कई कंपनियों का मालिक प्लास्टिक के खिलाफ चला रहा है बड़ी मुहिम, संयुक्त राष्ट्र भी कर चुका है सम्मानित
मध्य प्रदेश के ज़ीशान खान देश भर में प्लास्टिक डोनेशन सेंटर्स की स्थापना के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहे हैं। ज़ीशान ‘बेयोंड स्मार्ट ग्रुप’ के सीईओ हैं। पर्यावरण को लेकर ज़ीशान की सक्रिय पहल के बाद उन्हे अब तक कई बार सम्मानित किया जा चुका है।
एक ओर जहां वैश्विक स्तर पर पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन को लेकर चर्चा हो रही है, वहीं कई लोग ऐसे भी हैं जो जमीनी स्तर पर अपनी बेहतरीन पहल के जरिये इस दिशा में बदलाव ला रहे हैं। ऐसा ही एक नाम है ज़ीशान खान का। बेयोंड स्मार्ट ग्रुप के सीईओ ज़ीशान कई शहरों में प्लास्टिक डोनेशन सेंटर की स्थापना कर रहे हैं, जिसके तहत प्लास्टिक कचरे से निपटते हुए अन्य सामाजिक कार्यों में भी भागीदारी बढ़ाई जा रही है।
ज़ीशान ने साल 2012 में प्लास्टिक क्रशिंग मशीन की स्थापना की, जिसने बेहतरीन रूप से काम किया। इस मशीन के जरिये करीब 20 हज़ार किलो प्लास्टिक को रीसाइकल किया गया। अब जीशान अन्य शहरों में प्लास्टिक डोनेशन सेंटर की स्थापना कर रहे हैं।
ज़ीशान ने पहले प्लास्टिक डोनेशन सेंटर की स्थापना बीते साल 150वीं गांधी जयंती के मौके पर की। इस बारे में बात करते हुए ज़ीशान कहते हैं,
“प्लास्टिक डोनेशन सेंटर की स्थापना करना एक अनोखा विचार है। हम प्लास्टिक को दान के रूप में लेते हैं, जैसे आप मंदिरों में जाकर कुछ दान करते हैं और उस राशि को सामाजिक कार्यों में इस्तेमाल किया जाता है। इसी तरह हम भी लोगों से प्लास्टिक दान करने की अपील करते हैं।”
प्लास्टिक डोनेशन सेंटर में दान की गई प्लास्टिक को रिसाइकल कर उसे बेचा जाता है, जिससे हुई आय को ज़ीशान सामाजिक कार्यों में खर्च करते हैं। ज़ीशान ने भोपाल शहर में भोपाल नगर पालिका के सहयोग से ‘वेस्ट टू आर्ट’ की स्थापना की। ज़ीशान ने इसके जरिये 500 किलो प्लास्टिक इकट्ठी की है।
हो चुके हैं सम्मानित
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा सम्मानित किए जाने के साथ ही ज़ीशान को भोपाल के स्वच्छता एम्बेस्डर का अवार्ड भी दिया गया है।ज़ीशान को उनकी पहल के लिए संयुक्त राष्ट्र की तरफ से इंडिया लीडरशिप अवार्ड से सम्मानित किया गया है। यह अवार्ड ज़ीशान को संयुक्त राष्ट्र की राजदूत बॉलीवुड अभिनेत्री दिया मिर्ज़ा के हाथों मिला था। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के हाथों ज़ीशान को ‘पर्यावरण मित्र सम्मान’ भी मिल चुका है। इस बारे में ज़ीशान का मानना है कि,
“हमारे लिए अवार्ड बाद में हैं, हम जमीनी स्तर पर काम करने में विश्वास करते हैं।”
ज़ीशान समय-समय पर स्कूल और कॉलेज के छात्रों को अपने साथ जोड़कर मेगा ड्राइव का आयोजन करते रहते हैं, इसके तहत प्लॉगिंग और क्लीनअप ड्राइव का आयोजन करते रहते हैं। ज़ीशान की पहल ने इंदौर को स्वच्छ भारत मिशन में पहले नंबर पर लाने में मदद की थी।
आगे बढ़ते हुए
इंदौर और भोपाल में इस पहल को शुरू करने के बाद जीशान अब जल्द ही दिल्ली में इस पहल को आगे बढ़ाने वाले हैं। ज़ीशान के अनुसार नजदीक में दिल्ली में भी प्लास्टिक डोनेशन सेंटर की स्थापना की जाएगी।
ज़ीशान के साथ 350 से अधिक वॉलांटियर्स सक्रिय तौर पर जुड़े हुए हैं। इसी के साथ इवेंट के मौके पर हजारों की संख्या में लोग भाग लेते हैं। ज़ीशान सरकार के साथ प्लास्टिक डोनेशन सेंटर को अनिवार्य करने की दिशा में काम कर रहे हैं, जिसके अनुसार राज्य में जगह-जगह प्लास्टिक डोनेशन सेंटर्स की स्थापना की जा सकेगी। जीशान कहते हैं,
“हम घर-घर जाकर लोगों को इस बारे में जागरूक कर रहे हैं कि वे अपने घर का प्लास्टिक कचरा प्लास्टिक डोनेशन सेंटर्स में ही डालें। इसके जरिये हम यह सुनिश्चित कर पाएंगे कि वह कचरा पूरी तरह रिसाइकल किया गया है।”
ज़ीशान पूरे भारत में इस पहल का विस्तार करना चाहते हैं। दिल्ली के साथ ज़ीशान जम्मू में भी प्लास्टिक डोनेशन सेंटर्स की स्थापना के लिए अपने कदम आगे बढ़ा रहे हैं, वहीं इटली की एक संस्था के साथ भी ज़ीशान की बात चल रही है। वह संस्था इटली के मिलान शहर में प्लास्टिक डोनेशन सेंटर्स की स्थापना करना चाह रही है।
इस पहल को प्रभावी रूप से आगे ले जाने के संबंध में बात करते हुए ज़ीशान कहते हैं,
“हम जमीनी स्तर पर आगे बढ़ने के लिए प्रयास कर रहे हैं, इसी के चलते हम स्कूलों में जाकर बच्चों को जागरूक कर रहे हैं। हम बच्चों को प्लास्टिक डोनेशन के प्रति जानकारी दे रहे हैं, ताकि यह पहल प्रभावी हो सके।”
जरूरी फंड की व्यवस्था
इतनी बड़ी पहल को आगे ले जाने के लिए जरूरी फंड की व्यवस्था ज़ीशान खुद अपनी तरफ से कर रहे हैं। पर्यावरण की तरह अपने लगाव के चलते ज़ीशान हर हाल में इस पहल को आगे ले जाना चाहते हैं। वह कहते हैं,
“पर्यावरण को लेकर मेरे लगाव के चलते मैं इस पहल को आगे लेकर जाना चाहता हूँ। बड़े स्तर पर विस्तार के समय जरूरत पड़ने पर हम क्राउडफंडिंग की तरफ भी जा सकते हैं।”