एम्स ऋषिकेश में प्लाज्मा थेरेपी हुई शुरू, संक्रमण से उबर चुके लोगों से प्लाज्मा दान करने की अपील
उत्तराखंड में अब तक कोरोना वायरस के 8 हज़ार से अधिक मामले पाये जा चुके हैं, जिनमें 48 सौ से अधिक लोग इससे रिकवर भी हो चुके हैं।
ऋषिकेश, ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में मंगलवार से कोविड—19 मरीजों के लिए ‘कॉनवेल्सेंट’ प्लाज्मा थेरेपी शुरू हो गई।
उत्तराखंड में यह थेरेपी पहली बार शुरू हुई है। एम्स ऋषिकेश के निदेशक रविकांत ने यह जानकारी देते हुए कोरोना वायरस संक्रमण से उबर चुके लोगों से अपील भी की कि वे इस बीमारी से जूझ रहे अन्य लोगों की प्राणरक्षा के लिए अपने प्लाज्मा का दान दें।
एम्स में दो अगस्त को ‘कॉनवेल्सेंट’ प्लाज्मा का सफलतापूर्वक संरक्षण किया गया था।
गौरतलब है कि एम्स में 24 जुलाई को प्लाज्मा देने वाले लोगों के प्रथम समूह को इस प्रकिया के बारे में जानकारी दी गई थी और 27 जुलाई, 29 जुलाई व एक अगस्त को ठीक हुए तीन कोविड -19 मरीजों से तीन यूनिट प्लाज्मा प्राप्त किया गया था। इस प्लाज्मा का उपयोग कोविड -19 रोगियों के इलाज में किया जाएगा।
उत्तराखंड में कोरोना वायरस के 8 हज़ार से अधिक मामले पाये जा चुके हैं, जिनमें 48 सौ से अधिक लोग इससे रिकवर हो चुके हैं।