सैलानियों को अनूठे ट्रैवल प्लान उपलब्ध करा रहा है नोएडा का यह स्टार्टअप
स्टार्टअप का दावा है कि वह अपने ग्राहकों के लिए यूनिक ट्रैवल पैकेज लेकर आया है, जो उन्हे देश के कई अनछुए हिस्सों को एक्सप्लोर करने का मौका देता है।
सामान्य दिनों में देश के तमाम हिस्सों में सैलानियों का जमावड़ा लगा रहता है। ये सैलानी देश के तमाम हिस्सों से या विदेश से आए हुए होते हैं, लेकिन सही जानकारी के अभाव में इन सैलानियों को अपनी यात्रा के दौरान कई तरह की समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। कई बार इन्हे अधिक पैसे लेकर ठग लिया जाता है तो कई बार उन्हे अच्छी सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं, इसी के साथ उनका यात्रा-अनुभव भी बुरी तरह प्रभावित होता है।
नोएडा आधारित स्टार्टअप ‘द टार्जन वे’ सैलानियों की इसी समस्या का समाधान बड़े ही अनूठे ढंग से लेकर आया है। स्टार्टअप ने अपने ग्राहकों को बेहतर सुविधा देने के लिए तकनीक का भी भरपूर सहारा लिया है। इस स्टार्टअप की नींव शिखर चड्ढा ने सह संस्थापक आर्यन नेगी के साथ मिलकर जनवरी 2018 में रखी थी।
योरस्टोरी हिन्दी से बात करते हुए शिखर कहते हैं,
“हमारे पास कई ऐसे किस्से हैं, जहां भारत आने वाले यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है। एक बार अमेरिका से एक कपल दिल्ली आया था और उसे आगरा जाना था, इस दौरान एक टैक्सी ड्राइवर ने उन कपल से 40 हज़ार रुपये ऐंठ लिए थे।”
शिखर बताते हैं कि ऐसी कई मामले हैं जहां देश के तमाम हिस्सों से लोग ट्रैवल एजेंसियों के जरिये एक बड़ा पैकेज लेकर दिल्ली जैसे शहर में घूमने आते हैं, लेकिन वास्तव में उन्हें ज्यादा कुछ पता नहीं होता है, जिसके चलते उन्हे नुकसान भी झेलना पड़ता है। उन्हे लगता है कि उन्होंने पूरा शहर एक्सप्लोर कर लिया है, जबकि ऐसा नहीं होता है।
ऐसी हुई शुरुआत
शिखर ने जब ‘द टार्जन वे’ की शुरुआत की तब वे महज 20 साल के थे। शिखर बताते हैं कि इस नए स्टार्टअप को शुरू करने को लेकर उनका विजन है कि वो ट्रैवल को इनोवेट और सरल बनाना चाहते हैं, जिसके जरिये वे यात्रा करने के इच्छुक लोगों को यूनिक और अनुभव से भरपूर ट्रैवल प्रोग्राम पेश कर रहे हैं। अभी स्टार्टअप अपने ग्राहकों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिये जोड़ते हुए उनके मैनुअल तरीके से सेवाएँ उपलब्ध करा रहा है।
शिखर बताते हैं कि इसके पहले उन्होने ‘द टार्जन हाउस’ नाम से एक स्टार्टअप शुरू किया था, जो यात्रा अनुभव के लिए ही काम करता था, हालांकि स्टार्टअप कुछ कारणों से आगे नहीं बढ़ सका और उसमें शिखर को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ा। शिखर के अनुसार नया स्टार्टअप शुरू करने के साथ ही उनके ऊपर पुराने स्टार्टअप से जुड़ा कुछ कर्ज़ भी था, जो उन्होने इस स्टार्टअप से होने वाली आय के जरिये चुकाया।
स्टार्टअप ने अभी तक 13 सौ से अधिक ग्राहकों को अपनी सेवाएँ दी हैं और खास बात यह है कि शिखर ने व्यक्तिगत तौर पर इन सभी ग्राहकों के साथ मुलाक़ात की है। ग्राहकों को अनुभव प्रदान करने के साथ स्टार्टअप उनके साथ पारदर्शिता को भी सुनिश्चित करता है।
रोचक ट्रैवल पैकेज
स्टार्टअप के पास सैलानियों के लिए अनूठे ट्राइवेल पैकेज उपलब्ध हैं, जैसे- ‘लाइफ इन अ पहाड़ी विलेज’ जिसमें सैलानियों को पहाड़ पर स्थित गाँव में जीवन जीने का अनुभव उपलब्ध कराया जाता है। स्टार्टअप ने इसके लिए उत्तराखंड के एक गाँव के साथ हाथ मिलाया है।
इस बारे में शिखर बताते हैं,
“रोजगार की तलाश और अन्य व्यक्तिगत कारणों से उस गाँव से लोग पलायन कर रहे थे। हमने इस तरह उस गाँव के लोगों के लिए रोजगार के मौके उपलब्ध कराये, जिससे गाँव से लोगों का पलायन रोका जा सका। हमने इसी तरह के कई अन्य प्रोग्राम भी तैयार किए हैं, जिनके जरिये कई लोगों को रोजगार भी मिला है।”
द टार्जन वे ने इसी के साथ ‘लाइफ ऑफ अ फिशरमेन’ नाम का भी एक प्रोग्राम तैयार किया है, जिसके जरिये सैलानी एक मछुआरे के जीवन को जीने का अनुभव पा सकते हैं। स्टार्टअप ने इसके लिए कन्याकुमारी में इस काम से जुड़े एक समुदाय के साथ हाथ मिलाया है।
स्टार्टअप ने लखनऊ की संस्कृति से जुड़ा ‘लाइफ ऑफ नवाब’ और पारसी थिएटर के अनुभवों को अपने ग्राहकों तक पहुंचाने की ओर कदम बढ़ाए हैं।
स्टार्टअप अब आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस की मदद से एक प्लेटफॉर्म तैयार कर रहा है, जहां ग्राहक इन अनुभवों को देख सकेगा और साथ ही वो क्वेस्चनायर भर सकेगा, जिसकी मदद से स्टार्टअप कम समय में ग्राहक के लिए एक डिटेल्ड एक्सपिरियन्स पैकेज का निर्माण करेगा। आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के जरिये ग्राहकों के लिए एक यूनिक प्लान तैयार करने में भी बेहद कम समय लगता है, इसके साथ ही ग्राहक को 24 घंटे सपोर्ट भी मिलेगा।
गौरतलब है कि स्टार्टअप पूरी तरह से बूटस्ट्रैप है और अब इसका सालाना टर्न-ओवर 50 लाख रुपये के करीब है और यह लगातार बढ़ रहा है। स्टार्टअप का दावा है कि वो अन्य ट्राइवेल एजेंसियों या एजेंट की तुलना में कई गुना कम दामों पर अपने ग्राहकों को अधिक बेहतर सुविधा उपलब्ध करा रहा है।
कोविड-19 का प्रभाव
कोविड-19 परिस्थिति ने इस स्टार्टअप को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। पिछले तीन महीनों से कंपनी के राजस्व में बड़ी गिरावट दर्ज़ की गई है, लेकिन कंपनी ने इन परिस्थितियों को एक मौके के रूप में देखते हुए नए उत्पाद लांच करने की ओर कदम बढ़ाया है।
इस बारे में बात करते हुए शिखर कहते हैं,
“हम जानते हैं कि कोरोना वायरस के चलते बने हालातों को देखते हुए लंबे समय तक सामाजिक दूरी का पालन करना अनिवार्य होगा, ऐसे में हम अपने ग्राहकों के लिए कैम्पर वैन या आरवी लेकर आएंगे, जिसके जरिये वे अपनी सभी यात्राओं को सुरक्षित रहते हुए पूरा कर सकेंगे।”
कैम्पर वैन या कैरवां में ग्राहक के ठहरने और खाने पीने की सभी सुविधाएं मौजूद होंगी, जिससे सोशल डिस्टेन्सिंग को पूरी तरह सुनिश्चित किया जा सकेगा। इन वैन को मानकों के अनुसार पूरी तरह से सैनेटाइज़ किया जाएगा। स्टार्टअप ने इसे संभव बनाने के लिए सप्लायर्स के साथ ही हाथ मिलया है।
स्टार्टअप देश के तमाम हिस्सों में स्थित संस्कृतियों का अनुभव अपने ग्राहकों तक पहुंचाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। स्टार्टअप के इस कदम के साथ उन हिस्सों में रोजगार के तमाम मौके भी उभर कर सामने आ रहे हैं।