प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना: FY2022-23 में प्रति व्यक्ति खपत में वृद्धि 3.01 से बढ़कर 3.71 हुई
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) को गरीब परिवारों की प्रमुख स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन एलपीजी तक पहुंच में सुधार के लिए मई 2016 में आरम्भ किया गया था. इस योजना का उद्देश्य गरीब परिवारों को अपना पहला कदम उठाने और स्वच्छता से खाना पकाने की दिशा में व्यवहारिक बदलाव लाने में मदद करना है.
विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को पारंपरिक ईंधन के इस्तेमाल के कारण होने वाले स्वास्थ्य संबंधी खतरों से छुटकारा दिलाने के लिए पर्यावरण के अनुकूल स्वच्छ खाना पकाने का ईंधन मुहैया कराने के लिए, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 1 मई, 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया से प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) शुरू की गई थी.
वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान पूरी दुनिया कोविड की चपेट में थी और PMUY परिवारों, जो सबसे गरीब लोग हैं, का समर्थन करने के लिए सरकार ने PMGKP के तहत प्रत्येक PMUY परिवारों को 3 मुफ्त रिफिल प्रदान करने की घोषणा की. योजना के संचालन के दौरान, PMUY लाभार्थियों को कुल 14.17 करोड़ रिफिल मुफ्त दिए गए.
प्री-कोविड वर्ष यानी वित्त वर्ष 2019-20 के आंकड़ों के आधार पर, प्रति व्यक्ति खपत में वृद्धि हुई है जो वित्त वर्ष 2022-23 में 3.01 से बढ़कर 3.71 हो गई है.
PMUY परिवार गरीब परिवारों में सबसे गरीब हैं. उज्ज्वला योजना (PMUY) को गरीब परिवारों की प्रमुख स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन एलपीजी तक पहुंच में सुधार के लिए मई 2016 में आरम्भ किया गया था. इस योजना का उद्देश्य गरीब परिवारों को अपना पहला कदम उठाने और स्वच्छता से खाना पकाने की दिशा में व्यवहारिक बदलाव लाने में मदद करना है.
भारत जैसे लोकतांत्रिक समाज में व्यवहारिक परिवर्तन लाने में बहुत समय और लगातार प्रयासों की आवश्यकता होती है. PMUY ने लाखों गरीब परिवारों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन मुहैया करवाकर स्वस्थ एवं प्रदूषण मुक्त जीवन की दिशा में उनके पहले कदम में सफलतापूर्वक सहायता की है और साथ ही साथ एमओपी और एनजी के तहत तेल विपणन कंपनियां एलपीजी पंचायत और सार्वजनिक आउटरीच जैसी पहलों के माध्यम से व्यवहार परिवर्तन की दिशा में अपने प्रयत्न जारी रख रही हैं.
2022-23 के दौरान 88 प्रतिशत गरीब PMUY परिवारों ने रिफिल लिया है. रिफिल लेने वाले PMUY लाभार्थी 2017-18 में 3 करोड़ से बढ़कर 2018-19 में 6 करोड़, 2019-20 में 6.5 करोड़, 2020-21 में 8 करोड़, 2021-22 में 8.05 करोड़ और 2022-23 में 8.41 करोड़ हो गये हैं.
इसके अलावा, पिछले पांच वर्षों में PMUY उपभोक्ताओं की प्रति व्यक्ति खपत में 24 प्रतिशत की वृद्धि की शानदार उपलब्धि इस योजना द्वारा लाई गई सद्भावना का प्रमाण है.
PMUY लाभार्थियों द्वारा लिया गया कुल रिफिल 2018-19 में 16 करोड़ से बढ़कर 2022-23 में 35 करोड़ हो गया है, जो PMUY परिवारों के अस्वच्छ रसोई से उज्ज्वल भविष्य की ओर स्थायी बदलाव में नियमित और निरंतर वृद्धि को सच सिद्ध करता है.