युवाओं को 2 साल ब्रिटेन में रहने और काम करने का मौका, सरकार लाई ‘यंग प्रोफेशनल्स स्कीम’
‘यंग प्रोफेशनल्स स्कीम’ 18 से 30 वर्ष की आयु के डिग्रीधारक भारतीय नागरिकों को दो साल तक ब्रिटेन में रहने और काम करने की अनुमति देगा. इस योजना की शुरुआत 28 फरवरी को की जाएगी.
आगामी फरवरी महीने से भारतीय युवाओं को दो साल तक ब्रिटेन में रहने और काम करने का अवसर मिलने जा रहा है. दरअसल, भारत और ब्रिटेन के बीच अगले महीने से ‘यंग प्रोफेशनल्स स्कीम’ की शुरुआत हो जाएगी.
‘यंग प्रोफेशनल्स स्कीम’ 18 से 30 वर्ष की आयु के डिग्रीधारक भारतीय नागरिकों को दो साल तक ब्रिटेन में रहने और काम करने की अनुमति देगा. इस योजना की शुरुआत 28 फरवरी को की जाएगी.
15वीं भारत-ब्रिटेन विदेश कार्यालय मंत्रणा (एफओसी) के बाद विदेश मंत्रालय की तरफ से इसकी जानकारी दी गई है. इस एफओसी में दोनों देशों ने इस यंग प्रोफेशनल्स स्कीम पर हस्ताक्षर किया.
‘यंग प्रोफेशनल्स स्कीम’ क्या है?
‘यंग प्रोफेशनल्स स्कीम’ ब्रिटेन की एक ऐसी योजना है, जिसके तहत ब्रिटेन जिस देश के साथ इस स्कीम के लिए समझौता करता है, वहां के नागरिकों को बिना स्पॉन्सर या नौकरी के ब्रिटेन में दो सालों तक रहने की मंजूरी मिलती है. ऐसी ही सुविधा सामने वाले देश को ब्रिटेन के नागरिकों को देनी पड़ती है.
अभी तक इस योजना का लाभ ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड, जापान, ताइवान, आइसलैंड, सैन मैरिनो, मोनाको, दक्षिण कोरिया और हांगकांग को मिल रहा था. हालांकि, अब भारत में इस लिस्ट में शामिल हो गया.
ब्रिटेन में ‘यंग प्रोफेशनल्स स्कीम’ को यूके यूथ मोबिलिटी स्कीम (UK Youth Mobility Scheme) के तौर पर जाना जाता है.
‘यंग प्रोफेशनल्स स्कीम’ के तहत हर साल भारत से 3000 लोगों को ब्रिटेन में जाकर रहने और काम करने का मिलेगा. हालांकि, वह सिर्फ दो साल तक ही ब्रिटेन में रह पाएंगे.
योग्यता
यह साबित करने के लिए कि यूके में रहते हुए आप खुद का समर्थन कर सकते हैं, भारतीय उम्मीदवारों को अपने बैंक खातों में एक निश्चित राशि दिखानी होगी. फिलहाल भारतीय आवेदकों के लिए निर्धारित की गई राशि का पता नहीं है. हालांकि, यह अन्य देशों के लिए लगभग 2.50 लाख रुपये है.
दूसरी आवश्यकता यह है कि आवेदकों को डिग्री धारक होना चाहिए और उनके साथ रहने वाले 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए वित्तीय रूप से जिम्मेदार नहीं होना चाहिए. हालांकि उम्मीदवारों को यूके की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवाओं (एनएचएस) से लाभ होगा, लेकिन सार्वजनिक धन तक उनकी पहुंच नहीं होगी.
मई, 2021 के समझौते के समय रखी गई थी नींव
मई 2021 में विदेश मंत्री एस जयशंकर और तत्कालीन ब्रिटिश गृह मंत्री प्रीति पटेल ने ‘माइग्रेशन एंड मॉबिलिटी पार्टनरशिप’ नाम के एक समझौते पर हस्ताक्षर किया था. इस समझौते में ‘यंग प्रोफेशनल्स स्कीम’ एक प्रमुख प्वाइंट था.
9 जनवरी को ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त विक्रम दुरैस्वामी और ब्रिटेन के गृह मंत्रालय के स्थायी सचिव मैथ्यू रायक्रॉफ्ट ने ‘यंग प्रोफेशनल्स स्कीम’ पर हस्ताक्षर किया और इस योजना को लॉन्च कर दिया.
Edited by Vishal Jaiswal