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NEHHDC और Etsy ने उत्तर पूर्व के कारीगरों की सहायता करने के लिए साइन किया MoU

यह साझेदारी कारीगरों के लिए एक गेमचेंजर है, जो इस क्षेत्र के स्वदेशी उत्पादों (कपड़ा, बेंत व बांस के उत्पाद, उपकरण और अन्य उत्पाद) को लाखों घरेलू और वैश्विक खरीदारों के लिए ऑनलाइन उपलब्ध कराने में सहायता करेगी।

अद्वितीय और रचनात्मक वस्तुओं के लिए वैश्विक बाजार इट्सी (Etsy) ने उत्तर पूर्वी हस्तशिल्प और हथकरघा विकास निगम (NEHHDC) के साथ भागीदारी की है। इसके लिए छोटे विक्रेताओं, बुनकरों व कारीगरों को बाजार पहुंच और उनको सक्षम बनाने में सहायता प्रदान करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किया गया है।

इस समझौता ज्ञापन के तहत इट्सी, NEHHDC के साथ मिलकर विशेष रूप से उत्तर पूर्व के कारीगरों के लिए सक्षमता कार्यक्रमों को विकसित करेगी। इसके अलावा ऑनलाइन बिक्री व उद्यमिता पर मॉड्यूल और उनके उत्पादों की व्यापक बाजार तक पहुंच के अवसर पैदा करना शामिल हैं।

इट्सी का उद्देश्य भारतीय हस्तशिल्प क्षेत्र में कारीगरों, कलाकारों व छोटे उद्यमियों को ऑनलाइन कारोबार शुरू करने और प्रबंधित करने के लिए महत्वपूर्ण उपकरणों व संसाधनों से युक्त करना है। इट्सी इन विक्रेताओं को डिजिटल सक्षमता सेवाएं प्रदान करेगी। साथ ही उन्हें इट्सी से परिचित कराने व बाजार में अपने उत्पादों की बिक्री के तरीकों पर प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित करेगी।

NEHHDC और Etsy ने उत्तर पूर्व के कारीगरों की सहायता करने के लिए साइन किया MoU

सांकेतिक चित्र

इस अवसर पर NEHHDC के प्रबंध निदेशक ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) राजीव कुमार सिंह ने कहा, “उत्तर पूर्व क्षेत्र के स्वदेशी शिल्प को बढ़ावा देने और शिल्पकारों के लिए आर्थिक अवसर उत्पन्न करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण केंद्र बिंदु (फोकस) है। इस क्षेत्र में 21 लाख से अधिक बुनकर और 14.5 लाख कारीगर हैं, लेकिन बाजार के साथ जुड़ाव का सही तरीका मौजूद नहीं है। इट्सी के साथ यह जुड़ाव हमारे कारीगरों के लिए एक गेमचेंजर (बड़ा बदलाव लाने वाला) हो सकता है और यह सुनिश्चित करता है कि वे अपनी शर्तों पर उद्यमिता का पता लगाने तथा घरेलू व वैश्विक, दोनों खरीदारों तक पहुंचने में सक्षम हों।”

वहीं, इट्सी के पब्लिक पॉलिसी और एडवोकेसी के उपाध्यक्ष रॉस ला जुनेसे ने कहा, "पूरे विश्व में इट्सी की सोच 'कीप कॉमर्स ह्यूमन' है और हम छोटे विक्रेताओं तथा उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए अपने व्यापार व मंच की ताकत का उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं- यह जानते हुए कि ऐसा करके हम बदले में समुदायों को सशक्त और बेहतर बनाते हैं। 'मेड इन इंडिया' उत्पादों को वैश्विक प्रशंसा मिली है और हम उत्तर पूर्व के सभी राज्यों के कारीगरों व शिल्पकारों को 55 लाख विक्रेताओं के हमारे समुदाय का हिस्सा बनाने तथा हमारे मंच का उपयोग पूरे विश्व के दर्शकों व खरीदारों के सामने अपनी कला की जटिलता, सुंदरता और गुणवत्ता प्रदर्शित करने में सक्षम बनाना चाहते हैं।”

यह साझेदारी ईटीसी मंच पर लाखों खरीदारों के लिए क्षेत्र के स्वदेशी उत्पादों (कपड़ा, बेंत व बांस उत्पादों, सहायक उपकरण और कई अन्य श्रेणियां) को ऑनलाइन उपलब्ध कराने में सहायता करेगी। उत्तर पूर्व के सभी आठ राज्यों यानी अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा के कारीगरों को ईटीसी पर जगह दी जाएगी। उन्हें इस कार्यक्रम के तहत एक निश्चित धनराशि का निःशुल्क विज्ञापन क्रेडिट प्राप्त होगा।