मनीषा रोपेटा बनीं पाकिस्तान की पहली हिन्दू महिला डीएसपी
द वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम (The World Economic Forum) के 2020 के ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स (The Global Gender Gap Index) में पाकिस्तान का स्थान आखिर से तीसरे नंबर पर आता है. यह सर्वेक्षण 153 देशों में किया गया जिसमे पाकिस्तान 151वें पायदान पर रखा गया है. ऐसे में 26 वर्षीय मनीषा रोपेटा (Manisha Ropeta) का पाकिस्तान पुलिस बल में पुलिस उपाधीक्षक बनना एक सुखद खबर है. ऊपर से ,मनीषा पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय से पुलिस उपाधीक्षक बनने वाली पहली महिला हैं. पाकिस्तान में, या यूं कहें कि दक्षिण-एशियाई देशों में पुलिस की सर्विसेस ज्वाइन करने के लिए बहुत प्रोत्साहित नहीं किया जाता है. इसलिए भी उनका इस क्षेत्र में चुना जाना बदलते परिवेश की कहानी भी कहता है. मनीषा खुद बताती हैं कि जब उनके रिश्तेदारों को पता चला कि वह पुलिस बल में शामिल हो रही हैं, उसपर उनका कहना था कि वह लंबे समय तक इस काम में नहीं टिकेंगी क्योंकि यह एक कठिन पेशा है.
सिंध प्रांत के जैकोबाबाद (Jacobabad) से आने वाली मनीषा ने सिंध पब्लिक सर्विस कमीशन (Sindh Public Service Commission) की परीक्षा पिछले साल क्लियर की है जिसमे 152 सफल अभियार्थियों में उनका स्थान 16वां है. अभी उनकी डीएसपी (DSP) की ट्रेनिंग चल रही है जिसके बाद उन्हें अपराध प्रभावित ल्यारी इलाके में तैनात किया जाएगा.
एक मध्यमवर्गीय परिवार में पली-बढीं रोपेटा पुलिस सर्विसेस में महिलाओं के स्थान को लेकर समाज के दकियानूसी नज़रिए से अच्छी तरह से वाकिफ हैं. मसलन यह कि अच्छे घर की लडकियों का पुलिस या जिला अदालतों से कोई लेना-देना नहीं होना चाहिए. रोपेटा इस बात को लेकर सजग हैं और कहती हैं कि वो इस भावना को ख़तम करना चाहती हैं. उनका यह भी मानना है कि महिलाओं का पुलिस बल में जाना या ऐसे बड़े आधिकारिक पदों पर आसीन होना इसलिए भी ज़रूरी है क्योंकि हमारे समाज में सबसे अधिक महिलाएं ही प्रताड़ित की जाती हैं. उन्हें कहना है कि एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के रूप में काम करना महिलाओं को सशक्त बनाता है और उन्हें अधिकार देता है.
महिला सशक्तिकरण के पक्ष में मनीषा पुलिस बल में लैंगिक समानता को प्रोत्साहन देना अपने लिए एक लक्ष्य की तरह देखती हैं.
सिंध पुलिस फ़ोर्स में पाकिस्तान के अल्पसंख्यक हिन्दू समाज से पुलिस बल में भर्ती होने वालों में मनीषा रोपेटा पहली हिन्दू नहीं हैं. कुछ ही साल पहले, उमरकोट की पुष्पा कुमारी सिंध पुलिस फ़ोर्स में असिस्टेंट सब-इन्स्पेक्टर बनने वाली पहली हिन्दू अधिकारी बनी थीं. सरकारी पदों पर ज्यादा महिलाएं, वो भी देश के अल्पसंख्यक समुदाय से, बदलते पाकिस्तान की तस्वीर बयां करता है.
(फीचर ईमेज क्रेडिट: @Mashable_PK)