पूरी तरह से अडानी के कब्जे में होगी NDTV, अपनी अधिकांश हिस्सेदारी बेचेंगे प्रणय रॉय और राधिका रॉय
यह बिक्री पूरी हो जाने पर अडाणी समूह ‘न्यू डेल्ही टेलीविजन लिमिटेड’ (एनडीटीवी) में सबसे बड़ा शेयरधारक बन जाएगा. समूह पहले ही संस्थापकों द्वारा समर्थित एक कंपनी को खरीदा चुका है और उसके बाद उसने खुले बाजार से शेयर भी हासिल किए हैं.
एनडीटीवी के संस्थापक प्रणय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय ने शुक्रवार को कहा कि वे इस मीडिया कंपनी में अपनी बची हुई 32.26 प्रतिशत हिस्सेदारी में से 27.26 प्रतिशत हिस्सा अडाणी समूह को बेच देंगे.
यह बिक्री पूरी हो जाने पर अडाणी समूह ‘न्यू डेल्ही टेलीविजन लिमिटेड’ (एनडीटीवी) में सबसे बड़ा शेयरधारक बन जाएगा. समूह पहले ही संस्थापकों द्वारा समर्थित एक कंपनी को खरीदा चुका है और उसके बाद उसने खुले बाजार से शेयर भी हासिल किए हैं.
बता दें कि, अडानी समूह द्वारा मीडिया समूह के लिए अधिग्रहण की बोली शुरू करने के बाद से NDTV के शेयरों में 16 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है.
संस्थापकों ने शेयर बाजारों को दी गई जानकारी में कहा, ‘ऐसी स्थिति में हमने आपसी समझौते के तहत एनडीटीवी में अपने अधिकांश शेयर एएमजी मीडिया नेटवर्क (अडाणी समूह की फर्म) को बेचने का फैसला किया है.”
एनडीटीवी में दोनों की कुल हिस्सेदारी 32.26 प्रतिशत है जबकि अडाणी समूह के पास अब कंपनी में हिस्सा 37.44 प्रतिशत हो चुका है.
इस बयान के मुताबिक, प्रणय रॉय और राधिका रॉय एनडीटीवी में पांच प्रतिशत की अल्पांश हिस्सेदारी बनाए रखते हुए बाकी 27.26 प्रतिशत हिस्सा बेच एएमजी मीडिया नेटवर्क को बेच देंगे.
रॉय दंपति ने बयान में कहा, ”खुली पेशकश (अडाणी समूह द्वारा) लाए जाने के बाद से हमारी गौतम अडाणी के साथ चर्चा रचनात्मक रही है. हमारी तरफ से दिए गए सभी सुझावों को उन्होंने सकारात्मक ढंग से और खुलेपन के साथ स्वीकार किया.”
रॉय दंपति ने NDTV के 38 सालों के सफर को किया याद
NDTV की यात्रा को याद करते हुए, संस्थापकों ने कहा, "हमने 1988 में NDTV की शुरुआत इस विश्वास के साथ की थी कि भारत में पत्रकारिता विश्वस्तरीय थी, लेकिन एक मजबूत और प्रभावी प्रसारण मंच की आवश्यकता थी जो इसे बढ़ने और चमकने दे."
उन्होंने आगे कहा, “34 वर्षों के बाद, हम मानते हैं कि एनडीटीवी एक ऐसी संस्था है जिसने हमारी बहुत सारी आशाओं और आदर्शों को पूरा किया है; बयान में कहा गया है कि हमें गर्व और आभारी हैं कि दुनिया भर में एनडीटीवी को "भारत और एशिया के सबसे विश्वसनीय समाचार प्रसारक" के रूप में मान्यता प्राप्त है.
रॉय दंपत्ति ने आगे कहा कि अडानी ने एक ऐसे ब्रांड में निवेश किया है जो विश्वास, विश्वसनीयता और स्वतंत्रता का पर्याय है, और हमें उम्मीद है कि वह इन मूल्यों को बनाए रखेंगे. हम एनडीटीवी और इसकी पूरी असाधारण टीम को विकास का अगला चरण देते हुए देखने के लिए उत्सुक हैं, जिस पर भारत को गर्व हो सकता है.
अडानी ने ऐसे हासिल की NDTV में हिस्सेदारी
अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) गौतम अडानी की कंपनी है और एएमजी मीडिया नेटवर्क्स लिमिटेड (AMNL) इसी की मीडिया कंपनी है. इस साल अगस्त में अडानी एंटरप्राइजेज की सब्सिडियरी कंपनी अडानी मीडिया नेटवर्क्स ने वीपीसीएल का अधिग्रहण कर लिया. वीपीसीएल का मालिकाना हक इससे पहले एमिनेंट नेटवर्क्स एंड नेक्स्टवेव टेलिवेंचर्स के पास था.
वीपीसीएल के पास एनडीटीवी की होल्डिंग कंपनी आरआरपीआर के कन्वर्टिबल डिबेंचर्स थे, जिसे कंपनी ने लोन के बदले जारी किया था. कन्वर्टिबल डिबेंचर्स ऐसे वॉरंट होते हैं, जिनसे डेट यानी कर्ज को इक्विटी में बदला जा सकता है.
ये डिबेंचर्स 2009-10 में 404 करोड़ रुपये के लोन के बदले लिए गए थे. वीपीसीएल ने इन डिबेंचर्स को ही इक्विटी में बदल दिया. इसका मतलब है कि कर्ज न चुका पाने की स्थिति में एनडीटीवी के संस्थापकों ने कंपनी को मीडिया समूह में 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने की इजाजत दी थी. वीपीसीएल ने आरआरपीआर में 99.50 फीसदी हिस्सेदारी को कंट्रोल करने के अधिकार का इस्तेमाल किया है.
प्रणय रॉय, राधिका रॉय और रवीश कुमार ने दे दिया है इस्तीफा
पिछले सप्ताह NDTV के संस्थापक प्रणय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय ने प्रवर्तक समूह की इकाई आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि, रॉय दंपत्ति ने समाचार चैनल के निदेशक मंडल से इस्तीफा नहीं दिया है. प्रणय रॉय एनडीटीवी के चेयरपर्सन और राधिका रॉय कार्यकारी निदेशक हैं.
रॉय दंपत्ति के आरआरपीआर से इस्तीफे के बाद वरिष्ठ पत्रकार और एनडीटीवी इंडिया के सीनियर एक्जीक्यूटिव एडिटर रवीश कुमार ने भी बुधवार को तत्काल प्रभाव से कंपनी से इस्तीफा दे दिया था.
Edited by Vishal Jaiswal