कभी थे कांस्टेबल अब बन गए हैं एसीपी, 10 साल की जी तोड़ मेहनत लाई रंग
11वीं कक्षा में फेल होने और 12वीं कक्षा में सामान्य अंकों के साथ पास होने के बाद किसी के लिए भी महज कॉन्स्टेबल बन जाना ही किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं होगा, लेकिन फिरोज़ के लिए वह नाकाफी था। 2010 में दिल्ली पुलिस में कॉन्स्टेबल पद पर चुने गए फिरोज़ ने 10 साल की कठिन मेहनत कर यूपीएससी परीक्षा पास की और अब एसीपी बन अपने सपने को पूरा किया है।
बचपन में पढ़ाई में औसत छात्र रहे फिरोज़ आलम ने साल 2008 में 12वीं की परीक्षा पास की थी और उसके 2 साल बाद ही उनका चयन दिल्ली पुलिस में बतौर कॉन्स्टेबल हो गया था, हालांकि फिरोज़ ने कॉन्स्टेबल की ड्यूटी करते हुए ही अपने लिए अपने लिए एक बड़ा सपना चुन रखा था और वे पूरी लगन के साथ उसे पूरा करने में भी जुट गए थे।
ड्यूटी संग पढ़ाई
फिरोज़ ने दिल्ली पुलिस की नौकरी करते हुए स्नातक और फिर परास्नातक की पढ़ाई पूरी की। फिरोज़ ने इसी के साथ यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा के लिए भी अपनी तैयारी पर ज़ोर देना शुरू कर दिया था। हालांकि शुरुआती प्रयासों में उन्हें सफलता का स्वाद नहीं मिल सका लेकिन साल 2019 में फिरोज़ ने अपने 6वें प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली और उन्हें 645वीं रैंक हासिल हुई थी।
10 साल की मेहनत के बाद जब फिरोज़ ने इसी साल मार्च में एसीपी का पदभार संभाला तो उनके लिए काफी कुछ बदल चुका था। मीडिया से बात करते हुए फिरोज़ ने अपना अनुभव बयां करते हुए बताया कि तब उन्हें ‘भाई’ कहने वाले उनके साथी कॉन्स्टेबल अब उन्हें ‘सर’ कह कर संबोधित कर रहे थे जबकि जिन्हें वे बीते 10 सालों से ‘सर’ कहते थे अब वे उनके बराबर खड़े थे। फिरोज फिलहाल ट्रेनिंग पर हैं और अगले साल मार्च तक अपना पदभार ग्रहण कर सकते हैं।
अफसरों को देखकर मिली प्रेरणा
मीडिया से बात करते हुए फिरोज़ ने बताया है कि वे अफसरों के काम करने के तौर-तरीकों और उनके रुआब से काफी प्रभावित थे और इसी के चलते वे भी यूपीएससी की तैयारी करना चाहते थे। फिरोज़ के लिए तैयारी के लिए समय निकालना काफी कठिन था क्योंकि वे इसी के साथ बतौर कॉन्स्टेबल दिल्ली की जनता की सेवा में भी लगे हुए थे।
अपने पहले दो प्रयासों में प्रीलिम्स भी क्लियर ना निकाल पाने वाले फिरोज़ को राजस्थान के झुंझनू जिले के कॉन्स्टेबल विजय सिंह गुर्जर से प्रेरणा मिली जो खुद यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईपीएस के लिए चयनित हुए थे। मालूम हो कि फिरोज़ ने यूपीएससी के अपने आखिरी अटेम्प्ट में यह सफलता हासिल की है।
कबाड़ी का काम करते थे पिता
आज सफलता के शिखर पर पहुँच चुके फिरोज़ यूपी के हापुड़ जिले के रहने वाले हैं। फिरोज़ के पिता कबाड़ी का काम किया करते थे जबकि घर में उनके 5 भाई और 3 बहनें भी हैं।
स्थानिय कॉलेज से पढ़ाई पूरी करने वाले फिरोज़ हमेशा से ही पुलिस की वर्दी में खुद को देखना चाहते थे, हालांकि दिल्ली पुलिस में हुए चयन के बाद उन्होने इसे बस अपने सपने को पूरा करने की राह में एक पड़ाव माना और वे यूपीएससी की तैयारी में पूरी तरह जुट गए।
Edited by Ranjana Tripathi