अगले साल से 402 करोड़ रुपए किराया देकर कोई भी कर सकेगा अंतरिक्ष की सैर
रोमांच की हदें छूना चाह रहे बेकरार पर्यटकों के लिए यह एक बेहद दिलचस्प खबर हो सकती है कि अगले साल से अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा, 402 करोड़ रुपए यात्रा किराया चुकाने वाले व्यक्ति को अंतरिक्ष की सैर कराएगी। नासा का ताज़ा ऐलान स्पेस स्टेशन के पूरी तरह से निजीकरण की ओर बढ़ाया गया पहला कदम है।
अंतरिक्ष में पर्यटन नई संस्कृति हैं, उन घुमक्कड़ पर्यटकों की, जो उन्नत तकनीकों एवं अपने अकूत धन के बूते अंतरिक्ष की सैर करते हुए रोमांच की हदें छूने के लिए उतावले रहते हैं। ऐसी ही मशहद (ईरान) मूल की अप्रवासी अमेरिकन एवं पहली महिला अंतरिक्ष पर्यटक अनुशेहा अंसारी दो करोड़ डॉलर देकर 18 सितम्बर 2006 को अंतरिक्ष में उड़ान भरी थी। अब डेढ़ दशक बाद अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने कहा है कि 2020 से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) को पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। उसके बाद तो 5.8 करोड़ डॉलर (402 करोड़ रुपये) का भुगतान कर कोई भी व्यक्ति अंतरिक्ष में रिसर्च अथवा पर्यटन कर सकेगा।
अंतरिक्ष पर्यटक अनुशेहा अंसारी से पहले 2001 में अमेरिकी बिजनेसमैन डेनिस टीटो ने रूस को 2 करोड़ डॉलर चुकाकर स्पेस स्टेशन का दौरा किया था। नासा का ताज़ा ऐलान अंतरिक्षीय स्पेस स्टेशन के पूरी तरह से निजीकरण की ओर बढ़ाया गया पहला कदम है। नासा की घोषणा के मुताबिक, आईएसएस में एक रात बिताने का किराया करीब 25 लाख रुपए होगा। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी स्पेस स्टेशन को पर्यटन और दूसरे व्यापारिक उपक्रमों के लिए खोलने जा रही है। नासा आर्थिक अवसरों के लिए अब इसकी मार्केटिंग भी करेगी। हर साल 12 अंतरिक्ष यात्री स्पेस स्टेशन पर जा सकेंगे। अगले वर्ष से हर साल कम से कम दो ऐसे मिशन सुनिश्चित किए जाएंगे, जिसके अंतर्गत पर्यटकों को तीस दिन तक आईएसएस पर रुकने का ऑफर दिया जाएगा।
घुमक्कड़ों के लिए सैर का दायरा आसमान तक बढ़ाते हुए कई देशों के वैज्ञानिक और स्पेस एजेंसियां काफी समय से लगातार प्रयास करती आ रही हैं। नासा ने वर्ष 2016 में जब अंतरिक्ष यात्रा के इच्छुक लोगों से मंगल ग्रह पर जाने के लिए आवेदन मांगे तो कुल 18,300 पर्यटन प्रेमियों ने अपनी अर्जियां लगा दी थीं, जिनमें से अधिकाधिक 14 लोगों को अंतरिक्ष की सैर कराने के लिए चुना गया ताकि उन्हे 2018 में अंतरिक्ष की सैर के लिए भेजा जाए। गौरतलब है कि अंतरिक्ष की यात्रा के लिए विमान तंत्र, स्पेस वॉकिंग और टीम वर्क का मुश्किल प्रशिक्षण लेना पड़ता है।
अंतरिक्ष यात्रा के लिए और भी कई जरूरी शर्तें होती हैं, मसलन, यात्री की उम्र 26 से 46 वर्ष के बीच होनी चाहिए। उसके पास जेट विमान में यात्रा का कम से कम एक हजार घंटे का अनुभव हो। उसका ब्लड प्रेशर 140/90, हाइट 62 से 75 इंच के बीच और आईसाइट हर आँख के लिए 20/20 होनी चाहिए। ऐसी सैर करने के लिए आधुनिक अंतरिक्ष यान- शटल को विशेष तरीके से डिजाइन किया जाता है। अब नासा की ताज़ा योजना को एलोन मस्क की स्पेस-एक्स और बोइंग जैसी कंपनियां अमल में लाने जा रही हैं। इस समय दोनो कंपनियां अंतरिक्ष में जाने के लिए ट्रांसपोर्ट व्हिकल तैयार कर रही हैं। स्पेस-एक्स तो हाल ही में अपने क्रू ड्रैगन कैप्सूल का टेस्ट भी कर चुकी है, जबकि बोइंग भी स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट टेस्ट कर रही है। ये कंपनियां ही कॉन्टेस्ट से अंतरिक्ष की सैर कराने के लिए लोगों का चयन करेंगी।
यह भी गौरतलब है कि सरकारी सहयोग से चल रही रूसी कंपनी ऑर्बिटल टेकनोलॉजीस अंतरिक्ष में अमीर पर्यटकों के लिए आरामदायक होटल स्थापित करना चाहती है, जिसका मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष पर्यटन होगा। होटल में लोगों के ठहरने की व्यवस्था होगी। वह लगभग ढाई साल पहले ऐलान कर चुकी है कि उसका पहला मॉड्यूल करीब 20 घन मीटर का होगा। इस मॉड्यूल में चार केबिन होंगे और उसमें सात पर्यटक एक साथ रह सकेंगे। होटल इस तरह से डिजाइन किया जाएगा, जिससे अंतरिक्ष पर्यटकों को ज्यादा से ज्यादा आराम मिल सके।
उस समय कंपनी बताया था कि ऑर्बिटल होटल में पांच दिन बिताने के लिए 10 लाख डॉलर खर्च करने होंगे। कंपनी दावा कर चुकी है कि अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के मुकाबले प्रस्तावित होटल ज्यादा आरामदायक होगा। होटल में पर्यटक वैक्यूम शौचालय, स्पंज स्नान और अंतरिक्ष का भोजन इस्तेमाल करेंगे। बाद में रूस के फेडरल स्पेस एजेंसी प्रमुख अनातोली परमिनोव ने सरकारी टीवी चैनल पर कहा कि हम अभी ये व्यवस्था नहीं दे पा रहे हैं।
उधर, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की उड़ान के लिए नासा कई कंपनियों के साथ अंतरिक्ष यान के विकास में जुटा है। मुलार्ड अंतरिक्ष विज्ञान प्रयोगशाला (ब्रिटेन) के वैज्ञानिक एलन स्मिथ का मानना है कि आज दुनिया की हर लड़की भले ही अनुशेहा की तरह अंतरिक्ष में घूमने के सपने देख ले, इसके लिए तकनीकी व्यवस्थाएं भी की जा सकती हैं लेकिन इतनी महंगी उड़ान के लिए निवेशक मिल पाना आज भी कत्तई आसान नहीं है। प्रथम अंतरिक्ष पर्यटक अनुशेहा का सपना भी तब परवान चढ़ पाया था, जब अंतरिक्ष में जाने के लिए पहले से तैयार बैठे जापानी उद्योगपति देसुको इनोमोते को अपना नाम स्वास्थ्य ठीक न होने की वजह से वापस लेना पड़ा था।