आने वाले दशक में हमारी विकास गाथा को आगे बढ़ाएंगे स्टार्टअप्स: नीति आयोग सीईओ
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत का दृढ़ विश्वास है कि स्टार्टअप आने वाले दशक में भारत की विकास गाथा को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा, “अगर हमें 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था और फिर 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना है, तो स्टार्टअप्स को नेतृत्व की स्थिति लेनी होगी।"
पिछले कुछ वर्षों में, भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम ने दुनियाभर में अपनी पहचान बनाई है। भारत भी दुनिया भर से निवेश के लिए एक आकर्षण का केंद्र बन गया है।
नई दिल्ली में आयोजित 'भारतीय उद्योग परिसंघ (CII)- ग्लोबल यूनिकॉर्न समिट- 2030 तक 1,000 यूनिकॉर्न को आकार देने' कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा, "जब हमने 2016 में स्टार्टअप इंडिया पहल शुरू की थी, तो हमने कल्पना नहीं की थी कि यह पहल इस तरह के अभूतपूर्व तरीके से विस्तारित होगी।"
कांत का मानना है कि स्टार्टअप क्रांति भारत के तकनीकी और विकासात्मक कौशल में एक नए चरण का प्रतीक है।
भारत 95 यूनिकॉर्न्स का घर है और वर्ष 2021, 2020 और 2019 में भारत में सबसे अधिक संख्या में यूनिकॉर्न बने। उन्होंने कहा, “2020 और 2021 में महामारी अपने चरम पर थी। ये एक संकट था, एक ऐसा दौर जब दुनिया ढह गई थी। इसके बावजूद, हमारे स्टार्टअप्स ने शानदार विकास देखा है।”
आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है। कांत ने कहा, “2021 में, भारत में हर एक महीने में लगभग 3 से 4 स्टार्टअप यूनिकॉर्न बन गए और इस साल 15 स्टार्टअप पहले ही यूनिकॉर्न बन गए हैं। हर साल, हम अपने ही रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं।”
नीति आयोग के सीईओ का दृढ़ विश्वास है कि स्टार्टअप आने वाले दशक में भारत की विकास गाथा को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा, “अगर हमें 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था और फिर 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना है, तो स्टार्टअप्स को नेतृत्व की स्थिति लेनी होगी। भारतीय यूनिकॉर्न कई तरह से दुनिया में अपना परचम लहरा रहे हैं। वे अवसरों का लाभ उठा रहे हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि भारत में स्टार्टअप हेल्थ, मैन्युफैक्चरिंग, एजुकेशन, फाइनेंशियल इन्कलुजन, ट्रांंसपोर्ट, लॉजिस्टिक्स, सस्टेनेबिलिटी या एग्रीकल्चर सभी क्षेत्रों में इनोवेशन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "हम सभी एक ग्लोबल टेक गैरेज बन रहे हैं और भारत दुनिया का सबसे बड़ा टेक गैरेज है, क्योंकि डेटा समृद्ध देश से हम डेटा इंटेलीजेंट देश बन रहे हैं।"
कांत ने कहा कि फिनटेक में कई इनोवेशंस हुए हैं। भुगतान की समस्या के समाधान के साथ, उपभोक्ता और MSME-आधारित उधार दोनों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इससे
, , जैसे खिलाड़ियों का उदय हुआ।भुगतान और उधार के साथ पर्याप्त आराम के साथ, पर्सनल फाइनेंस, मनी मैनेजमेंट, निवेश और व्यापार पर अधिक ध्यान केंद्रित किया गया था, उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में
, , जैसी शीर्ष-श्रेणी की संस्थाओं की अधिकता आई है।अपने संबोधन के अंत में, अमिताभ कांत ने कहा कि इन इनोवेशंस के माध्यम से स्टार्टअप फाउंडर और उनकी गतिशील टीमें निर्माण कर रही हैं, वे नए इकोसिस्टम और अवसर पैदा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "वे रोजगार पैदा कर रहे हैं और देश की आर्थिक प्रगति में योगदान दे रहे हैं।"