IIT कानपुर के भौतिकविदों की थर्मोडाइनैमिक्स के द्वितीय नियम पर नई खोज
शोधकर्ताओं ने पाया कि एक एकाकी सिस्टम डिसऑर्डर से ऑर्डर की ओर विकसित होती है, प्रक्रिया की व्याख्या करने के लिए हाइड्रोडायनामिक एन्ट्रॉपी का प्रस्ताव किया है.
आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) के भौतिकी विभाग के प्रो. महेंद्र वर्मा और शोधार्थी सौम्यदीप चटर्जी ने पता लगाया है कि दो आयामी (2D) यूलर प्रवाह (शून्य विस्कासिटी वाला प्रवाह) डिसऑर्डर से ऑर्डर की ओर विकसित होता है. यह खोज महत्वपूर्ण मूलभूत विषय जैसे डिसऑर्डर से ऑर्डर विकास व ऊष्मप्रवैगिकी के द्वितीय नियम पर प्रकाश डालता है.
फिजिकल रिव्यू फ्लुइड्स जर्नल में प्रकाशित अध्ययन, "हाइड्रोडायनामिक एंट्रॉपी एंड इमर्जेंस ऑफ ऑर्डर इन टू-डायमेंशनल यूलर टर्बुलेंस" में पाया गया है कि 2D यूलर प्रवाह डिसऑर्डर से ऑर्डर की ओर विकसित होता है और यह संतुलन से बाहर है.
थर्मोडाइनैमिक्स के नियमों (Second Law of Thermodynamics) के अनुसार, यूलर प्रवाह का थर्मोडाइनैमिक्स एन्ट्रॉपी बदलता नहीं है. शोधकर्ताओं, प्रोफेसर वर्मा और चटर्जी ने हाइड्रोडायनामिक और एस्ट्रोफिजिकल सिस्टम जैसे मल्टीस्केल सिस्टम के लिए "हाइड्रोडायनामिक एन्ट्रॉपी" प्रस्तावित किया और इसे यूलर टरबुलयंस के लिए नियोजित किया. उन्होंने दिखाया है कि 2D यूलर प्रवाह की हाइड्रोडायनामिक एंट्रॉपी समय के साथ घट जाती है. दोनों ने यह भी पाया है कि यूलर प्रवाह का एवोल्यूशन आरंभिक दशा (इनिशियल कंडीशन) पर निर्भर करती है.
नयी खोज 2D यूलर प्रवाह में हाइड्रोडायनामिक एन्ट्रापी में कमी थर्मोडायनामिक्स के दूसरे नियम का उल्लंघन नहीं है. निष्कर्ष बताते हैं कि एकाकी सिस्टम बड़े स्केल पर डिसऑर्डर से ऑर्डर की ओर विकसित होती है. अतः किसी भी सिस्टम में "डिसऑर्डर से ऑर्डर" पर सामान्य दावों से सावधान रहने की आवश्यकता है. अपने निष्कर्षों के आधार पर, प्रोफेसर वर्मा और चटर्जी का मानना है कि स्व-गुरुत्वाकर्षण सिस्टम में भी इस तरह का एवोल्यूशन हो सकता है.
शोधकर्ताओं के अनुसार, अध्ययन में प्रस्तावित हाइड्रोडायनामिक एन्ट्रॉपी बायोलॉजी, हाइड्रोडायनामिक्स, खगोल शास्त्र, अर्थ शास्त्र में उपयोगी साबित हो सकता है.
Edited by रविकांत पारीक