तांतरण के लिये उनकी मंजूरी जरूरी है.

वीसीपीएल ने अडाणी समूह की दो अन्य कंपनियों के साथ एनडीटवी के अधिग्रहण को लेकर कदम उठाये हैं. आरआरपीआर होल्डिंग की इस दलील को अडाणी समूह ने खारिज करते हुए इसे ‘गलत’ और ‘भ्रामक’ बयान करार देते हुए आरआरपीआर होल्डिंग को वॉरंट को इक्विटी शेयर में बदलने के लिये कहा है.

एनडीटीवी की तरफ से शेयर बाजार को दी गयी सूचना के अनुसार उसके संस्थापकों राधिका और प्रणय रॉय ने सूचित किया है कि आरआरपीआर होल्डिंग ने अडाणी समूह की कंपनी विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लि. (वीसीपीएल) को सूचित किया है कि शेयर की कुर्की 2018 में अधिसूचित हुई थी और यह पुन:आकलन कार्यवाही के पूरा होने तक उसी स्थिति में बना रहेगा.

समूह ने आरआरपीआर होल्डिंग (आरआरपीआरएच) को पत्र वापस लेने के लिये कहा है और आरोप लगाया है कि यह वॉरंट को शेयर में बदलने तथा अपने दायित्वों को पूरा करने में देरी के इरादे से लिखा गया. सूचना के अनुसार, आरआरपीआरएच ने वीसीपीएल से कहा कि कुर्की के कारण आयकर प्राधिकरणों से मंजूरी की जरूरत होगी. साथ ही वीसीपीएल से आयकर प्राधिकरण को लिखे आवेदन में शामिल होने को कहा है.

एनडीटीवी ने कहा, ‘‘आयकर विभाग का 2017 का कुर्की आदेश 2009 में वीसीपीएल के साथ कर्ज समझौते से संबंधित है. और यह इस बात पर आधारित है कि आरआरपीआरएच ने (कथित रूप से) एनडीटीवी में अपनी नियंत्रणकारी हिस्सेदारी वीसीपीएल को 403.85 करोड़ रुपये में बेच दी. इससे पूंजी लाभ पर कर के रूप में 175 करोड़ रुपये की बात कही गयी है.’’

आरआरपीआरएच ने यह भी कहा कि एनडीटीवी के संस्थापक राधिका और प्रणय रॉय को व्यक्तिगत रूप से मामला न्यायिक स्तर पर होने से एनडीटीवी में अप्रत्यक्ष शेयरधारिता सहित किसी भी संपत्ति के सौदे को लेकर आयकर अधिकारियों से स्वतंत्र अनुमोदन की आवश्यकता हो सकती है.

हालांकि, अडाणी समूह ने कहा कि आरआरपीआर होल्डिंग के पत्र में प्रामाणिकता का अभाव है और कानून के तहत इसका कोई आधार नहीं है. वास्तव में यह गलत इरादे से लिखा गया है.

अडाणी एंटरप्राइजेज ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, ‘‘आयकर विभाग का आदेश केवल एनडीटीवी के उस शेयर से जुड़ा है जो आरआरपीआर के पास है और किसी भी तरीके से आरआरपीआर को वीसीपीएल को वॉरंट के बदले इक्विटी शेयर आबंटन करने के संदर्भ में औपचारिकताओं को पूरा करने से नहीं रोकता.’’

अडाणी समूह ने 23 अगस्त को एनडीटीवी में परोक्ष रूप से 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी के अधिग्रहण की घोषणा की थी. यह अधिग्रहण वीसीपीएल के जरिये किया गया जिसकी आरआरपीआर होल्डिंग में 99.99 प्रतिशत हिस्सेदारी है.

आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड के पास कंपनी के 29.18 फीसदी शेयर हैं. इसके अलावा 16.32 फीसदी शेयर राधिका रॉय के पास हैं, जबकि 15.94 फीसदी शेयर प्रणय रॉय के पास हैं. इसके अलावा एफआईआई के पास करीब 14.7 फीसदी की हिस्सेदारी है. वहीं लगभग 24 फीसदी शेयर पब्लिक के पास हैं.

भारत के सिक्योरिटीज कानून के अनुसार अगर कोई कंपनी किसी दूसरी लिस्टेड कंपनी में 25 फीसदी से अधिक की हिस्सेदारी लेती है तो उसे 26 फीसदी अतिरिक्त हिस्सेदारी लेने के लिए ओपन ऑफर लाना होता है. यही वजह है कि VPCL के जरिए RRPR में 29.18 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के बाद एएमएनएल ने अतिरिक्त 26 फीसदी के लिए ओपन ऑफर जारी किया है.


Edited by Vishal Jaiswal