पीयूष गोयल ने भारतीय उद्योग से जहां कहीं भी अवसर हो, स्थानीय स्तर पर खरीद करने का आग्रह किया
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय कारोबारियों से मूल्य वर्धित निर्यात को बढ़ावा देने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, "महंगाई पर काबू पाने के लिए सरकार ने कई कड़े कदम उठाए हैं. प्रधानमंत्री गति शक्ति से बुनियादी ढांचे की योजना बनाने और लॉजिस्टिक्स की लागत को कम करने में मदद मिलेगी."
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण एवं कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय उद्योग से कहा कि जहां कहीं भी अवसर हो, स्थानीय स्तर पर खरीद करें ताकि घरेलू आपूर्ति शृंखला मजबूत और अधिक लचीला हो और अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति शृंखलाओं पर अत्यधिक निर्भरता रखने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाया जाए। वह मंगलवार को स्विट्जरलैंड के दावोस में ’व्यापार 4.0 पर जलपान सत्र परिचर्चा’ को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि भारत की कहानी को दुनिया भर में काफी उत्सुकता के साथ लिया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि कोविड-19 जैसी बाधाओं, चिप की कमी, संघर्ष, कमोडिटी की बढ़ती कीमतें, कंटेनर की कमी और महत्वपूर्ण शिपिंग और लॉजिस्टिक्स की समस्याओं जिनका सामना पिछले दो साल से करना पड़ रहा है और जिनके चलते आपूर्ति शृंखला बुरी तरह प्रभावित होने से वैश्विक आर्थिक संतुलन बिगड़ गया है, इन सबके बावजूद, भारतीय कारोबारियों ने काफी लचीलापन दिखाया और निर्यात लक्ष्यों को पार कर और 421.8 अरब अमरीकी डॉलर मूल्य का निर्यात किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संदर्भ देते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि इन सभी समस्याओं में भारत एक नखलिस्तान है जो पारदर्शिता को दर्शाता है, विश्वास और समयबद्धता प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र ने हर संकट के समाधान को लेकर समयबद्ध तरीके से प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह जवाबदेही भारतीय व्यवसायों के लचीलेपन और राजनीतिक नेतृत्व के लचीलेपन एवं आत्मविश्वास की अभिव्यक्ति है।
साझा दृष्टिकोण की दिशा में एक साथ काम करने की आवश्यकता के बारे में चर्चा करते हुए गोयल ने विश्वास जताया कि अगर हम एक टीम के रूप में काम करते हैं तो भारत 2030 तक एक लाख करोड़ अमरीकी डालर मूल्य के माल और सेवाओं के निर्यात का लक्ष्य प्राप्त कर सकता है।
उन्होंने बताया कि पिछले 8 वर्षों में सरकार ने संरचनात्मक सुधारों पर व्यापक रूप से ध्यान केंद्रित किया है। मंत्री ने कहा कि संकट काल के दौरान हर गतिविधि में भारत की अच्छी स्थिति रही है। मंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया ने महामारी से प्रेरित लॉकडाउन के दौरान भारत को काम करने में मदद की है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत, जन धन-आधार-मोबाइल ट्रिनिटी, वित्तीय समावेशन, आयुष्मान भारत, टीकाकरण कार्यक्रम आदि जैसे मिशनों ने भारत को दुनिया के साथ अगले स्तर के विकास और जुड़ाव की तैयारी करने में मदद की है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दुनिया भारत को यथास्थिति के एक विश्वसनीय विकल्प के रूप में देख सकती है। उन्होंने मैन्युफैक्चरिंग, निवेश और टेक्नोलॉजी को भारत आने के लिए आमंत्रित किया।
उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत ने महंगाई पर लगाम लगाने, ब्याज दरों को नियंत्रण में रखने और रुपये के मूल्यह्रास पर लगाम लगाने के लिए कई कड़े कदम उठाए हैं ताकि विकास और समृद्धि प्रभावित न हो।
उन्होंने भारतीय उद्योग से मूल्य वर्धित निर्यात को बढ़ावा देने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि भारत से बाहर जाने वाले कच्चे माल के बदले नई नौकरियां भारत में आएं। उस दिशा में किए जा रहे गंभीर प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए मंत्री ने कहा कि सरकार कीमतों के व्यवस्थित व्यवहार को सुनिश्चित करने और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास कर रही है कि व्यवसाय से मूल्य और रोजगार में वृद्धि हो।
पीएम गतिशक्ति जैसे उपायों के माध्यम से लॉजिस्टिक्स की लागत को कम करने के लिए सरकार की कोशिश पर बल देते मंत्री ने कहा कि नेशनल मास्टर प्लान इन्फ्रास्ट्रक्चर की योजना में सुधार करने और परियोजनाओं का कार्यान्वयन समय और बजट के भीतर सुनिश्चित करने में मदद करेगा।
यह आश्वासन देते हुए कि सरकार पूरे दिल से व्यवसायों का समर्थन करेगी, मंत्री ने उद्योग से सभी आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने का आग्रह किया।
अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति शृंखलाओं पर अत्यधिक निर्भरता को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए, गोयल ने व्यवसायों से आग्रह किया कि जहां कहीं भी अवसर हो, स्थानीय स्तर पर खरीद करें। उन्होंने व्यवसायों से एक-दूसरे का समर्थन करने और घरेलू आपूर्ति शृंखला को मजबूत करने में मदद करने को कहा।
संयुक्त अरब अमीरात और ऑस्ट्रेलिया के साथ हाल ही में किए गए व्यापार समझौतों का उल्लेख करते हुए मंत्री ने कहा कि ये समझौते अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में नए मोर्चे खोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि कनाडा, यूरोपीय संघ, यूके, इजराइल और जीसीसी के साथ समझौते पाइपलाइन में हैं। मंत्री ने कहा कि दुनिया को भारत पर बहुत भरोसा है और वह इसके साथ उत्साह से जुड़ना चाहता है।
पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाओं को देखते हुए मंत्री ने और अधिक कारोबारियों से पर्यटन क्षेत्र में आने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि व्यापार, पर्यटन और प्रौद्योगिकी, तीन प्रमुख क्षेत्र हैं जिन्हें दुनियाभर में सभी भारतीय मिशनों को बढ़ावा देने के लिए कहा गया है, को उड़ान भरना ताकि भारत को वस्तुओं और सेवाओं के गुणवत्ता आपूर्तिकर्ता के रूप में पहचान मिले।
उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि प्रत्येक भारतीय मिशन को भारतीय उद्योग का समर्थन करने और हमारे कारोबारियों की मदद करने का काम सौंपा गया है।
उन्होंने कहा कि हर मिशन, हर कार्यालय, हर अधिकारी अब भारतीय व्यवसायों के लिए खड़े होने के लिए तैयार है और यही व्यापार 4.0 का नेतृत्व करेगा।
मंत्री ने कहा कि सरकार एक नए भारत की पटकथा को फिर से लिखने के मिशन पर है जो वैश्विक व्यापार में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए तैयार है। उन्होंने निवेशकों से भारत में अपने विचारों, प्रतिभा और असीम क्षमता में निवेश करने के लिए कहा। मंत्री ने कहा कि भारत ही भविष्य है।