जानें इको-टूरिज़्म कैसे लाया स्थानीय समुदायों के लिये रोजगार के मौके?
कालिंज इकोटूरिज्म, महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में स्थित एक संगठन है जो ईको-टूरिज्म पहल के जरिये स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार के मौके उपलब्ध करा रहा है।
पूरे देश में तेजी से विकास होने के साथ अब यह आश्चर्य की बात नहीं है कि हमारी जैव विविधता इसके परिणामस्वरूप बड़े स्तर पर प्रभावित हुई है। मेट्रो शेड के निर्माण के दौरान होने वाली पेड़ों की कटाई के खिलाफ लोगों की पहल के चलते चर्चा में आया मुंबई का आरे जंगल हो या भीषण आग की चपेट में आकर जलने वाले अमेज़न के जंगल, लेकिन ये घटनाएँ पर्यावरण के लिए वास्तविक खतरा हैं।
इन घटनाओं के बाद पारिस्थितिक इकोसिस्टम को बचाना दुनिया भर के नागरिकों के लिए प्राथमिकता का विषय बन जाता है। महाराष्ट्र-आधारित एक संगठन कालिंज इकोटूरिज्म भारत में स्थानीय समुदायों के उत्थान पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और साथ ही पर्यटकों और यात्रियों को समुद्री जैव विविधता संरक्षण के बारे में शिक्षित कर रहा है।
कालिंज इकोटूरिज्म महाराष्ट्र के वन विभाग के मैंग्रोव और समुद्री जैव विविधता संरक्षण फाउंडेशन द्वारा सामुदायिक-आधारित संरक्षण पहल का एक हिस्सा है। महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के श्रीवर्धन तालुका में स्थित कलिंज हाउस में विभिन्न प्रजातियों के पौधे हैं और इनमें समृद्ध और जीवंत जैव विविधता है।
अब तक 10 गांव इको-टूरिज्म सर्किट का हिस्सा बन चुके हैं, जबकि 30 ने इस पहल में भाग लेने के लिए रुचि दिखाई है। समूह में स्थानीय लोग शामिल हैं जो जैव विविधता से परिचित हैं।
उदाहरण के लिए श्रुति तोडंकर जो इको-टूरिज्म समूह का नेतृत्व करती हैं, सभी 11 प्रकार के मैंग्रोव के वनस्पति नामों को जानती हैं और यह भी जानती हैं कि उन्हें कैसे पहचानना है? लॉजिकल इंडियन की रिपोर्ट के अनुसार, कोई भी व्यक्ति उनसे पौधों की खासियत के बारे में जानकारी हासिल कर सकता है।
इंडियन एक्सप्रेस के बात करते हुए फाउंडेशन के प्रशिक्षकों में से एक संधेश अंबोरे कहते हैं,
“कई ग्रामीणों के पास बड़े घर और अतिरिक्त कमरे हैं, जो वे पर्यटकों को घर में रहने के लिए प्रदान करने के लिए तैयार हैं। कई ग्रामीणों ने अपने घरों को पर्यटकों के लिए खोलने में रुचि दिखाई है। फिलहाल वे शुरुआती प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं।”
यहाँ ठहरने का खर्च प्रति रात प्रति व्यक्ति 500 रुपये तक हो सकता है, जिसमें स्थानीय भोजन 125 रुपये (वेज) और 175 रुपये (नॉन-वेज) शामिल है, यह भोजन प्रत्येक व्यक्ति के लिए असीमित है।
अब बेहतर कनेक्टिविटी और सुविधाओं के निर्बाध परिवर्तन की दिशा के साथ जिले में लगभग 350 स्थानों पर यह पहल की जा रही है। इसी के साथ स्थानीय लोगों को आय को और बढ़ाने के लिए नौकायात्रा को सम्मिलित करने पर भी विचार किया जा रहा है।