ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट्स में 50,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी ONGC, जीरो कार्बन उत्सर्जन हासिल करने का लक्ष्य
ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) ने देश की सबसे बड़ी हरित ऊर्जा कंपनियों में से एक ग्रीनको के साथ हरित ऊर्जा परियोजनाओं के लिए 50:50 के ज्वाइंट वेंचर के गठन का करार किया है.
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी और उसके भागीदार एक महत्वाकांक्षी ‘कार्बन फ्री अभियान’ के तहत ‘कार्बन-मुक्त हाइड्रोजन’ और ‘हरित अमोनिया’ के उत्पादन के लिए हरित ऊर्जा परियोजनाओं में 6.2 अरब डॉलर (50,000 करोड़ रुपये) का निवेश करेंगे. एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.
ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) ने देश की सबसे बड़ी हरित ऊर्जा कंपनियों में से एक ग्रीनको के साथ हरित ऊर्जा परियोजनाओं के लिए 50:50 के ज्वाइंट वेंचर के गठन का करार किया है.
अधिकारी ने बताया कि संयुक्त उद्यम 5.5 से सात गीगावॉट की सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करेगा और इन संयंत्रों से उत्पादित बिजली का उपयोग इलेक्ट्रोलाइजर में पानी को अलग कर हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिए किया जाएगा, जिसका बाद में हरित अमोनिया के विनिर्माण में इस्तेमाल होगा.
ग्रीनको के पंप भंडारण, बिजली उत्पादन प्रणाली के साथ नवीकरणीय ऊर्जा 24 घंटे (आरटीसी) 1.4 गीगावॉट बिजली उपलब्ध कराएगा. इसका उपयोग सालाना 1.8 लाख टन हरित हाइड्रोजन (लगभग 20 किलोग्राम प्रति घंटे) का उत्पादन करने के लिए किया जाएगा.
अधिकारी ने बताया कि इस हाइड्रोजन को नाइट्रोजन के साथ मिलाकर सालाना 10 लाख टन हरित अमोनिया का उत्पादन किया जाएगा. इसका शुरुआती वर्षों में यूरोप, जापान और दक्षिण कोरिया को निर्यात किया जाएगा. बाद में बाजार के विकसित होने पर देश के अंदर इसका इस्तेमाल किया जाएगा.
अधिकारियों ने कहा कि इस श्रृंखला के नवीकरणीय ऊर्जा घटक की लागत लगभग पांच अरब डॉलर होगी जबकि हाइड्रोजन और अमोनिया संयंत्र की लागत 1.2 अरब डॉलर होगी.
वहीं ओएनजीसी की हाइड्रोजन और अमोनिया संयंत्र स्थापित करने की भी योजना है. इन संयंत्रों से उत्पादन 2026 में शुरू होने की उम्मीद है. इन संयंत्रों को संभवत: कंपनी मेंगलूर में अपनी तेल रिफाइनरी के पास लगाएगी. अधिकारी ने कहा कि अगर वहां भूमि उपलब्ध नहीं होगी, तो यह परियोजना गुजरात में स्थानांतरित की जाएगी.
देश की सबसे बड़ी कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस उत्पादक कंपनी ओएनजीसी भी रिलायंस इंडस्ट्रीज और अडाणी समूह की तरह ही कार्बन-मुक्त हाइड्रोजन के लक्ष्य में शामिल हो गई है. इन दोनों निजी समूहों ने भारत के शुद्ध-शून्य लक्ष्यों के हिस्से के रूप में अरबों की परियोजनाओं की घोषणा की है.