पार्किंग सेवा उपलब्ध कराने वाले स्टार्टअप पार्क प्लस ने जुटाया 11 मिलियन का निवेश, स्टार्टअप बड़ी समस्या का कर रहा है समाधान
पार्किंग की सेवा उपलब्ध कराने के लिए काम कर रहे मोबाइल आधारित स्टार्टअप पार्क प्लस ने 11 मिलियन डॉलर का निवेश जुटाया है। स्टार्टअप देश के मुख्य शहरों में पार्किंग संबन्धित समस्या को लेकर काम कर है।
देश में पार्किंग के डिजिटलीकरण पर काम कर रहे स्टार्टअप पार्क प्लस ने सिकोया इंडिया और मैट्रिक्स पार्टनर्स इंडिया से इस राउंड में 11 मिलियन डॉलर का निवेश अर्जित किया है। इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार निवेश के इस राउंड में दीप कालरा, राजेश मागोव, आशीष हेमराजानी, कुनाल शाह, कुनाल बहल और रोहित बंसल जैसे एंजल इन्वेस्टर्स ने हिस्सा लिया है।
पार्क प्लस एक मोबाइल ऐप आधारित प्लेटफॉर्म है जो लोगों को पार्किंग के लिए स्थान ढूंढने में उनकी मदद करता है। पार्क प्लस रियल टाइम आधारित प्लेटफॉर्म है, जो लोगों को पार्किंग खोजने, जगह बुक करने, पेमेंट करने और स्टेटस ट्रैक करने में मदद करता है।
पार्क प्लस की स्थापना अमित लाखोटिया ने की है। अमित पेटीएम के शुरुआती दौर के कर्मचारी रहे हैं। अमित पेटीएम के वाइस प्रेसिडेंट पद पर भी रह चुके हैं।
इकनॉमिक टाइम्स से बात करते हुए अमित ने बताया,
“देश के सभी बड़े शहरों में पार्किंग एक बड़ी समस्या है। आज के समय में लोगों के पास पार्किंग खोजने के लिए कोई साधन उपलब्ध नहीं है।”
पार्किंग प्लस तकनीक की मदद से लोगों के बीच रोज़ की इस समस्या का समाधान कर रही है। पार्क प्लस द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भारत में पार्किंग के लिए जगह खोजने में ड्राइवर औसतन 10 से 15 मिनट का समय बर्बाद करते हैं।
देश में इस समय 5 करोड़ से अधिक कार हैं, जिनमें से 70 प्रतिशत कारें सिर्फ देश के मुख्य 15 शहरों में हैं। इस बड़े शहरों में मांग होने के बावजूद पार्किंग के लिए कोई उचित व्यवस्था या आधिकारिक संरचना नहीं है।