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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस खास मकसद से शुरू किया 'मिशन लाइफ अभियान'

मिशन लाइफ के लॉन्चिंग के समय मानव जीवन से जुड़ी अहम बदलाव के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "जलवायु परिवर्तन का प्रभाव अभूतपूर्व है! ग्लेशियर पिघल रहे हैं, समुद्र का स्तर बढ़ रहा है और अन्य प्रभाव इस ग्रह पर रहने वाले सभी लोगों पर दिखाई दे रहे हैं."

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस खास मकसद से शुरू किया 'मिशन लाइफ अभियान'

Thursday October 20, 2022 , 4 min Read

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने पर्यावरण की रक्षा के लिए जीवनशैली में बदलाव का आह्वान किया है. गुजरात में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (Statue of Unity) में मिशन लाइफ (Mission Life) के वैश्विक शुभारंभ के बाद अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि जीवनशैली में बदलाव से जलवायु परिवर्तन (Climate Change) को कम किया जा सकता है.

जलवायु परिवर्तन के खतरे से निपटने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हजारों वर्षों से कम उपयोग, पुन: उपयोग, पुनर्चक्रण और चक्रीय अर्थव्यवस्था, भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत, पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ विकास का सबसे अच्छा उदाहरण है. महात्मा गांधी की संरक्षण की अवधारणा को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मिशन लाइफ हमे पर्यावरण का संरक्षक बनने के लिए प्रोत्साहित करता है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन केवल नीति-से जुडा मुद्दा नहीं है. उन्होंने जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने के लिए संयुक्त प्रयासों पर जोर दिया. पीएम मोदी ने कहा कि मिशन लाइफ ग्रह हितैषी लोगों की अवधारणा को मजबूत करता है. उन्होंने अक्षय ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में गुजरात सरकार के प्रयासों की सराहना की. प्रधानमंत्री ने कई अन्य पहलों की भी चर्चा की.

मिशन लाइफ के लॉन्चिंग के समय मानव जीवन से जुड़ी अहम बदलाव के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "जलवायु परिवर्तन का प्रभाव अभूतपूर्व है! ग्लेशियर पिघल रहे हैं, समुद्र का स्तर बढ़ रहा है और अन्य प्रभाव इस ग्रह पर रहने वाले सभी लोगों पर दिखाई दे रहे हैं."

उन्होंने इस समस्या ने निपटने के लिए व्यक्तिगत योगदान पर जोर देते हुए बताया कि मिशन लाइफ इस मंत्र पर आधारित है कि हर छोटी क्रिया मायने रखती है. उदाहरण के लिए एसी का तापमान 18 डिग्री पर रखने और फिर कंबल लेने के बजाय एसी का तापमान 24 डिग्री पर रखें और बिजली की खपत कम करें. कार से जिम जाने से बेहतर है कि आप अपने गंतव्य की ओर चलने का चुनाव करें. यह किसी के स्वास्थ्य में सुधार करेगा और ईंधन और ऊर्जा का भी संरक्षण करेगा.

पिछले साल ग्लासगो में 26वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP26) के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा LiFE का विचार पेश किया गया था. यह विचार एक पर्यावरण के प्रति जागरूक जीवन शैली को बढ़ावा देता है जो ‘माइंडलेस और फिजूलखर्ची’ के बजाय ‘सावधान और जानबूझकर उपयोग’ पर केंद्रित है. इसमें लाइफ का मतलब लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट है. इस मिशन के उद्देश्य की बात की जाए तो इस मिशन के माध्यम से व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर पर मैक्रो उपायों और कार्यों को लागू करके जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करना है.

मिशन लाइफ मानता है कि अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करके पर्यावरण की रक्षा की जा सकती है. मिशन लाइफ P3 की अवधारणा को मजबूत करेगा. इसमें P3 का तात्पर्य #ProPlanetPeople से है. मिशन लाइफ में दुनियाभर से एक नई शुरुआत की अपील की जाएगी. इसमें पर्यावरण को बचाने के लिए शपथ लेने और सेनानी बनने के अलावा संरक्षण की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित किया जाएगा. यह मिशन इस धरती की सुरक्षा के लिए जन-जन की शक्तियों को जोड़ता है, उनका बेहतर इस्तेमाल करना सिखाता है साथ ही साथ क्लाइमेट चेंज के खिलाफ लड़ाई को लोकतांत्रिक बनाता है, ताकि हर कोई अपने सामर्थ्य के हिसाब से योगदान दे सके. मिशन लाइफ, धरती के लोगों को #ProPlanetPeople के तौर पर जोड़कर सबको एक मंच पर ला देता है.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंतोनियो गुतरस ने इस अवसर पर विकसित देशों से अपनी जलवायु प्रतिबद्धताओं को निभाने और भारत जैसे देशों को सार्थक वित्तीय तथा तकनीकी सहायता प्रदान करने का आग्रह किया. उन्होंने पृथ्वी की रक्षा के लिए समाधान खोजने में व्यक्तियों और समुदायों की भागीदारी पर जोर दिया.

प्रधानमंत्री ने केवड़िया में मिशन प्रमुखों के सम्मेलन में भी भाग लिया. उनका आज दक्षिण गुजरात के तापी जिले के व्यारा में एक हजार 970 करोड़ रुपये की लागत की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने का भी कार्यक्रम है.


Edited by रविकांत पारीक