उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बैंकिंग सीख रहे हैं बच्चे, खाता खोलने से लेकर कैशियर तक, मिल रही है हर जानकारी
प्रथम फ़ाउंडेशन आज भारत के सबसे अधिक जनसंख्या वाले प्रदेश उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में बच्चों को बैंकिंग से रूबरू करा रहा है।
संयुक्त राज्य अमेरिका के संस्थापकों में से एक बेंजामिन फ्रैंकलिन ने एक बार कहा था कि ज्ञान में किया गया निवेश सर्वोत्तम ब्याज देता है।
आज उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सरकारी स्कूल अब छात्रों को बैंक लेनदेन की मूल बातें सिखा रहे हैं। इसके लिए गैर-सरकारी संगठन प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन बच्चों को अपने तर्क कौशल का अभ्यास करने और सीखने की अधिक व्यवस्थित पद्धति विकसित करने में मदद कर रहा है।
1995 में स्थापित इस एनजीओ का उद्देश्य शिक्षा प्रणाली में बीच पनपे अंतराल को संबोधित करना और भारत में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है। ये स्कूल कक्षा 2 और कक्षा 3 में पढ़ रहे अपने छात्रों को बैंक ट्रैंज़ैक्शन के बारे में जानकारी देते हैं, इसके लिए ये विशेष तरह से प्रिंट किए गए करन्सी नोटों का उपयोग करते हैं।
बच्चे समूहों में काम करते हैं, इससे उन्हें बैंक खाते खोलने में अपने साथियों की सहायता करने में मदद मिलती है। इस खास बैंकिंग कक्षा में बच्चे सुरक्षा गार्ड की भूमिका को भी मानते हैं।
इसके अलावा उन्हें एक कैशियर के कर्तव्यों का निर्वहन करना सिखाया जाता है। रिकॉर्ड बनाए रखना और ग्राहकों के साथ व्यवहार करना जैसे कौशल भी इन पाठों द्वारा छात्रों में विकसित किए जाते हैं।
एनडीटीवी से बातचीत में फाउंडेशन के राज्य प्रमुख नुजहत मलिक कहती हैं,
"हम बच्चों को जीवन का व्यावहारिक ज्ञान देना चाहते हैं ताकि वे चौतरफा व्यक्तित्व विकास के साथ बड़े हो सकें। हम उन्हें बैंकिंग का महत्व सिखाते हैं और फिर उन्हें इसके बारे में बताते हैं।"
बच्चों के माता-पिता ने इस अनोखे उद्यम की प्रशंसा की है क्योंकि देश भर के स्कूलों और विश्वविद्यालयों में बैंकिंग और वित्त से संबंधित शिक्षा की कमी है। अब तक NGO ने विशेष रूप से लखनऊ के प्राथमिक सरकारी स्कूलों में बैंकिंग को जीवन कौशल के रूप में रेखांकित करते हुए इस शिक्षण मॉडल को शामिल किया है।
फ़ाउंडेशन के अनुसार, 2017-18 में प्रथम ने 15 राज्यों में भागीदारी की और 67 लाख बच्चों तक पहुँच बनाई। 2018-19 में यह संख्या दोगुने से अधिक करीब 1.56 करोड़ बच्चों तक पहुँच गई है। इस पहल में देश की सबसे अधिक जनसंख्या वाले प्रदेश उत्तर प्रदेश ने व्यापक भागीदारी के साथ कक्षा 1 से 5 तक के सभी प्राथमिक विद्यालयों में इसे शामिल किया।