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जनजातीय युवाओं के स्किल डेवलपमेंट के लिए भोपाल में शुरू हुआ पायलट प्रोजेक्ट

इस कार्यक्रम में 50 जनजातीय जिलों को शामिल किया जाएगा, इसका उद्देश्य आदिवासी युवाओं को प्रशिक्षण देना और उन्हें सशक्त बनाना, रोजगार के अवसर पैदा करना तथा स्थानीय अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करना है।

जनजातीय युवाओं के स्किल डेवलपमेंट के लिए भोपाल में शुरू हुआ पायलट प्रोजेक्ट

Saturday May 14, 2022 , 3 min Read

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत संकल्प की शुरुआत ग्रामीण युवाओं के सशक्तिकरण से होती है। आत्मनिर्भर भारत का रास्ता देश के आत्मनिर्भर गांवों से होकर गुजरता है। भोपाल के सेंटर फॉर रिसर्च एंड इंडस्ट्रियल स्टाफ परफॉर्मेंस - CRISP में जनजातीय युवाओं के कौशल विकास के उद्देश्य से प्रायोगिक परियोजना के शुभारंभ अवसर पर कौशल विकास एवं उद्यमिता, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि आदिवासी युवाओं को कुशल बनाने के लिए ग्रामीण जनजातीय तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित होना इस दिशा में एक छोटा सा कदम है।

इस प्रायोगिक परियोजना में भारत के 6 राज्यों - मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र तथा ओडिशा से चुने गए 17 जिलों के 17 समूहों के लगभग 250 लाभार्थियों के लिए प्रशिक्षण की योजना बनाई गई है और इसका आयोजन विकास भारती, गुमला व झारखंड में किया जाएगा।

लाभार्थियों को 5 विषयों- विद्युत और सौर ऊर्जा, कृषि मशीनीकरण, ई-गवर्नेंस, नलसाजी और चिनाई, दोपहिया मरम्मत तथा रखरखाव में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। यह प्रशिक्षण युवाओं को अपना स्वयं का व्यवसाय शुरू करने में सक्षम बनाएगा, जिससे अन्य युवाओं के लिए भी रोजगार के अधिक अवसर सृजित होंगे।

उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कोविड के बाद - नई विश्व व्यवस्था में कौशल विकास के महत्व पर प्रकाश डाला। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोविड महामारी ने इलेक्ट्रॉनिक्स और डिजिटल उत्पादों की पारंपरिक आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवधान उत्पन्न किया है। उन्होंने कहा कि दुनिया अब एक भरोसेमंद साथी की तलाश में है। श्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि वर्तमान में दुनिया अब भारत की ओर देख रही है, इसलिए हमें अपने युवाओं को वैश्विक कौशल केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए उन्हें हुनरमंद बनाने की आवश्यकता है।

कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के ग्रामीण जनजातीय तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रम (ग्रामीण उद्यमी परियोजना) का शुभारंभ करते हुए राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि सरकार ग्रामीण युवाओं को अधिक अवसर प्रदान करने तथा स्थानीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कौशल को एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में प्राथमिकता दे रही है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय पहले ही ITI, JSS, PMKK, PMKVY तथा अप्रेंटिसशिप का एक व्यापक नेटवर्क तैयार कर चुका है और इसके द्वारा संचालित किए जा रहे 4500 से अधिक कौशल कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं के जीवन को बदला जा रहा है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आने वाले वर्षों में 50 आदिवासी जिलों में 50,000 से लेकर एक लाख छात्रों को अनेक कौशल के साथ व्यापक प्रशिक्षण दिया जाएगा।